ग्रामीण विकास मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण ( पीएमएवाईजी ) डैशबोर्ड का शुभारंभ किया


मंत्री ने अधिकारियों से डैशबोर्ड सार्वजनिक करने को कहा जिससे कि इसे  ‘ आम जनता का पोर्टल ‘ बनाया जा सके

2.62 करोड़ घरों के लक्ष्य के मुकाबले 1.73 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है

Posted On: 22 FEB 2022 6:55PM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास तथ पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने योजना के कार्यान्वयन की सख्त निगरानी के लिए आज पीएमएवाईजी डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। डैशबोर्ड का उपयोग पीएमएवाईजी के हितधारकों द्वारा निगरानी तथा प्रबंधकीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। श्री सिंह ने अधिकारियों से डैशबोर्ड सार्वजनिक करने को कहा जिससे कि इसे वास्तव में ‘ आम जनता का पोर्टल बनाया जा सके।

 

 भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहिष्णुता की सरकार की नीति की चर्चा करते हुए श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि डैशबोर्ड योजना के कार्यान्वयन में पूरी पारदर्शिता उपलब्ध कराएगा। श्री सिंह ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि डैशबोर्ड का लिंक गांवों के सरपंचों से लेकर संसदीय क्षेत्रों के सांसदों तक पहुंचना चाहिए जिससे कि वे योजना की निगरानी कर सकें। श्री सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव को भी डैशबोर्ड के सार्थक उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी करने को कहा। श्री सिंह ने कहा कि प्रखंड अधिकारी को प्रखंड के सभी सभी निर्वाचित और गैर निर्वाचित प्रतिनिधियों को डैशबोर्ड का लिंक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उन्होंने एनआईसी को भी पोर्टल पर शिकायतों को दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करने को कहा।

डैशबोर्ड पहली झलक में पीएमएवाई-जी स्कीम की वास्तविक और वित्तीय प्रगति के लिए विश्लेषणात्मक तथा रणनीतिक आसूचना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समस्त प्रकार की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। डैशबोर्ड कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है जिसमें पूरी वास्तविक और वित्तीय प्रगति का सिंगल स्क्रीन विजुअलाइजेशन तथा विषमताओं, बाहरी कारकों, विसंगतियों आदि का पता लगाने के लिए किश्तों के जारी होने में अंतराल/विलंबों, घर निर्माण की गति, आयु-वार, वर्ग-वार डाटा विश्लेषण करते हुए प्रखंड स्तर तक परीक्षण योग्य राज्य स्तरीय रिपोर्ट शामिल है। यह व्यवसाय उपयागकर्ताओं के घनिष्ठ समन्वयन में गतिशील तथा अनुकूलन योग्य डाटा विजुअलाइजेशन का उपयोग करने के जरिये मंजूरी तथा पूर्णता प्रगति के लिए रुझान विश्लेषण को भी दर्शाता है।

अब से, डैशबोर्ड के उपयोगकर्ताओं को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए विभिन्न रिपोर्टों की समीक्षा करने एवं विश्लेषण करने में बहुत अधिक समय व्यतीत करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह डैशबोर्ड यूजर को एक झलक में पीएमएवाईजी की समग्र स्थिति को देख सकने में सक्षम बनाएगा तथा वांछित सूचना को प्राप्त करने में सहायता करेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते तथा साध्वी निरंजन ज्योति, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री कपिल पाटिल, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा तथा उप महानिदेशक श्री गया प्रसाद भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

वर्ष 2024 तक ‘‘ सभी के लिए घर ‘‘ उपलब्ध कराने का लक्ष्य अर्जित करने के लिए, भारत सरकार ने ग्रामीण आवास स्कीम, प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण ( पीएमएवाई-जी) आरंभ की जो 1 अप्रैल 2016 से प्रभावी हुई। इस कार्यक्रम में वर्ष 2024 तक सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों की पूर्णता की परिकल्पना की गई है। 21 फरवरी, 2022 तक, 2.62 करोड़ घरों के आवंटित कुल लक्ष्य के मुकाबले कुल 1.73 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।

कुछ कार्यान्वयन सुधारों को लागू  किए जाने के साथ पीएमएवाई-जी के तहत, सरकार का लक्ष्य घरों के निर्माण की गति एवं गुणवत्ता में सुधार लाना, लाभार्थियों को समय पर फंडों का जारी किया जाना सुनिश्चित करना, लाभार्थियों के खाते में फंडों का प्रत्यक्ष हस्तांतरण, लाभार्थियों को तकनीकी सहायता, एमआईएस - आवाससॉफ्ट तथा आवासऐप के माध्यम से सख्त निगरानी करना है। स्कीम का कार्यान्वयन तथा निगरानी व्यापक ई-गवर्नमेंट सॉल्यूशंस एमआईएस-आवाससॉफ्ट तथा आवासऐप के माध्यम से की जा रही है। आवाससॉफ्ट स्कीम के कार्यान्वयन पहलुओं से संबंधित विविध आंकड़ों की डाटा एंट्री तथा निगरानी के लिए कार्यात्मकता प्रदान करता है।

2016 में स्कीम के लांच होने के बाद से, सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ताओं के लिए और अधिक अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसे और अधिक सुगम बनाने तथा कार्यक्रम के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाने रखने के लिए सॉफ्टवेयर में नए मॉड्यूल जोड़े जा रहे हैं। आवाससॉफ्ट में नए मॉड्यूल जोडे जाने के संदर्भ में जो प्रमुख कदम उठाये गए हैं, उनमें लैंडलेस मॉड्यूल, कन्वर्जेंस मॉड्यूल, ई-टिकटिंग सिस्टम, आधार आधारित इनेबल्ड पेमेंट आदि जैसे मॉड्यूल शामिल हैं।

 

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