सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा 2021: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय




मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए "पीएम गति शक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)" को शुरू किया गया

राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई

3 नए क्षेत्रों- सड़क सुरक्षा, सुरंग, गुणवत्ता नियंत्रण की स्थापना की गई

वाहन स्क्रैपिंग नीति लाई गई

बीएच सीरिज के तहत वाहनों के लिए नया पंजीकरण चिह्न अधिसूचित किया गया

पूरे देश में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र का सामान्य प्रारूप जारी किया गया

सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया

मुसीबत में सहायता करने वालों के लिए पुरस्कार योजना की घोषणा, सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन

Posted On: 31 DEC 2021 12:48PM by PIB Delhi

वर्ष 2021 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के लिए महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि पहले के अच्छे कामों को जारी रखने के साथ इसने कुछ ऐसे उपाय भी शुरू किए जिनका नागरिकों के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। मंत्रालय ने इस साल के दौरान अच्छी गुणवत्ता वाली राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के निर्माण के अपने मिशन को आगे बढ़ाया है। बीते 7 वर्षों में, एनएच की लंबाई 91,287 किलोमीटर (अप्रैल 2014 तक) से बढ़कर अब लगभग 1,41,000 किलोमीटर हो गई है। यानी इस दौरान 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह कोविड महामारी के चलते लगाए गए प्रतिबंधों और भारी व लंबे मानसून के मौसम की वजह से उत्पन्न प्रतिकूल स्थिति के बावजूद हुआ।

केंद्रीय कैबिनेट ने बहु-आयामी संपर्क प्रदान करने के लिए "प्रधानमंत्री गति शक्ति - राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)" को मंजूरी दी। इसमें निरंतरता के लिए संस्थागत ढांचा, कार्यान्वयन, निगरानी और सहायता प्रणाली शामिल हैं। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में किया। वहीं, मंत्रालय "प्रधानमंत्री गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान" के तहत परिवहन और लॉजिस्टिक्स के एक एकीकृत बहु-आयामी राष्ट्रीय नेटवर्क के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री की सोच को साकार करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। 2021 में दो एमएमएलपी परियोजनाओं- नागपुर (सिंधी) और चेन्नई के लिए निविदाएं आमंत्रित करने के साथ मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) पर काम करने की गति तेज हुई।

स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपेज नीति की घोषणा, 2021 में की गई प्रमुख पहलों में से एक है। यह देश में अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध रूप से समाप्त कर देगी। इस नीति की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर (गुजरात) में आयोजित एक समारोह में की थी। इस नीति के चलते न केवल सड़क से पुराने व अनुपयुक्त वाहनों की वजह से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि इससे रोजगार के पर्याप्त अवसर भी पैदा होंगे। इस नीति का उद्देश्य पूरे देश में स्वचालित जांच स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) के रूप में स्क्रैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है। इस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है। हाल ही में नोएडा में इस तरह की पहली सुविधा का उद्घाटन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने किया था।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे और जोजिला सुरंग सहित विभिन्न एनएच परियोजनाओं व सुरंगों पर तेज गति से काम जारी है। वहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। इनमें दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और जोजिला सुरंग शामिल हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे देहरादून और राष्ट्रीय राजधानी के बीच मौजूदा यात्रा समय को कम करेगा।

नागरिक-केंद्रित पहल के तहत मंत्रालय ने बीएच सीरिज के तहत वाहनों के लिए एक नया पंजीकरण चिह्न शुरू किया है। इसमें योजना के लिए पात्र लोगों को दूसरे राज्य में जाने के दौरान अपने वाहन की नंबर प्लेट बदलने की जरूरत नहीं है। यह फिर से पंजीकरण करने के बोझ को कम करने के लिए किया गया, जो एक दुष्कर और समय खर्च करने वाली प्रक्रिया है। वहीं, मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है।

देश में सड़क सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए 2021 में कई कदम उठाए गए हैं। इनमें मुसीबत के समय सहायता करने वाले नेक व्यक्ति के लिए इनाम योजना की घोषणा और सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन शामिल है। इसी तरह पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल वाहनों और ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

वहीं, लंबित फाइलों के निपटान के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इसके अनुरूप एक समर्पित पोर्टल के जरिए 30 सितंबर, 2021 तक सासंदों के लंबित विषयों के निपटान की निगरानी दैनिक आधार पर की गई। इसके अलावा विभिन्न कार्यालयों के बीच समन्वय स्थापित कर इसके गुणवत्तापूर्ण निपटान के प्रयास किए गए। 30 सितंबर तक 909 लंबित विषयों में से 830 के जवाब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने 14 दिसंबर, 2021 तक दे दिए थे। वहीं, एक दिन में सांसदों के सबसे अधिक 169 विषयों का निपटान किया गया। इसी तरह दैनिक निगरानी और संबंधित कार्यालयों की सहभागिता से मंत्रालय ने इस अभियान के दौरान राज्य सरकार के 125 विषयों, 1339 लोक शिकायतों और 644 पीजी अपीलों के निपटान का एक बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया।

2021 के प्रमुख बिंदु

1. प्रधानमंत्री गतिशक्ति

केंद्रीय कैबिनेट ने बहु-आयामी संपर्क प्रदान करने के लिए "प्रधानमंत्री गति शक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)" को मंजूरी दी। इसमें निरंतरता के लिए संस्थागत ढांचा, कार्यान्वयन, निगरानी और सहायता प्रणाली शामिल हैं। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में किया। एनएमपी का उद्देश्य पूरे देश में समग्र योजना की तैयारी और विकास करना है। यह जीवन की सुगमता को बढ़ाने, व्यापार करने में आसानी, व्यवधानों को कम करने और कार्यों की लागत प्रभावी पूर्णता में तेजी लाने के उद्देश्य के साथ-साथ परिवहन व लॉजिस्टिक्स के व्यापक और एकीकृत बहु-आयामी राष्ट्रीय नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत मंच के तहत प्रदर्शित सभी आर्थिक क्षेत्रों और बुनियादी ढांचा विकास को लेकर भौतिक जुड़ाव की स्थानिक दृश्यता प्रदान करेगी। एनएमपी वस्तु, लोगों और सेवाओं के सुचारू परिवहन को सक्षम करके और रोजगार के अवसर उत्पन्न करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, विदेशी निवेश को आकर्षित करेगी और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी करेगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मुंबई में "राजमार्ग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स में निवेश के अवसर" विषयवस्तु पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। "प्रधानमंत्री गति शक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान" के जरिए भारत के लॉजिस्टिक सेक्टर और प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप एक प्रोत्साहन प्रदान करने को लेकर इस सम्मेलन का आयोजन केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, इसकी एजेंसियों और निजी क्षेत्र के बीच सहभागिता के महत्व पर जोर देने के लिए किया गया था। मंत्रालय की तीन केंद्रीय विषयों- भारतमाला परियोजना, संपत्ति मुद्रीकरण और वाहन स्क्रैपेज नीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए राजमार्गों, परिवहन और लॉजिस्टिक्स में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने की योजना थी। इस अवसर पर श्री गडकरी ने निवेशकों से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में खुली सोच के साथ आगे आने और निवेश करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, सड़क किनारे की सुविधाओं, रोपवे, भंडारण क्षेत्रों सहित कई परिसंपत्ति क्षेत्रों में विस्तृत निवेश के विविध अवसरों की पेशकश करता है। सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने कहा कि प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व में सरकार का उद्देश्य भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को 8-10 फीसदी तक कम करके भारतीय लॉजिस्टिक प्रणाली को विश्व में सर्वश्रेष्ठ के सृदृश्य बनाना है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे में निवेश से प्राप्त होने वाला लाभ अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में बेहतर है।

2. वाहन स्क्रैपेज नीति: कचरे को संपत्ति में बदलना

पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त व प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के उद्देश्य से एक इकोसिस्टम बनाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की गई। यह एक व्यावहारिक चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाएगा और पर्यावरण के लिए जिम्मेदार होने के साथ-साथ सभी हितधारकों के लिए मूल्यवान होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में इस विषय पर एक निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह नीति देश में वाहनों के आधुनिकीकरण और सड़कों से अनुपयुक्त वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति से न केवल 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश आएगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रधानमंत्री ने आगे इसका उल्लेख किया कि नई स्क्रैपेज नीति कबाड़ से धन की चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

वहीं, मंत्रालय ने स्वचालित परीक्षण स्टेशन (एटीएस) की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के नियमों को जारी किया, जिससे एटीएसएस की स्थापना में सुविधा हो सके। ये नियम वाहन सुरक्षा व उत्सर्जन आवश्यकताओं और वैश्विक सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं और भारत के वाहन व प्रणालियों के अनुरूप शामिल किए गए हैं। एक स्वचालित परीक्षण स्टेशन एक वाहन की फिटनेस जांच के लिए जरूरी विभिन्न परीक्षणों को स्वचालित करने के लिए यांत्रिक उपकरण का उपयोग करता है।

मंत्रालय ने मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कार्य) नियम के अनुरूप पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा की स्थापना के लिए विस्तृत प्रक्रियाओं को भी जारी किया। ये नियम सभी ऑटोमोबिल संग्रह केंद्रों, मोटर वाहन को नष्ट करने, स्क्रैपिंग व रिसाइक्लिंग फैसिलिटी और सभी प्रकार के ऑटोमोटिव कबाड़ उत्पादों को रिसाइकिल करने वालों पर लागू होते हैं।

मंत्रालय ने एक अधिसूचना जी.एस.आर 714 (ई) जारी की थी। इसके तहत पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) द्वारा जारी जमा प्रमाण पत्र के आधार पर खरीदे गए नए वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क न लेने का प्रावधान किया गया। वहीं, 15 साल से अधिक अवधि वाले मोटर वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के लिए शुल्क में बढ़ोतरी की गई। इसके अलावा एक और जारी अधिसूचना के अनुसार आरवीएसएफ द्वारा जारी जमा प्रमाण पत्र के आधार पर पंजीकृत वाहन के लिए मोटर वाहन कर में भी छूट दी जाएगी। इसके तहत गैर-परिवहन (व्यक्तिगत) वाहनों के मामले में 25 फीसदी और परिवहन (वाणिज्यिक) वाहनों के मामले में 15 फीसदी तक छूट प्राप्त होगी। यह 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने नोएडा में एक वाहन स्क्रैपिंग और पुनर्चक्रण सुविधा का उद्घाटन किया। इस सुविधा की स्थापना मारुति सुजुकी ने टोयोटा त्सुशो ग्रुप के सहयोग से की है। 11,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत इस सुविधा की क्षमता हर साल 24,000 वाहनों को संभालने की है।

  1. . राष्ट्रीय राजमार्ग: निर्माण और उपलब्धियां

राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) निर्माण की गति 2014-15 में 12 किलोमीटर प्रति दिन से बढ़कर 2020-21 में 37 किलोमीटर प्रति दिन (3 गुना से अधिक) हो गई है। 2014-15 में 4,410 किलोमीटर एनएच का निर्माण हुआ था। वहीं, 2020-21 में 13,327 किलोमीटर एनएच का निर्माण हुआ। पिछले 7 वर्षों में एनएच की लंबाई 91,287 किलोमीटर (अप्रैल 2014 तक) से बढ़कर अब लगभग 1,41,000 किलोमीटर हो गई है। इस अवधि में 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मंत्रालय ने अब तक (24 दिसंबर तक) 5,407 किलोमीटर एनएच का निर्माण किया है।

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8,500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 179 किलोमीटर लंबे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे (आर्थिक गलियारा) और 2100 करोड़ रुपये की लागत से हरिद्वार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से जोड़ने वाले हरिद्वार स्पर का शिलान्यास किया।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 किलोमीटर वाराणसी रिंग रोड परियोजना और वाराणसी-गाजीपुर (72 किलोमीटर) राजमार्ग परियोजना का उद्घाटन किया।
  • प्रधानमंत्री ने नवंबर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के पंढरपुर में श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पाल्खी मार्ग (एनएच -965) के पांच खंडों के चार लेन और श्री संत तुकराम महाराज पाल्खी मार्ग (एनएच- 965जी) के तीन खंडों का शिलान्यास किया। ये मार्ग पूरे देश और पंढरपुर से बाहर भगवान विट्ठल के भक्तों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाएंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने देश को 223 किलोमीटर से अधिक पूर्ण और उन्नत सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया, जो पंढरपुर की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1180 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च की गई है।
  • केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जम्मू और कश्मीर के डोडा में 11,721 करोड़ रुपये के निवेश से 257 किलोमीटर की कुल लंबाई की 25 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं न केवल घाटी के भीतर सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, बल्कि इस क्षेत्र में कृषि, औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक प्रगति करने के साथ-साथ रक्षा बलों की सहज आवाजाही को भी सुविधाजनक बनाएगी। इन परियोजनाओं में क्षेत्र के कुछ खंडों की मरम्मत व उन्नयन, पुल व सुरंग के निर्माण और ब्लैक स्पॉट सुधारों को शामिल किया गया है।
  • श्री नितिन गडकरी ने मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) में 3037 करोड़ रुपये की लागत से कुल 146 किलोमीटर की लंबाई वाली चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया और जौनपुर में 1,123 करोड़ रुपये की लागत से कुल 86 किलोमीटर लंबी तीन एनएच परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
  • वर्धा जिले के सिंधी में एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने के लिए नागपुर में एनएचएआई और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि देश के दिल में होने के चलते नागपुर के पास एक लॉजिस्टिक्स कैपिटल (राजधानी) बनने की पूरी क्षमता है।
  • केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मेरठ में 8,364 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इस दौरान राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत) डॉ. वीके सिंह भी उपस्थित थे। इसके अलावा श्री गडकरी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 755 करोड़ रुपये की लागत वाली एनएच परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया।
  • पारदर्शिता व एकरूपता लाने और नवीनतम तकनीक का लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने विकास, निर्माण, संचालन और रखरखाव के सभी चरणों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की मासिक वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए ड्रोन के उपयोग को अनिवार्य किया है। ठेकेदार और छूट पाने वाले (कंसेसियनार) पर्यवेक्षण परामर्शदाता दल के प्रमुख की उपस्थिति में इस ड्रोन वीडियो रिकॉर्डिंग को पूरा करेंगे।
  • दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क विकास के सभी चरणों में सुरक्षा लेखा परीक्षा को अनिवार्य किया गया है।
  • केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 19 अन्य स्थानों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
  • इनविट की शुरुआत: इनविट ने 5,000 करोड़ रूपये की राशि जुटाई और 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
  • टीओटी: 16,954 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, 450 किलोमीटर की लंबाई के बंडल 6,7 और 8 के लिए बोली प्रक्रियाधीन है।
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए एसपीवी का गठन
  • चारधाम, बीआरओ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कार्य
  • 3 नए क्षेत्रों की स्थापना - सड़क सुरक्षा, सुरंग खोजना, गुणवत्ता नियंत्रण
  • 2020-21 में 14 सड़क किनारे स्थित सुविधाएं (डब्ल्यूएसए) परिचालन में हैं। वहीं, 15 डब्ल्यूएसए निर्माणाधीन हैं। 2021-22 में 142 डब्ल्यूएसए को विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें से एनएचएआई को 39 डब्ल्यूएसए प्रदान किए हैं और बाकी 103 डब्ल्यूएसए के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। इनमें 3 बोलियां जम्मू और कश्मीर के लिए शामिल की गई हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 23 डब्ल्यूएसए स्थल और ब्राउनफील्ड एनएच पर 16 स्थल हैं। पांच डब्ल्यूएसए को उनके विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया है।
  • विश्व रिकॉर्ड: दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेसवे खंड पर 24 घंटे के भीतर 2.5 किलोमीटर लंबे 4 लेन कंक्रीट फुटपाथ का निर्माण किया गया।
  • एनएच-52 के सोलापुर-बीजापुर खंड की 26 किलोमीटर लंबी सिंगल लेन बिटुमेन सड़क केवल 21 घंटे में बनाई गई।
  • ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया गया।
  • हरित वृक्षारोपण की स्थिति (2021-22): नवंबर 2021 तक 62.3 लाख पौधे लगाए गए; 2016-17 और 2020-21 के बीच 2.02 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए। द्वारका-एक्सप्रेसवे परियोजना में 12,000 से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
  • वन्यजीव संरक्षण के लिए नागपुर-जबलपुर राजमार्ग पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया गया।
  • मध्य प्रदेश में खवासा-सिवनी वन्यजीव अभ्यारण्य से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार का निर्माण किया गया है, जो इस सड़क से गुजरने वाले वाहनों की रौशनी और ध्वनि को अवशोषित करेगी।
  • मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते गुजरने वाली दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तहत एनीमल अंडरपास, 8 मीटर ऊंची चारदीवारी, जानवरों की सुरक्षा के लिए समर्पित आवाज रोधक और 8 लेन की सुरंग की व्यवस्था की गई है।
  • डीपीआर तैयार करने के लिए लिडार तकनीक का उपयोग
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण में मशीन नियंत्रण प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
  • वस्तुसूची सर्वेक्षण के लिए नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) और मोबाइल ब्रिज निरीक्षण इकाई (एमबीआईयू)
  • पुल की लंबाई बढ़ाने के लिए मलेशियाई और सिंगापुर की तकनीक और डेक स्लैब में स्टील फाइबर का उपयोग किया गया।

4. नागरिक-केंद्रित पहल

  • भारत सीरिज: मंत्रालय ने दिनांक 26.08.2021 को जी.एस.आर 594 (ई) अधिसूचना जारी कर नए वाहनों के लिए एक नए पंजीकरण चिह्न- भारत सीरिज (बीएच-सीरीज) को अधिसूचित किया है। जब बीएच चिह्न वाले वाहन के साथ उसका मालिक एक राज्य से दूसरे राज्य में जाएगा, तो उस वाहन के लिए नए पंजीकरण चिह्न की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा रक्षाकर्मियों, केंद्र व राज्य सरकार के कर्मियों, केंद्र व राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक है और निजी क्षेत्र की वैसी कंपनियां जिनके कार्यालय 4 या अधिक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित हैं। वाहन पंजीकरण के लिए आईटी आधारित यह समाधान मंत्रालय द्वारा गतिशीलता की सुविधा के लिए उठाए गए कई नागरिक केंद्रित पहलों का हिस्सा है। मंत्रालय ने दिनांक 31.03.2021 को एक अधिसूचना जी.एस.आर 240 (ई) जारी की। इसके जरिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र के संबंध में कुछ सेवाओं को स्वैच्छिक तौर पर आधार प्रमाणीकरण की सहायता से आरटीओ में जाए बिना पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। मंत्रालय ने वाहनों के पंजीकरण के समय नामांकन की सुविधा को भी शामिल किया है। इससे वाहन के मालिक की मृत्यु के मामले में मोटर वाहनों को नामांकित व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत/स्थानांतरित करने में सहायता मिलेगी।
  • अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट: मंत्रालय ने दिनांक 07.01.2021 को अधिसूचना जीएसआर 15(ई) जारी की। यह अधिसूचना उन भारतीय नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) जारी करने के लिए की गई, जिनकी आईडीपी की अवधि विदेश में रहने के दौरान समाप्त हो गई। वैसी स्थिति जब नागरिक के विदेश में होने के दौरान उनकी आईडीपी की अवधि समाप्त हो जाती थी, उस स्थिति में इसके  नवीनीकरण के लिए कोई तंत्र नहीं था। अब इस संशोधन के बाद भारतीय नागरिक विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों/मिशनों के जरिए नवीनीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, जहां से ये आवेदन भारत में संबंधित आरटीओ के पास विचार किए जाने के लिए वाहन पोर्टल पर जमा हो जाएंगे। इसके बाद संबंधित आरटीओ नागरिक को आईडीपी विदेश में उसके पते पर कुरियर से भेजेगा। पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय ने बैटरी चालित वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या नवीनीकरण करने और नए पंजीकरण चिह्न के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देने के संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।
  • 20 ईंधन के लिए व्यापक उत्सर्जन मानक: मंत्रालय ने 8 मार्च, 2021 को ई20 ईंधन के लिए व्यापक उत्सर्जन मानकों को अपनाने के संबंध में जी.एस.आर 156(ई) अधिसूचना जारी की। बीआईएस पहले ही ई20 ईंधन के लिए ईंधन विनिर्देशों को अधिसूचित कर चुका है। वहीं, मंत्रालय ने पहले ही ई85 और ई100 ईंधन के उत्सर्जन मानकों को अधिसूचित कर चुका है। ई20 या ई85 या ई100 या ईडी95 के इथेनॉल मिश्रण के स्तर के लिए वाहन की अनुकूलता को वाहन निर्माता परिभाषित करेंगे और इसे साफ तौर पर दिखाई देने वाला एक स्टिकर लगाकर वाहन पर प्रदर्शित किया जाएगा।
  • संपर्क रहित सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार: सरकार ने 03.03.2021 को एस.ओ 1026 (ई) अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र से संबंधित कुछ सेवाओं को स्वैच्छिक तौर पर आधार प्रमाणीकरण की सहायता से पूरी तरह ऑनलाइन होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम नागरिकों को सुगम तरीके से इन सेवाओं का लाभ उठाने में सहायता करने के लिए किया गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में लोगों की भीड़ को भी कम करने के लिए ऐसा किया गया है, जिससे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों के अधिकारियों की दक्षता में बढ़ोतरी होगी।
  • अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (प्राधिकरण या परमिट) नियम, 2021: पिछले दस-पंद्रह वर्षों में हमारे देश में यात्रा और पर्यटन उद्योग में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों पर्यटकों का योगदान रहा है और अधिक अपेक्षा व उपभोक्ता अनुभव की ओर एक झुकाव है। वहीं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पर्यटक यात्री वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के प्रयास में है। इसके लिए मंत्रालय ने दिनांक 10 मार्च, 2021 को "अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (प्राधिकरण या परमिट) नियम, 2021" के संबंध में जी.एस.आर 166 (ई) को अधिसूचित किया गया।
  • ड्राइवरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों की फिटनेस और पंजीकरण:

मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन करने के लिए 31 मार्च, 2021 को जीएसआर 240 (ई) और मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 4-28, 76 व 77 (भाग) को लागू करने के लिए दिनांक 31 मार्च, 2021 को एस.ओ 1433 (ई) अधिसूचना जारी की। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है:

  • इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म और दस्तावेजों का उपयोग (चिकित्सा प्रमाणपत्र, लर्नर लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) का समर्पण, डीएल का नवीनीकरण)
  • ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस- लर्नर लाइसेंस देने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसमें आवेदन करने से लेकर लर्नर लाइसेंस की छपाई तक शामिल है।
  • डीएल के नवीनीकरण के लिए छूट की अवधि समाप्ति से एक साल पहले से लेकर समाप्ति के एक साल बाद तक है।
  • राष्ट्रीय रजिस्टर (पंजी) - सभी राज्यों के डीएल और आरसी के राज्य रजिस्टरों को एकीकृत करके डीएल और आरसी (पंजीकरण प्रमाणपत्र) का राष्ट्रीय रजिस्टर को लागू किया गया है। यह देश में कहीं भी रियल टाइम के आधार पर डेटा को अपडेट और एक्सेस करने में सहायता करेगा।
  • डीलर स्थल पंजीकरण - पूरी तरह से निर्मित वाहनों के मामले में आरटीओ को निरीक्षण के लिए वाहन प्रस्तुत करने की अनिवार्य जरूरत को समाप्त कर दिया गया है। इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में आसानी होगी।
  • पंजीकरण प्रमाणपत्र का नवीनीकरण 60 दिन पहले किया जा सकता है।
  • 30 दिनों (बॉडी बिल्डिंग आदि) के विस्तार के साथ 6 महीने के लिए अस्थायी पंजीकरण - एक महीने की समय सीमा छह महीने तक बढ़ा दी गई है, जिससे बॉडी बिल्डिंग के लिए चेसिस खरीदने वाले मालिकों को सुविधा होगी।
    • व्यापार प्रमाणपत्र को अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदान किया जा सकता है।
    • बदलाव, वाहनों और अनुकूलित वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट- बदलाव और रेट्रो फिटमेंट की पूरी प्रक्रिया को कानूनी ढांचे के तहत लाया गया है। इससे बदलाव या रेट्रो फिटमेंट कराने वाले मालिक और कार्यशालाओं या अधिकृत एजेंसियों, दोनों पर जिम्मेदारी तय हो गई है।
    • यह वाहन की सुरक्षा और अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन को सुनिश्चित करेगा।
    • बदलाव किए गए वाहनों का बीमा कराया जा सकता है
  • कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की परिवहन श्रेणी के लिए परमिट की आवश्यकता संबंधी छूट को 30 सितंबर 2021 तक बढ़ाया गया: जब यह बात मंत्रालय के संज्ञान में आई कि कुछ परिवहन वाहन संचालकों को राज्यों में या एक राज्य के भीतर ऑक्सीजन सिलेंडरों या ऑक्सीजन टैंकों की ढुलाई, परिवहन और इसके वितरण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण चीज है, तब मंत्रालय ने 21 सितंबर 2020 को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 66 के तहत 31 मार्च 2021 तक आवश्यक परमिट आवश्यकताओं की छूट के लिए एक अधिसूचना संख्या एसओ 3204 (ई) जारी की थी। इसी छूट को 01 अप्रैल, 2021 को जारी अधिसूचना एस.ओ. 1441 (ई) के जरिए देशभर में ऑक्सीजन की सुचारू आवाजाही और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था।
  • कृषि के उपयोग में आने वाले ट्रैक्टर, पावर टिलर, निर्माण उपकरण वाहन और कंबाइन हार्वेस्टर के इंजनों में सुधार के जरिए रूपांतरण: मंत्रालय ने सीएनजी, बायो-सीएनजी, एलएनजी चालित कृषि के उपयोग में आने वाले कृषि ट्रैक्टर, पावर टिलर, निर्माण उपकरण वाहन और कंबाइन हार्वेस्टर के इंजनों में सुधार के जरिए रूपांतरण या कृषि के उपयोग में आने वाले ट्रैक्टर, पावर टिलर, निर्माण उपकरण वाहन और कंबाइन हार्वेस्टर के इंजन को नए समर्पित सीएनजी, बायो-सीएनजी, एलएनजी इंजन से बदलने के संबंध में 4 मई, 2021 को सीएमवी नियम 1989 में संशोधन करने के लिए जी.एस.आर 336 (ई) को अधिसूचित किया गया।
  • हाइब्रिड कृषि ट्रैक्टरों और विशुद्ध इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेनें: मंत्रालय ने 25 मई, 2021 को जी.एस.आर 342 (ई) के जरिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन किया है, जिससे हाइब्रिड कृषि ट्रैक्टरों और विशुद्ध इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेनों के संबंध में सुरक्षा जरूरतों को शामिल करने के लिए एक नया नियम 125जे को शामिल किया जा सके। 25 मई, 2021 को और उसके बाद निर्मित श्रेणी ए6 (हाइबरएफनैगप्यूरिड) और ए7 (विशुद्ध इलेक्ट्रिक) के इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन कृषि ट्रैक्टर उस वक्त तक समय-समय पर संशोधित ऑटोमोटिव उद्योग मानक (एआईएस) 168:2021 की जरूरतों के अनुरूप होंगे, जब तक भारतीय मानक ब्यूरो के विनिर्देशों को अधिसूचित नहीं किया जाता है।
  • इथेनॉल और इसके मिश्रणों के लिए सुरक्षा रोडमैप: मंत्रालय ने 25 मई, 2021 को जारी अधिसूचना जी.एस.आर 343 (ई) के जरिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन कर एक नया नियम 115के शामिल किया है। इसमें एल, एम और एन श्रेणियों के मोटर वाहनों की जरूरतों को शामिल किया गया है, जो बिना पानी वाले इथेनॉल या गैसोलीन मिश्रित इथेनॉल के मिश्रण पर चल रहे हैं।  एल, एम और एन श्रेणी के मोटर वाहनों की सुरक्षा की जरूरतें समय-समय पर संशोधित एआईएस 171:2021 के अनुसार होंगी, जब तक कि भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 (2016 का) के तहत संबंधित मानक को अधिसूचित नहीं किया जाता है।
  • मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र नियम: भारतीय सड़क मार्ग के क्षेत्र में कुशल चालकों की कमी प्रमुख मुद्दों में से एक है। इसके अतिरिक्त सड़क नियमों की जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 8 केंद्र सरकार को चालक प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देती है। इस संबंध में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 7 जून, 2021 को एक अधिसूचना जारी की है। इसके जरिए मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा पूरी की जाने वाली जरूरतों को अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम ऐसे केंद्रों पर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों को उचित प्रशिक्षण और ज्ञान प्रदान करने में सहायता करेगा।
  • "सुविधा केंद्र" के रूप में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) : नागरिक को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 23 जून, 2021 को जारी एसओ 2513 (ई) अधिसूचना के जरिए सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड को "सुविधा केंद्र" के रूप में काम करने की मान्यता दी है।
  • हिट एंड रन दुर्घटना पीड़ितों के मुआवजे के लिए योजना: मंत्रालय ने 2 अगस्त 2021 को जीएसआर 526 (ई) के माध्यम से एक प्रारूप योजना को भी अधिसूचित किया है। इसका नाम है- बढ़े हुए मुआवजे (गंभीर चोट के लिए 12,500 रुपये से 50,000 रुपये और मृत्यु के लिए 25,000 रुपये से 2,00,000 रुपये तक) को पूरा करने के लिए हिट एंड रन दुर्घटना पीड़ितों के मुआवजे की योजना। यह योजना पिछली मुआवजा योजना, 1989 का स्थान लेगी।
  • पीयूसी प्रमाणपत्र: मंत्रालय ने पूरे देश में जारी किए जाने वाले प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के एक सामान्य प्रारूप के लिए अधिसूचना जारी की है। इस कदम से पूरे देश में पीयूसी प्रमाणपत्रों में एकरूपता आने की उम्मीद है। पीयूसी डेटाबेस को राष्ट्रीय रजिस्टर से जोड़ा जा सकता है। वहीं, वाहन के मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा।
  • चालक के अलावा आगे की सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के लिए एयरबैग: मंत्रालय ने वाहन के आगे की सीट पर चालक के साथ बैठे यात्री के लिए एक एयरबैग के अनिवार्य प्रावधान के बारे में अधिसूचना जारी की है। इसे एक महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषता के रूप में अनिवार्य किया गया है और यह सड़क सुरक्षा पर गठित उच्चतम न्यायालय की समिति के सुझावों पर भी आधारित है। यह अनिवार्य किया गया है कि 1 अप्रैल, 2021 को और उसके बाद नए मॉडल के साथ निर्मित वाहन के मामले में और मौजूदा मॉडलों के मामले में 31 अगस्त, 2021 के बाद चालक के साथ आगे की सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के लिए एयरबैग लगाया जाएगा और ऐसे एयरबैग की जरूरत समय-समय पर संशोधित रूप में एआईएस 145 के अनुरूप होगी, जब तक भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 (2016 का 11) के तहत संबंधित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विनिर्देशों को अधिसूचित नहीं किया जाता है। हालांकि, मौजूदा कोविड-19 महामारी के चलते सरकार ने मौजूदा मॉडलों पर एयर बैग लगाने के लिए कार्यान्वयन की तारीख 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 26 अगस्त, 2021 को एक अधिसूचना जारी की गई थी।
  • श्री नितिन गडकरी ने नागपुर में देश के पहले निजी एलएनजी सुविधा संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि हमने एक ऐसी नीति तैयार की है, जो आयात के स्थानापन्न लागत प्रभावी प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी इथेनॉल, जैव सीएनजी, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन के विकास को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने आगे बताया कि मंत्रालय विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों पर लगातार काम कर रहा है।
  • मंत्रालय ने यह अनिवार्य किया है कि वास्तविक उपकरण निर्माताओं द्वारा 1 अप्रैल 2019 को और उसके बाद पूरी तरह से निर्मित बसें (चालक को छोड़कर 22 या इससे अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता के साथ) समय-समय पर संशोधित एआईएस:153 के अनुरूप होंगी, जब तक कि भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 (2016 का 11) के तहत संबंधित बीआईएस विनिर्देशों को अधिसूचित नहीं किया जाता है।
  • मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 95 में संशोधन करने के लिए अधिसूचना जारी की है। यह प्रस्तावित करता है कि एआईएस 142:2019 में परिभाषित श्रेणी सी1, सी2 और सी3 के तहत वर्गीकृत टायर, समय-समय पर संशोधित एआईएस 142:2019 के चरण 2 में निर्दिष्ट रोलिंग प्रतिरोध, गीली पकड़ और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जब तक भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत संबंधित बीआईएस विनिर्देशों को अधिसूचित नहीं किया जाता है। रोलिंग प्रतिरोध के लिए एक उच्च रेटिंग बेहतर ईंधन बचत का संकेत देती है। वहीं, उच्च गीली पकड़ रेटिंग टायर की ठोस ब्रेकिंग क्षमता को दिखाती है। इसके अलावा कम शोर का स्तर एक अधिक आरामदायक सफर को दिखाता है।
  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सड़क किनारे स्थित सुविधाओं (डब्ल्यूएसए) के तहत डेवलपर को इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध करवाना है। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने फेम इंडिया योजना चरण-II के तहत एक्सप्रेसवे व राष्ट्रीय राजमार्गों पर सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण और संचालन के लिए सरकारी संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) (राज्य/केंद्रीय)/सरकारी डिस्कॉम/ सार्वजनिक तेल क्षेत्र के उपक्रमों और इसी तरह के अन्य सार्वजनिक/निजी संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। इसमें कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल की सहायक कंपनी) के साथ एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) कंसोर्टियम (संघ) को 16 एनएच/एक्सप्रेसवे के के लिए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम सौंपा गया है।
  • मंत्रालय ने रोपवे और वैकल्पिक गतिशीलता समाधानों के विकास की देखभाल करने का निर्णय लिया है। इससे इसमें आने वालों के लिए एक नियामक व्यवस्था का गठन और उन्हें अनुसंधान व नई तकनीक की सुविधा प्रदान करने से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस कदम को मजबूत करने के लिए भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 में एक संशोधन अधिसूचित किया गया है। इसके मायने हैं कि मंत्रालय के पास इस क्षेत्र में रोपवे और वैकल्पिक गतिशीलता समाधान प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ निर्माण, अनुसंधान और नीति की भी जिम्मेदारी होगी।
  • वस्तुओं के परिवहन में क्रांति लाने और व्यापक लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने को लेकर ऑटोमोटिव उद्योग मानक समिति ने सड़क-ट्रेनों की सुरक्षा जरूरतों को शामिल करने के लिए अपने एआईएस-113 मानक में संशोधन किया है। भारतीय परिचालन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूरोपीय बेंचमार्क की जांच के बाद मानक तैयार किए गए हैं। ये मानक लंबी दूरी के माल (फ्रेट) गलियारे के साथ वस्तुओं की तेज व कुशल आवाजाही के लिए एक सफल हस्तक्षेप की राह दिखाएंगे।

5. फास्टैग को अनिवार्य किया गया

राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत मंत्रालय ने निर्णय किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा की सभी लेन को 15-16 फरवरी, 2021 की मध्यरात्रि से "फास्टैग लेन" के रूप में घोषित किया जाएगा। इस कदम ने डिजिटल मोड के जरिए शुल्क भुगतान को बढ़ावा दिया है, प्रतीक्षा समय व ईंधन की खपत को कम किया है और टोल प्लाजा से होते हुए निर्बाध गलियारे को उपलब्ध कराया है। 21 दिसंबर, 2021 तक 4.35 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। 71.38 लाख के औसत दैनिक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) लेन-देन के साथ औसत दैनिक संग्रह 106 करोड़ रुपये (नवंबर 2021 तक) तक पहुंच गया है। पूरे देश में फास्टैग की पैंठ लगभग 97 फीसदी और कई टोल प्लाजा में 99 फीसदी है। वहीं, 728 राष्ट्रीय और 201 राज्य राजमार्ग टोल प्लाजा को पहले ही फास्टैग के लिए सक्षम बनाया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार फास्टैग से ईंधन पर हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके चलते मूल्यवान विदेशी मुद्रा की बचत होगी और पर्यावरण को भी सहायता मिलेगी।

6. गैर-मानक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई

मंत्रालय ने मार्च, 2021 में एक अधिसूचना जारी की गई थी। इससे यह सुनिश्चित किया जाना है कि केंद्र सरकार के अनिवार्य मानकों के अनुरूप ही वाहनों का विनिर्माण किया जाए। इसके जरिए विनिर्माण दोषों के मामले में नागरिकों की रक्षा करने का विचार था। इसके तहत अगर वाहन निर्माता गैर-मानक वाले वाहनों को स्वैच्छिक रूप से वापस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ ऐसे वाहनों के विनिर्माण और बेचने को लेकर केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए भारी जुर्माना देना होगा। यह 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी हो गया है।

7. उत्तर पूर्वी क्षेत्र पर ध्यान

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने राष्ट्रीय राजमार्ग-40 के शिलांग-दावकी खंड के सुधार और चौड़ीकरण का शिलान्यास किया। यह उन्नत राजमार्ग न केवल इस क्षेत्र में बेहतर संपर्क प्रदान करेगा, बल्कि पड़ोसी देशों- बांग्लादेश व म्यांमार के साथ व्यापार और लोगों की आवाजाही के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी भी बनेगा।

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 18 फरवरी को ब्रह्मपुत्र नदी पर दो प्रमुख पुल परियोजनाओं का शिलान्यास किया। (i) 25.47 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-715 के पर माजुली (कमलाबाड़ी) और जोरहाट (निमती घाट) (6.8 किलोमीटर) के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर 2 लेन का प्रमुख पुल। यह असम के बाकी हिस्से के साथ माजुली शहर के लोगों को आसान और हर समय पहुंच प्रदान करेगा। इस पुल के निर्माण का काम मार्च, 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। (ii) एनएच-127बी पर 4997 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन धुबरी (असम)-फुलबारी (मेघालय) पुल का निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी पर किया जाएगा। इससे दोनों स्थानों के बीच की यात्रा दूरी 205 किलोमीटर से घटकर केवल 19 किलोमीटर और यात्रा की अवधि भी 6 घंटे से घटकर 20 मिनट रह जाएगी। यह पुल देश के बाकी हिस्सों के साथ मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और असम के बराक घाटी क्षेत्र को एक और वैकल्पिक संपर्क प्रदान करेगा। इस परियोजना के सितंबर, 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।
  • इसी तरह श्री नितिन गडकरी ने मणिपुर में 4,148 करोड़ रुपये के निवेश से कुल 298 किलोमीटर की लंबाई वाली 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों और पड़ोसी देशों के साथ हर मौसम में जोड़ने का काम करेंगी। इम्फाल में परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि राज्य के लिए 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

8. सड़कों को सुरक्षित बनाना: मुसीबत के समय सहायता करने वाले नेक व्यक्ति का सम्मान करना

मुसीबत के समय सहायता करने वाले नेक व्यक्ति के लिए 2021 में एक पुरस्कार योजना की घोषणा की गई। इसके तहत एक मोटर वाहन से घातक दुर्घटना के शिकार को तत्काल सहायता प्रदान करके और चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए गोल्डन ऑवर (दुर्घटना के बाद महत्वपूर्ण अवधि) के भीतर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने वाले नेक व्यक्ति को इससे सम्मानित किए जाने का प्रावधान है। इसके लिए पुरस्कार की रकम 5,000 रुपये प्रति घटना होगी। वहीं, एक अच्छे व्यक्ति को एक साल में अधिकतम 5 बार सम्मानित किया जा सकता है।

  • मंत्रालय ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन को अधिसूचित किया है। यह सड़क सुरक्षा व नवाचार को बढ़ावा देने, नई तकनीक को अपनाने और यातायात व मोटर वाहनों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार होगा। इस बोर्ड का मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होगा। इसके अलावा बोर्ड भारत में अन्य स्थानों पर भी अपना कार्यालय स्थापित कर सकता है। बोर्ड में एक अध्यक्ष और अधिकतम 7 सदस्य होंगे। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी।
  • 4 साल से कम उम्र के बच्चों की सवारी या मोटरसाइकिल पर ले जाने के लिए मंत्रालय ने प्रारूप नियम जीएसआर 758 (ई) को जारी किया है। इसके तहत 4 साल से कम उम्र के बच्चे को क्रैश हेलमेट फिटिंग हेड पहनना चाहिए और बच्चे को मोटरसाइकिल से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा वाहन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • मंत्रालय ने "इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सड़क सुरक्षा के प्रवर्तन" के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन करने वाली एक अधिसूचना भी जारी की। इसके तहत चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इनके पास राज्य सरकार का अनुमोदन प्रमाण पत्र होगा। यह प्रमाणपत्र इस बात की पुष्टि करेगा कि उपकरण सही है। साथ ही, इस उपकरण को हर साल नवीनीकृत किया जाएगा। वहीं, राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि अधिसूचना में उल्लिखित 132 शहरों सहित कम से कम 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले प्रमुख शहरों में ऐसे उपकरणों को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और महत्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च-जोखिम/उच्च-घनत्व वाले गलियारों में इन उपकरणों का उपयोग किया जाए।

9. ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ एनएसडब्ल्यू के साथ सहभागिता

नोएडा के आईएएचई परिसर में उन्नत परिवहन प्रौद्योगिकी और प्रणालियों के लिए एक केंद्र स्थापित करने को लेकर मंत्रालय के तहत भारतीय राजमार्ग अभियन्ता अकादमी (आईएएचई) ने ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (यूएनएसडब्ल्यू) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया। श्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम के जरिए आयोजित एक समारोह में हस्ताक्षरित यह समझौता आईएएचई में केंद्र की स्थापना के लिए क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सक्षम वातावरण के निर्माण के संबंध में एक परियोजना के लिए है। इसके अलावा यूएनएसडब्ल्यू स्मार्ट परिवहन प्रणाली और मॉडलिंग पर स्वप्रमाणित पाठ्यक्रम भी प्रदान करेगा।

10. विरासत का संरक्षण

एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मंत्रालय ने पुराने मोटर वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन किया। इसके अनुसार 50 साल से अधिक के सभी 2 और 4 पहिया वाहन, जिन्हें उनके मूल रूप में बनाए रखा गया है और किसी भी बड़े बदलाव से नहीं गुजरे हैं, उन्हें विंटेज (विशिष्ट) मोटर वाहन के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। इसका उद्देश्य देश में पुराने वाहनों की विरासत को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है।

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एमजी/एएम/एचकेपी/एसएस



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