ग्रामीण विकास मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पब्लिक डोमेन में ग्रामीण कनेक्टिविटी जीआईएस डेटा जारी किया


ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, यह डेटा उद्यमियों के लिए अवसरों के नए दरवाजे खोलेगा

ग्रामीण बुनियादी ढांचे के डेटा का उपयोग कर ग्रामीण भारत का विकास करके ही प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत विजन को हासिल किया जा सकता है

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और जीवन यापन को सुगम बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय एक हैकाथॉन शुरू करेगा

Posted On: 22 FEB 2022 7:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज पब्लिक डोमेन में ग्रामीण कनेक्टिविटी जीआईएस डेटा जारी किया। इसमें 800,000+ ग्रामीण सुविधाओं, 10 लाख+ बस्तियों और 25,00,000+ किमी ग्रामीण सड़कों के लिए जीआईएस डेटा शामिल है, जिसे पीएमजीएसवाई योजना के लिए विकसित जीआईएस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते जुटाया और डिजिटलीकरण किया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और साध्वी निरंजन ज्योति भी उपस्थित रहे।

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पीएमजीएसवाई योजना की नोडल कार्यान्वयन एजेंसी, एनआरआईडीए ने 3 प्रसिद्ध जीआईएस फर्मों ईएसआरआई इंडिया, मैपमाईइंडिया, डेटामीट के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और गति शक्ति के सहयोग से पब्लिक डोमेन में ग्रामीण कनेक्टिविटी जीआईएस डेटा जारी किया गया।

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श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई योजना की शुरुआत के बाद से 2.69 लाख करोड़ की लागत से 1,61,508 बस्तियों को जोड़ने वाली 6.90 लाख किमी से अधिक सड़कों का निर्माण किया गया है। पिछले सात वर्षों के दौरान पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण में काफी वृद्धि हुई है और नई तकनीक पर जोर दिया गया। इसके चलते करीब 5000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराए गए डेटा स्टार्टअप्स, उद्यमियों, व्यवसायों, सिविल सोसाइटी, शिक्षाविदों और अन्य सरकारी विभागों के लिए उत्पाद बनाने, अनुसंधान करने, निवेश की योजना बनाने, सेवा वितरण में सुधार और त्वरित आपदा प्रतिक्रिया के लिए लाभकारी हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन को दोहराया और कहा कि यह सरकार के पास उपलब्ध ग्रामीण बुनियादी ढांचे के डेटा के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत को विकसित करके ही हासिल किया जा सकता है।

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श्री एन. एन. सिन्हा, सचिव (आरडी) ने बताया कि ग्रामीण बुनियादी ढांचा जीआईएस डेटा शहरी और ग्रामीण भारत के बीच खाई को पाटने और भारत को 'आत्मनिर्भर भारत' में बदलने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी दृष्टिकोण सामने रखा कि एक बार पोर्टल पर सबके पतों का डिजिटलीकरण हो जाने के बाद वैक्सीन जैसी आवश्यक चीजों की डिलिवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

डॉ. आशीष कुमार गोयल, एएस (आरडी) एवं डीजी, एनआरआईडीए ने अपने संबोधन में कहा कि पीएमजीएसवाई योजना ने ग्रामीण भारत के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाई है और पीएमजीएसवाई लोगो गुणवत्ता और स्थिरता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक के तहत अब तक 1,00,000 किमी से अधिक सड़कों को मंजूरी दी गई है और पीएमजीएसवाई-III के तहत 50 फीसदी सड़कों को नई/हरित तकनीक के तहत स्वीकृत किया गया है। इन सड़कों की मंजूरी, कार्यान्वयन, रखरखाव और शिकायत निवारण के लिए, एनआरआईडीए ने ओएमएमएएस, जियोसड़क (जीईओएसएडीएके), जीईपीएनआईसी, ईमार्ग और मेरीसड़क जैसे आईटी एसेट्स का उपयोग किया है। डीजी एनआरआईडीए ने इस बात पर जोर दिया कि जीआईएस डेटा पर तीन पार्टनरों के साथ हस्ताक्षर किए गए एमओयू का उपयोग पूरे देश के लाभ के लिए व्यावसायिक अनुप्रयोग में किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय जल्द ही डेटामीट संगठन की मदद से एक हैकाथॉन शुरू करेगा, जहां आज जारी किए गए डेटा का उपयोग डेटा विजुअलाइजेशन, नीति अनुसंधान और अन्य उत्पादों के लिए किया जा सकता है। इसकी मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और जीवन यापन को सुगम बनाने का उद्देश्य पूरा हो सकता है।

जीआईएस डेटा के शुभारंभ के बाद एक तकनीकी सत्र आयोजित किया गया, जहां ईएसआरआई इंडिया, मैपमाईइंडिया, डेटामीट, गति शक्ति और सीडीएसी पुणे की ओर से प्रजेंटेशन दिए गए।

पीएमजीएसवाई ग्रामीण कनेक्टिविटी डेटासेट्स (पीआरसीडी) को डाउनलोड करने का लिंक:

https://geosadak-pmgsy.nic.in/OpenData

यह डेटा भारत सरकार के ओपन डेटा लाइसेंस के तहत जारी किया गया है और सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए मुफ्त उपलब्ध है।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य पूरे देश में आबादी वाली बस्तियों को बारहमासी सड़क से जोड़ना था। बाद में, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण सड़कों का समेकन और उन्नयन भी शामिल किया गया। शुरुआत के बाद से, 7.83 लाख किमी सड़कों को मंजूरी दी गई है और 2.69 लाख करोड़ रुपये की लागत से 6.90 लाख किमी सड़कों का निर्माण किया गया है।

लॉजिस्टिक खर्च को कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भारत में बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की योजना बनाने और उसके क्रियान्वयन के लिए गति शक्ति एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान और डिजिटल प्लेटफॉर्म है। एनआरआईडीए दोनों योजनाओं की बेहतर योजना और कार्यान्वयन के लिए डेटा के आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से गति शक्ति के साथ सहयोग कर रहा है।

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