उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

केन्द्र ने चीनी विकास कोष नियम, 1983 के तहत पुनर्गठन के लिए दिशानिर्देश जारी किए


दिशानिर्देशों को दो साल की छूट और पांच साल के पुनर्भुगतान के प्रावधान से आर्थिक रूप से कमजोर उन चीनी मिलों को राहत मिलने का अनुमान है जिन्होंने एसडीएफ कर्ज लिया है

Posted On: 05 JAN 2022 5:42PM by PIB Delhi

चीनी विकास कोष अधिनियम, 1982 के तहत कर्ज लेने वाली आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन आर्थिक रूप से व्यवहार्य चीनी मिलों के पुनर्वास के क्रम में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 03.01.2022 को एसडीएफ नियम, 1983 के नियम 26 के तहत एसडीएफ कर्जों के पुनर्गठन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। पूर्ण दिशानिर्देश https://dfpd.gov.in/sdfguidelines-sdf.htm और https://sdfportal.in पर उपलब्ध हैं।

 

एसडीएफ कर्जों के डिफॉल्ट की बकाया धनराशि 3,068.31 करोड रुपये (30.11.2021 तक) है, जिसमें 1,249.21 करोड़ रुपये मूलधन, 1,071.31 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में और 747.80 करोड़ रुपये डिफॉल्ट के चलते अतिरिक्त ब्याज शामिल हैं।

ये दिशानिर्देश सहकारी समितियों, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों सहित सभी प्रकार की संबंधित कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए एसडीएफ कर्जों पर समान रूप से लागू होते हैं।

 

दिशानिर्देशों में दो साल के छूट के प्रावधान और फिर पांच साल में पुनर्भुगतान शामिल है, जिससे वित्तीय रूप से कमजोर चीनी मिलों को बड़ी राहत मिलने का अनुमान है जिन्होंने एसडीएफ कर्ज लिए हैं। अतिरिक्त ब्याज की छूट का पूरा लाभ पात्र चीनी मिलों को दिया जाएगा। ब्याज दर को एसडीएफ नियम 26 (9) के तहत स्वीकृत पुनर्वास पैकेज की तारीख लागू बैंक दर से बदला जाएगा। इन बिंदुओं से इन बकायेदार चीनी मिलों पर कर्ज के बोझ को कम करने में सहायता मिलेगी।

 

एक चीनी मिल जिसे पिछले 3 साल से लगातार नकद नुकसान हो रहा है या चीनी मिल की नेटवर्थ नकारात्मक है, और चीनी मिल बंद नहीं हुई है/ मौजूदा चीनी सत्र को छोड़कर 2 से ज्यादा चीनी सत्रों से गन्ने की पेराई बंद नहीं की गई है, वह पुनर्गठन के लिए आवेदन करने की पात्र है।

 

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