शिक्षा मंत्रालय
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शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई और डीपीआईआईटी आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 10 जनवरी से 16 जनवरी, 2022 तक ‘राष्ट्रीय नवाचार सप्ताह’ का आयोजन कर रहे हैं


श्री राजकुमार रंजन सिंह कल ‘शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण’ विषय पर एक दो - दिवसीय ई-संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे

Posted On: 10 JAN 2022 5:07PM by PIB Delhi

प्रगतिशील भारत के 75वें वर्ष, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के उद्देश्य से  शिक्षा मंत्रालय (एमओई), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (डीपीआईआईटी) संयुक्त रूप से 10 जनवरी से लेकर 16 जनवरी 2022 तक ‘राष्ट्रीय नवाचार सप्ताह’ का आयोजन कर रहे हैं। यह नवाचार सप्ताह, शिक्षा मंत्रालय का प्रतीकात्मक सप्ताह भी है। यह नवाचार सप्ताह भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए इन एजेंसियों द्वारा की गई विभिन्न पहलों को रेखांकित करेगा। ज़ोहो कॉरपोरेशन के संस्थापक श्री श्रीधर वेम्बू,  इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन,  फूल के संस्थापक एवं सीईओ श्री अंकित अग्रवाल, सेल्सफोर्स की चेयरपर्सन एवं सीईओ श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य,  कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया की प्रबंध निदेशक श्रीमती श्री देवी पंकजम, मारुति के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री सी वी रमन तथा कई अन्य गणमान्य लोग इसमें भाग लेंगे।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा 11 और 12 जनवरी 2022 को ‘शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण’ विषय पर एक दो - दिवसीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस ई-संगोष्ठी का उद्घाटन शिक्षा राज्यमंत्री श्री राजकुमार रंजन सिंह द्वारा 11 जनवरी 2022 को सुबह 10.30 बजे किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा और इसमें बड़े पैमाने पर शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों, उद्योग, स्टार्ट-अप और निवेशक समुदाय की भागीदारी होगी।

10 जनवरी से, शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नवाचार प्रतियोगिता, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, युक्ति 2.0 और टॉयकैथॉन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से चुनी गई 75 नवीन प्रौद्योगिकियां ई-प्रदर्शनी में भाग लेंगी और अपने नवाचारों का प्रदर्शन करेंगी। इस प्रदर्शनी के साथ-साथ, 11 और 12 जनवरी के लिए निर्धारित पूरे दिन की गतिविधियों में उच्च शिक्षा संस्थानों और स्कूलों में नवाचार एवं उद्यमिता से संबंधित उभरते क्षेत्रों के बारे में कई महत्वपूर्ण व्याख्यान सत्र और पैनल चर्चा शामिल हैं।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि यह नवाचार सप्ताह नवाचार में रूचि रखने वाले युवाओं को रचनात्मक विचारों के माध्यम से समाज की समस्याओं को हल करने और आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करेगा। इस प्रस्तावित संगोष्ठी में निवेश, परामर्श आदि जैसे नवाचार प्रणाली के निर्माण से जुड़े प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा और हमें विश्वास है कि यह संगोष्ठी हमारे शैक्षणिक संस्थानों को अपने परिसरों के भीतर नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। जैसाकि भारत में स्टार्ट-अप की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है, समग्र नवाचार संस्कृति बनाने के समेकित प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (इनोवेशन सेल) के मुख्य नवाचार अधिकारी (चीफ इनोवेशन ऑफिसर) डॉ. अभय जेरे ने कहा कि यह नवाचार सप्ताह नवाचार में संलग्न सभी लोगों के लिए अपने काम  का प्रदर्शन करने और युवाओं को उद्यमशीलता से जुड़ी अपनी यात्रा को और अधिक गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर है ताकि भारत वैश्विक स्तर पर नवाचार और स्टार्ट-अप के एक केन्द्र के रूप में उभर सके। उन्होंने कहा कि नवाचार प्रकोष्ठ (इनोवेशन सेल) के रूप में, हम कई नवाचार एवं उद्यमिता संबंधी पहल कर रहे हैं और इस संगोष्ठी के माध्यम से हम अपने शैक्षणिक संस्थानों को अपने साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहेंगे ताकि परिसर के भीतर एक स्थायी इकोसिस्टम स्थापित हो सके।

इस संगोष्ठी में कई प्रख्यात उद्योगपति, उभरते हुए यूनिकॉर्न के संस्थापक, निवेशक और नीति निर्माण से जुड़ी हस्तियां नवाचार और स्टार्ट-अप के विभिन्न पहलुओं के बारे में अपने विचार एवं दृष्टिकोण साझा करने के लिए प्रमुख वक्ता और पैनलिस्ट के रूप में शामिल होंगे। स्कूली बच्चों तथा युवाओं को नवाचार और उद्यमिता को करियर के विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरुआती दौर के स्टार्ट-अप के संस्थापकों और नवाचार में संलग्न छात्रों को शामिल करते हुए विशेष पैनल सत्र आयोजित किए जायेंगे।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के हिस्से के तौर पर विभिन्न हितधारकों को नवाचार के प्रति संवेदनशील और उन्मुख बनाना है।

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एमजी/एएम/आर/एके
 


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