स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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कोविड-19 : मिथक बनाम तथ्य


मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पीएमकेयर्स के माध्यम से छत्तीसगढ़ में स्थापित पीएसए संयंत्रों का उचित रखरखाव नहीं किया जा रहा है, यह गलत और भ्रामक बात है

इन संयंत्रों का ठीक ढंग से संचालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा करता रहता है

Posted On: 10 JAN 2022 8:24PM by PIB Delhi

कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम केयर्स फंड के माध्यम से स्थापित पीएसए संयंत्रों का ठीक तरह से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। इस तरह की मीडिया रिपोर्ट भ्रामक और गलत हैं। ये तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्रोतों से 122 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 49 संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत स्थापित और चालू कर दिया गया है। पीएसए संयंत्र के 1000 घंटे चलने के बाद पीएसए संयंत्रों में चिकित्सा स्तर की ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए अवशोषक खनिज सामग्री (जिओलाइट) को बदलने की जरूरत होती है। उद्योग के नियमों के अनुसार जिओलाइट के उपयोग की अवधि 3-5 साल होती है और इसके बाद ही बदला जाना चाहिए। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा कर रहा है और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से बार-बार आग्रह किया गया है कि वे अपने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से स्थापित किए जा रहे पीएसए संयंत्रों को लगाकर उसे चालू करें।

 

राज्य-सीएसआर

विदेशी मदद

पीएसयू

पीएम केयर्स

कुल

स्वीकृत

चालू

स्वीकृत

चालू

स्वीकृत

चालू

स्वीकृत

चालू

स्वीकृत

चालू

64

33

5

5

4

4

49

49

122

91

 

इन सभी पीएम केयर्स संयंत्रों की मानक वारंटी है, जैसे डीआरडीओ से प्राप्त संयंत्रों के लिए 1 साल की वारंटी, एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड (एचआईटीईएस) के लिए 5 साल और सेंट्रल मेडिकल सर्विसेज सोसाइटी (सीएमएसएस) के लिए 10 साल की मानक वारंटी है।

 

पीएसए एजेंसी-वार प्रगति

डीआरडीओ

एचआईटीईएस

सीएमएसएस

कुल

स्वीकृत

स्वीकृत

स्वीकृत

कुल शुरू हुए

41

4

4

49

 

  • एचआईटीईएस और सीएमएसएस, एएमसी और सीएएमसी समेत

एमओएचएफडब्लू साप्ताहिक समीक्षा के अनुसार, 49 में से 13 संयंत्रसाइट और वेंडर से जुड़े मामलों के कारण फिलहाल नहीं चल रहे हैं, जिसे पहले ही राज्यों/एजेंसियों के साथ साझा किया जा चुका है। विवरण इस प्रकार है:

 

#

जिला

अस्पताल का नाम

बेड क्षमता

संयंत्र क्षमता(एलपीएम)

एजेंसी

समस्या (1)

समस्या विस्तार से (1)

समस्या प्रकार

1

बलरामपुर

जिला अस्पताल बलरामपुर

100

1000

डीआरडीओ

अन्य

1000 घंटे चलने के बाद संयंत्र अपने आप बंद हो गया। मैंने इंजीनियर से बात की है। उन्होंने कहा है कि सर्विसिंग की जरूरत है।

साइट इशू

2

धमतरी

जिला अस्पताल धमतरी

88

1000

डीआरडीओ

अन्य

दिया गया संपर्क विवरण गलत है।

साइट इशू

3

जसपुर

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार

30

250

डीआरडीओ

एमजीपीएस इशू

पाइपलाइन का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।.

साइट इशू

4

कोंडागांव

जिला अस्पताल कोंडागांव

200

500

डीआरडीओ

इलेक्ट्रिकल इशू

संयंत्र के लिए 100 केवीए ट्रांसफार्मर चाहिए।

साइट इशू

5

महासमुंद

मेडिकल कॉलेज अस्पताल महासमुंद

300

1000

एचआईटीईएस

इलेक्ट्रिकल इशू

ट्रांसफार्मर की जरूरत है।

साइट इशू

6

रायगढ़

सीएचसी चपले

400

500

डीआरडीओ

कंप्रेशर/स्टेबलाइजर इशू

कंप्रेशर में कुछ दिक्कत है।

वेंडर इशू

7

रायगढ़

एमसीएच डीसीएच रायगढ़

100

1000

एचआईटीईएस

कंप्रेशर/स्टेबलाइजर इशू

कंप्रेशर काम नहीं कर रहा।

वेंडर इशू

8

रायपुर

बीआर अंबेडकर अस्पताल मेडिकल कॉलेज

1280

1000

डीआरडीओ

पीएसए पुर्जा गायब/टूटा

एयर फिल्टर खराब।

वेंडर इशू

9

रायपुर

जिला अस्पताल पंडरी

100

1000

डीआरडीओ

शुद्धता इशू

97% शुद्धता मिलती है, संयंत्र को रीकैलिबर करने की जरूरत है।

वेंडर इशू

10

रायपुर

एम्स रायपुर

750

1000

डीआरडीओ

पीएसए पुर्जा गायब/टूटा

जब प्रेशर कम या ज्यादा रहता है तो अलार्म काम नहीं करता।

वेंडर इशू

11

राजनांदगांव

मातृ शिशु स्वास्थ्य ईकाई डोंगरगांव

50

250

डीआरडीओ

शुद्धता इशू

शुद्धता 60% से कम है

वेंडर इशू

12

सूरजपुर

जिला अस्पताल सूरजपुर

100

500

डीआरडीओ

शुद्धता इशू

शुद्धता का स्तर मानक तक नहीं पहुंच रहा।

वेंडर इशू

13

सरगुजा

एमसीएच उदयपुर

50

250

डीआरडीओ

साइट इशू

सिविल वर्क अधूरा है (चारदीवारी नहीं बनी)।

साइट इशू

 

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