वित्त मंत्रालय
शासन को आसान और सुलभ बनाने में पीएफएमएस की अहम भूमिका : सीजीए दीपक दास
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले महालेखा नियंत्रक कार्यालय ने पीएफएमएस पर कार्यशाला का आयोजन किया
आरओबी भुवनेश्वर ने आजादी का अमृत महोत्सव पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया
Posted On:
06 JAN 2022 5:06PM by PIB Delhi
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के तहत आने वाले महालेखा नियंत्रक (सीजीए) कार्यालय की पीएफएमएस इकाई ने गुरुवार को भुवनेश्वर में जयदेव भवन में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य अधिकारियों को प्रणाली के कामकाज और उपलब्धियों के प्रति जागरूक करना था।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए महालेखा नियंत्रक (सीजीए) श्री दीपक दास ने कहा कि भारत सरकार ने शासन में विश्वसनीयता और पारदर्शिता लाने के लिए पीएफएमएस की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “पीएफएमएस ने सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। इससे सेवाओं की दूरदराज तक आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।”
श्री दास ने विभिन्न योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (डीबीटी) में पीएफएमएस को गेमचेंजर बताते हुए कहा कि डीबीटी ने बिचौलियों की व्यवस्था को खत्म कर दिया है और लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित किया है एवं पीएफएमएस ने वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति में सबसे अहम साधन के रूप में काम किया है।
श्री दास ने पीएफएमएस का 100 फीसदी इस्तेमाल पूरा करने के लिए ओडिशा को बधाई भी दी और कहा कि ओडिशा उन छह राज्यों में शामिल है जिन्होंने पूरे देश में पीएफएमएस को सफलतापूर्वक लागू किया है। उन्होंने कहा, “पीएफएमएस एक अहम भूमिका निभा रहा है और यह शासन को आसान व सभी के लिए सुगम बना रहा है।”
वित्त विभाग, ओडिशा सरकार के प्रमुख सचिव श्री विशाल कुमार देव भी इस कार्यशाला में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि पीएफएमएस ने कई वर्षों के दौरान सार्वजनिक वित्त के प्रबंधन में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। श्री देव ने कहा, “पीएफएमएस ने शासन प्रणाली में ज्यादा विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित की है।”
कार्यक्रम के दौरान, सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) और रिसीट एक्सपेंडिचर एडवांस ट्रांसफर (रीट) मॉड्यूल पर तकनीक कार्यशाला का आयोजन किया गया। भारतीय स्टेट बैंक, कैनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने भी एसएनए मॉडल में अपने मूल्य वर्धन पर प्रस्तुतीकरण दिया।
इससे पहले, सीजीए ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल को मनाने के लिए रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), भुवनेश्वर द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव पर एक प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान ओडिशा की समृद्ध कला एवं संस्कृति और भारत के स्वाधीनता संग्राम में उसके स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका के प्रदर्शन के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
श्री दास ने आरओबी भुवनेश्वर के प्रयासों की सराहना की और इस अच्छी पहल के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, “प्रदर्शनी अपने आप में अनूठी है। यह हमें हमारे स्वाधीनता सेनानियों की कहानियों के बारे में बताती है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से मुझे अपने स्वाधीनता सेनानियों के बारे में जानकर गर्व हो रहा है।”
आज के कार्यक्रम में अतिरिक्त महालेखा नियंत्रक सुश्री धारित्री पांडा, संयुक्त महालेखा नियंत्रक श्री अमिताभ त्रिपाठी, संयुक्त महालेखा नियंत्रक सुश्री संचिता शुक्ला, सहायक महालेखा नियंत्रक श्री मनीष राउत, सहायक महालेखा नियंत्रक श्री नवनीत कुमार आदि शामिल रहे।
पत्र सूचना कार्यालय के अतिरिक्त महानिदेशक श्री राजिंदर चौधरी और रीजनल आउटरीच ब्यूरो, भुवनेश्वर में अतिरिक्त महानिदेशक श्री अखिल कुमार मिश्रा ने क्रमशः उद्घाटन और समापन कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
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