उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

उपभोक्ता मामले विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की वर्षान्त समीक्षा- 2021


प्याज, आलू और दालों जैसी बागवानी वस्तुओं की मूल्य वृद्धि को कम करने के लिए खरीद और वितरण हेतु बफर स्टॉक बनाया गया

बाजार हस्तक्षेप के लिए 2.08 लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया गया

25 नवंबर 2021 को लागू मानकों की कुल संख्या 21466 है

2021 के दौरान, बीआईएस ने 1028 मानक (624 नए और 474 संशोधित) निर्धारित किए और 3484 मानकों की समीक्षा की

1 जनवरी, 2021 से 25 नवंबर, 2021 तक हॉलमार्किंग पंजीकरण की संख्या 34,487 से बढ़कर 1,25,558 हुई

बीआईएस से मान्यता प्राप्त एसेइंग और हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या 943 से बढ़कर 976 हुई

01.01.2021 से 25.11.2021 तक 5.95 करोड़ सोने और चांदी के आभूषणों/कलाकृतियों को हॉलमार्क किया गया

लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत लगभग 82 कंपनियों ने करीब 44.55 लाख रुपये की कुल संयुक्त राशि को चुकता किया

Posted On: 30 DEC 2021 4:04PM by PIB Delhi

मूल्य निगरानी और मूल्य स्थिरीकरण से लेकर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघनकर्ताओं पर शिकंजा कसने तक, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ताओं को राहत और सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्षभर ठोस प्रयास किए हैं।

विभाग की कुछ प्रमुख पहलें और उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

प्रमुख निगरानी के क्षेत्र में, उपभोक्ता मामले विभाग ने निम्नलिखित के माध्यम से तंत्र को मजबूत किया है:

मूल्य निगरानी प्रकोष्ठ बाईस आवश्यक वस्तुओं (चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, ताड़ का तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक) के देश भर में फैले 179 बाजार केंद्रों से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर थोक और खुदरा मूल्यों की निगरानी करता है। इन मूल्यों को मोबाइल ऐप के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। वर्ष के दौरान निम्नलिखित उपलब्धियां रही हैं:

  • 57 नए मूल्य सूचना केंद्र बढ़ाए गए। इस प्रकार, मूल्य सूचना केंद्रों की संख्या 01/01/2021 को 122 से बढ़कर अब तक 179 हो गई हैं।
  • मूल्य निगरानी प्रकोष्ठ कोमज़बूत करने के लिए योजना के परिचालन दिशानिर्देश 19/08/2021 को जारी किए गए।
  • वर्ष के दौरान, मूल्य निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 1,47,01,908/- रुपये प्रदान किए गए।
  • सूचना के लिए मोबाइल ऐप को 1 जनवरी 2021 से संचालित कर दिया गया है। सभी मूल्य संग्रह केंद्रों को मोबाइल ऐप के माध्यम से दैनिक मूल्योंकी सूचना देने में सक्षम बना दिया गया है।
  • पूर्वानुमानित मूल्य पूर्वानुमान मॉडल को सक्रिय विश्लेषण और उसके बाद अपेक्षित नीति-स्तरीय हस्तक्षेप के लिए विकसित किया गया है।

प्रधान स्थिरीकरण कोष के क्षेत्र में भी इसी तरह के प्रयास किए गए हैं:

कुछ कृषि वस्तुओं विशेषकर प्याज, आलू और दालों के मूल्यों में सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव होता हैं। फसल के समय और उसके तुरंत बाद, थोक और खुदरा कीमतों में आम तौर पर भारी गिरावट देखी जाती है। संग्रहितभंडार की कमी के कारण कीमतों में वृद्धि होती है। प्याज, आलू और दालों के मामले में यह तथ्य अधिक स्पष्ट है। मूल्य अस्थिरता उपभोक्ताओं को बड़े स्तर पर प्रभावित करती है। इन वस्तुओं की कीमत में असामान्य वृद्धि खाद्य खपत बजट में वृद्धि के माध्यम से उपभोक्ताओं को प्रभावित करती है। कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव भी अटकलों को जन्म देते हैं जो खुदरा बाजार में कीमतों को और प्रभावित करते हैं। उपभोक्ताओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए, "मूल्य स्थिरीकरण कोष" का उपयोग करते हुए, कृषि-बागवानी वस्तुओं की खरीद और वितरण के लिए बफर स्टॉक बनाया गया है। 2020-21 के दौरान पीएसएफ में निम्नलिखित उपलब्धि को अर्जित किया गया है:

  • 12.83 एलएमटी दालों को डीएसीएफडब्ल्यू के पीएसएस से पीएसएफ, डीओसीए में स्थानांतरित कर दिया गया है।
  • पीएसएफ भंडार से 4.94 एलएमटी दालों का निपटान किया जा चुका है।
  • बाजार हस्तक्षेप के लिए 2.08 एलएमटी का प्याज भंडार बनाया गया। कीमतों को कम करने के लिए इस भंडार से प्याज को लक्षित और अंशांकित रूप से उपयोग में लाया जाएगा। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अपने उपभोक्ताओं को वितरण के लिए 21 रुपये प्रति किलोग्राम के मूल्य पर उप-संहग्रित स्थल पर प्याजप्रदान कीजाएगी।

राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को पीएमजीकेएवाई और एएनबी के तहत दालों के वितरण के लिए अंतर-राज्य परिवहन और उचित मूल्य विक्रेता के अंतर के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में धन जारी किया गया

पीएमजीकेएवाई और एएनबी योजना के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दालों की अंतर-राज्य आवाजाही और संचालन पर व्यय की प्रतिपूर्ति के रूप में, साथ ही उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता के मार्जिन और पीओएस उपकरण के माध्यम से अतिरिक्त मार्जिन के वितरण हेतु35.59 करोड़ रुपये जारी किए गए।

उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए विभाग ने उपभोक्ता जागरूकता की दिशा में अथक प्रयास किये हैं:

  • उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत बनाते हुए और जागरूकता जगाने के माध्यम से उपभोक्ताओं और नागरिकों के लाभ के लिए नीतियों को कार्यान्वित करता है।
  • सूचना प्रसार के महत्व को स्वीकार करते हुए विभाग "जागो ग्राहक जागो" शीर्षक से देश भर में मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान चला रहा है। सरल संदेशों के माध्यम से उपभोक्ताओं को कपटपूर्ण प्रथाओं और उनकी समस्याओं के निवारण तंत्र से अवगत कराया जाता है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को प्रचारित करने के लिए दूरदर्शन के डीडी न्यूज, डीडी किसान और अन्य क्षेत्रीय चैनलों पर एक मीडिया अभियान को लैपटॉप ब्रांडिंग, मौसम रिपोर्ट/समाचार रिपोर्ट शीर्षकों, एनिमेटेड बग के माध्यम से चलाया गया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, बीआईएस मानकों, एमआरपी, समाप्ति तिथि, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) आदि की विशेषताओं के विषय में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए डीडी न्यूज और डीडी किसान पर स्क्रॉल संदेश चलाए गए हैं।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, बीआईएस मानकों, एमआरपी, समाप्ति तिथि, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) आदि की विशेषताओं के विषय में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए लोकसभा टीवी पर स्क्रॉल संदेश चलाए गए।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, हॉलमार्क, एमआरपी, समाप्ति तिथि आदि की विशेषताओं के विषय में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए आकाशवाणी के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रायोजित रेडियो कार्यक्रमों (एसआरपी) का प्रसारण किया गया। भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के चौक्को और छक्कों की ब्रांडिंग राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए की गई। आकाशवाणी पर राष्ट्रीय समाचार के साथ-साथ उपभोक्ता जागरूकता के लिए एक विशेष कार्यक्रम के दौरान विज्ञापन लिब्स (आरजे द्वारा लाइव संदेश) भी प्रसारित किए जा रहे हैं।
  • डिजिटलीकरण,सोशल मीडिया के प्रसार के कारण आज इसका एक मजबूत प्रभाव है और यह विषय को समर्थन देनेमें सहायता करता है। उपभोक्ताओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 पर रचनात्मक और श्रव्य/दृश्य के रूप में नियमित पोस्ट और विभाग की अन्य पहलों को विभाग के सोशल मीडिया हैंडलhttps://twitter.com/jagograhakjago,https://twitter.com/consaff,https://www.facebook.com/ConsumerAdvocacy/औरhttps://www.instagram.com/consumeraffairs_goi/ पर अपलोड किया जा रहा है। इन ट्वीट्स ने उपभोक्ताओं को प्रासंगिक जानकारी देने में सहायता की है, जिसमें निवारण तंत्र के विषय में भी जानकारी शामिल है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के विभिन्न पहलुओं पर ऑडियो और वीडियो स्पॉट तैयार किए गए हैं। इन स्पॉट्स को 20 क्षेत्रीय भाषाओं में रूपांतरित किया गया है। यह ऑडियो और वीडियो स्पॉट, उपभोक्ता शिकायतों के निवारण तंत्र पर वीडियो स्पॉट और सोने के आभूषणों की कानूनी माप और हॉलमार्किंग के साथ, उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट पर "वीडियो और ऑडियो" लिंक के तहत अलग-अलग भाषा फ़ोल्डरों में उपलब्ध कराए गए हैं। यह "प्रचार" "संगठन और इकाइयाँ" टैब के तहत उपलब्ध है। वैकल्पिक रूप से, इन्हें https://jagograhakjago.gov.in/ConsumerAwareness/video/index.html पर प्राप्त किया जा सकता है। इन विवरणों को राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों, कानूनी माप विज्ञान राज्य नियंत्रकों और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के साथ व्यापक रूप से प्रसारित करने के अनुरोध के साथ साझा किया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 पर प्रिंट रचनात्मक और उपभोक्ता मामले विभाग की अन्य पहलों को "संगठन और इकाइयों" टैब के तहत उपलब्ध "प्रचार" के अंतर्गत "प्रिंट क्रिएटिव" लिंक में उपलब्ध कराया गया है। वैकल्पिक रूप से, इन्हें https://consumeraffairs.nic.in/organisation-and-units/division/publicity/print-advertisements पर प्राप्त किया जा सकता है। इससंपूर्ण सामग्री को (ऑडियो स्पॉट, वीडियो स्पॉट और प्रिंट क्रिएटिव) किसी भी व्यक्ति/संगठन द्वारा जानकारी और आगे प्रसार करनेहेतु डाउनलोड किया जा सकता है।
  • विभाग अनुसूचित जाति बहुल, अनुसूचित जनजाति बहुल और एनईआर क्षेत्रों में स्थित सीएससी के माध्यम से टिन प्लेटों पर उपभोक्ता जागरूकता के विषय में पोस्टर प्रदर्शित करके देश भर में सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) का उपयोग कर रहा है। यह पोस्टर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की विशेषताओं, पैक की गई वस्तुओं पर देखी जाने वाली घोषणाओं, उपभोक्ता शिकायतों को दर्ज करने की प्रक्रिया आदि पर आधारित हैं।
  • आईआरसीटीसी अपने दैनिक टिकट पुष्टिकरण/रद्दीकरण मेल, ई-टिकट और बैनर ट्रेन सूची के शीर्ष पर इन संदेशों को प्रदर्शित कर रहा है। यह संदेश सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन और ई-दाखिल से संबंधित हैं।

विभाग के तहत अग्रणी संस्थानों में से एक, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भी अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों सेसराहना हासिल की हैं:

1947 में अस्तित्व में आए भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) की संपत्ति और देनदारियों पर अधिकार प्राप्त करने के पश्चात, भारतीय मानक ब्यूरो को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत एक वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया था। ब्यूरो का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसमें 05 क्षेत्रीय कार्यालय, 41 शाखा कार्यालय, 08 प्रयोगशालाऐं और 01 प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं।

बीआईएस अधिनियम 2016 12 अक्टूबर 2017 से प्रभावी हुआ, बाद में गवर्निंग काउंसिल का पुनर्गठन किया गया और इसकी तीसरी बैठक 01 मार्च 2021 को बीआईएस मुख्यालय नई दिल्ली में आयोजित की गई।

बीआईएस का अधिदेश ऐसे मानकों को तैयार करना है जो वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ावा देते हैं। ब्यूरो अद्यतन मानकों के माध्यम से उद्योगों और सेवा क्षेत्र को तकनीकी सहायता प्रदान करता है, उभरते क्षेत्रों में नए मानक तैयार करता है, और गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का प्रमाणन प्रदान करता है। अपनी प्रमुख गतिविधियों में बीआईएस का प्रदर्शन नीचे दर्शाया गया है:

  1. मानक निरूपण
  • 2021 के दौरान, 1028 मानक (624 नए और 474 संशोधित) तैयार किए गए और 3484 मानकों की समीक्षा की गई। 25 नवंबर 2021 तक लागू मानकों की कुल संख्या 21466 है। 6816 भारतीय मानकों को आईएसओ/आईईसी मानकों के अनुरूप बनाया गया है। सेवा क्षेत्र प्रभाग परिषद के तहत कुल 89 भारतीय मानक प्रकाशित किए गए हैं।
  • दिसंबर 2021 तक, बीआईएस, आईएसओ तकनीकी प्रबंधन बोर्ड (टीएमबी) और आईईसी मानकीकरण प्रबंधन बोर्ड (एसएमबी) का सदस्य है। बीआईएस, आईएसओ (सीएएससीओ, सीओपीओएलसीओ और डीईवीसीओ) की तीन नीति विकास समितियों, आईएसओ की 490 तकनीकी समितियों/उपसमितियों, आईईसी की 102 तकनीकी समितियों/उप समितियों, आईएसओ की 185 तकनीकी समितियों/उपसमितियों में एक ओ-सदस्य और आईईसी की 69 तकनीकी समितियों/उपसमितियों के रूप में सहभागी बन रहा है।
  • बीआईएस ने 2022-2024 के कार्यकाल के लिए आईएसओ के सर्वोच्च शासन निकाय, आईएसओ परिषदकी सदस्यता का सफलतापूर्वक दावा किया है और परिषद में बीआईएस के महानिदेशक द्वारा इसका प्रतिनिधित्व किया जाएगा।
  • वर्तमान में, बीआईएस नेराष्ट्रीय मानक निकायों और अन्य देशों के अन्य मानक विकास संगठनों के साथ 31 एमओयू और 08 बीसीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • बीआईएस (इंडिया) वर्तमान में अक्टूबर 2020 से अक्टूबर 2023 तक तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए एसएआरएसओ तकनीकी प्रबंधन बोर्ड का अध्यक्ष है।
  1. अनुरूपता आकलन
  • उत्पाद प्रमाणन: बीआईएस, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016और उसके तहत नियमों और बीआईएस (अनुरूपता आकलन) विनियम, 2018के तहत एक उत्पाद प्रमाणन योजना को संचालित करता है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न मुद्दों पर अनिवार्य बनाए गए381उत्पाद मानकों के अलावा यह योजना स्वैच्छिक है। 01जनवरी 2021से अब तक4356नए लाइसेंस प्रदान किए गए, जिनमें 77उत्पाद शामिल हैं जिन्हें पहली बार योजना के अंतर्गतलाया गया है। बीआईएस प्रमाणन अंक योजना के अंतर्गत लिए गए भारतीय मानकों की कुल संख्या 1101है। वर्तमान तिथि तक घरेलू निर्माताओं के पास संचालित लाइसेंसों की कुल संख्या 39950है।
  • विदेशीविनिर्माता प्रमाणन योजना (एफएमसीएस):56 देशों के 138 विभिन्न मानकों के मुकाबले ऑपरेटिव लाइसेंस की कुल संख्या 1010 है। 01 मार्च 2021 से अब तक कुल 39 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं।
  • अनिवार्य पंजीकरण योजना (सीआरएस): भारतीय और विदेशी विनिर्माताओं से प्राप्त 4,000 से अधिक लाइसेंस और शामिल करने हेतु 7500 अनुरोधों को 01 मार्च 2021 से अब तक सीआरएस के तहत स्वीकृती दे दी गई है। ऑर्थो फॉस्फोरिक एसिड के लिए प्रथम लाइसेंस नवंबर 2021 में स्वीकृत किया गया था।
  1. प्रमाणांकन
  • 1 जनवरी, 2021 से 25 नवंबर, 2021 की अवधि के दौरान प्रमाणांकन पंजीकरण की संख्या 34,487 से बढ़कर 1,25,558 हो गई है जबकि बीआईएस से मान्यता प्राप्त परख और प्रमाणांकन केंद्रों की संख्या 943 से बढ़कर 976हो गई है। इसी अवधि के दौरान5.95 करोड़ सोने और चांदी के आभूषणों/कलाकृतियों का प्रमाणांकन किया गया है।
  • सोने के आभूषणों/कलाकृतियों के अनिवार्य प्रमाणांकन के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश 23 जून 2021 को भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है जिसके तहत देश के 256 जिलों में जहां कम से कम एक परख और प्रमाणांकन केंद्र उपलब्ध है, प्रमाणांकन को अनिवार्य बनाया।
  • अनिवार्य प्रमाणांकन आदेश के कार्यान्वयन के मद्देनजर, एएचसी में परख और प्रमाणांकन गतिविधियों के स्वचालन के लिए एक नई ऑनलाइन प्रणाली को छह अंकों के एचयूआईडी (प्रमाणांकन यूनिक आईडी) से युक्त नए प्रमांणांकन के साथ कार्यात्मक बनाया गया है। प्रमाणांकन के लिए एचयूआईडी आधारित प्रणाली की शुरुआत के बाद से, 25 नवंबर 2021 तक सोने के आभूषणों/कलाकृतियों के 4.11 करोड़ सामग्री का प्रमाणांकनकिया गया है।
  • आईएस 1417:2016 के अनुसार 999 और 995 की सूक्ष्मता में स्वर्ण बुलियन का  प्रमाणांकन अक्टूबर 2015 में प्रारंभ किया गया था। इस योजना के तहत, अब तक 25 नवंबर 2021 तक रिफाइनरियों/ स्वर्ण बुलियन और सिक्के के लिए भारत सरकार टकसाल के लिए44 लाइसेंस स्वीकृत किये गए हैं।

प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन

  • बीआईएस, आईएसओ/आईईसी 17021-1:2015 आईएसओ/आईईसी 17021 अनुरूपता आकलन- प्रबंधन प्रणालियों की लेखा परीक्षा और प्रमाणन प्रदान करने वाले निकायों  की आवश्यकताओं के अनुसार 19 प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजनाएं संचालित करता है।
  • गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजना, पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजना और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजना को प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) द्वारा मानक आईएसओ/आईईसी17021 मानकसे अलग मान्यता दी गई है।
  • बीआईएस ने क्रमशः आईएस/आईएसओ 45001 और आईएस/आईएसओ 50001 के अनुसार व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ओएचएसएमएस) और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली (एनएमएस) के लिए अपनी प्रमाणन योजनाओं की मान्यता के लिए एनएबीसीबी में भी आवेदन किया है।
  • खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य सुरक्षा लेखा परीक्षा) विनियम, 2018 के अनुसार निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए बीआईएस की मान्यता को खाद्य सुरक्षा लेखा परीक्षा एजेंसी के रूप में नवीनीकृत किया गया है:
  1. खाद्य प्रसंस्करण

ए. दुग्धालय

बी. अन्य क्षेत्र (पैक किया गया पेयजल, नट, मसाले, बेकरी, खाद्य तेल, फल और सब्जी प्रसंस्करण, खाने/पकाने के लिए तैयार आदि सहित)

  1. खाद्य भंडारण/वेयर हाउस/कोल्ड स्टोरेज

• 25 नवंबर 2021 तक, प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजनाओं के तहत कुल 1236 परिचालन लाइसेंस मौजूद हैं।

प्रयोगशाला

  • आठ बीआईएस प्रयोगशालाओं में रासायनिक, सूक्ष्मजीवविज्ञानी, विद्युत और यांत्रिक आवश्यकताओं के क्षेत्र में उत्पादों की जाँच के लिए सुविधाएं हैं। उत्पाद जाँच के अलावा, बीआईएस ने चेन्नई, साहिबाबाद और कोलकाता में स्वर्ण परख प्रयोगशाला स्थापित की है। चेन्नई में स्वर्ण परख प्रयोगशाला एक रेफरल प्रयोगशाला है और चांदी के आभूषणों का भी जाँच करती है।
  • मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, मोहाली और साहिबाबाद की प्रयोगशालाओं को आईएसओ/आईईसी 17025 के अनुसार परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता दी गई है।
  • बीआईएस बाहरी प्रयोगशालाओं की मान्यता के लिए आईएसओ/आईईसी 17025 पर आधारित प्रयोगशाला मान्यता योजना (एलआरएस) भी संचालित करता है। 274 बीआईएस मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं।
  • फुटवियर उत्पादों के लिए परीक्षण सुविधाएं केंद्रीय लैब में स्थापित की गई हैं और दिसंबर, 2021 तक पूर्वीक्षेत्रीय लैब (ईआरओएल), कोलकाता का कार्यपूरा होने की संभावना है। बीआईएस केंद्रीय प्रयोगशाला में एनर्जी मीटर के लिए परीक्षण सुविधा स्थापित की जा चुकी हैं।
  • नई पहलें:

1. प्रयोगशाला सूचना प्रबंधन सॉफ्टवेयर (एलआईएमएस) का विकास

2. बीआईएस प्रयोगशालाओं द्वारा विद्यालयों, कॉलेजों और उद्योगों के साथ संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए हैं।

3. जिला प्रशासन के साथ साझा किए गए 226 आईएसएस और केंद्र सरकार के विभागों के साथ साझा किए गए 692 आईएसएस के बीच अंतराल को दूर करने के लिए विश्लेषण प्रारंभ किया गया है।

सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं

  • मानक पोर्टल को "अपने मानकों को जानें" जैसी नई सुविधाओं को जोड़ने के लिए बढ़ाया गया था, जो सभी मानकों से संबंधित डेटा और दस्तावेजों तक पहुंचने के लिए एकमात्र समाधान प्रदान करता है। मानक पोर्टल में लागू की गई एक अन्य विशेषता "साप्ताहिक बुलेटिन" मानक निर्माण आदि में चल रही गतिविधियों के विषय में जानकारी प्राप्त करना भी है।
  • बीआईएस वेबसाइट (www.bis.gov.in) को 10 अगस्त 2021 (09 अगस्त 2024 तक वैध) को एसटीक्यूसी द्वारा भारत सरकार की वेबसाइटों (जीआईजीडब्ल्यू) 2.0 के लिए दिशानिर्देशों के अनुरूप घोषित किया गया है। इसके अलावा, हितधारकों के साथ अधिक संवादात्मक जुड़ाव रखने के लिए, बीआईएस के सभी शाखा कार्यालयों (बीओ) और प्रयोगशालाओंके लिए अलग-अलग वेब-पेज (बहु-भाषा में) विकसित किए गए हैं। (https://www.bis.gov.in/index.php/bo-lab-webpage/)।
  • बीआईएस द्वारा प्रारंभ की गई सभी शैक्षिक फिल्मों तक पहुंच प्रदान करने के लिए नया 'बीआईएस टॉक' पोर्टल विकसित किया गया है।
  • बीआईएस केयर मोबाइल ऐप का एक उन्नत संस्करण हितधारकों को अनिवार्य पंजीकरण योजना (सीआरएस) के तहत आईएसआई चिह्न, पंजीकृत आभूषण और चिह्नित विद्युत उपकरणों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करता है। ऐप उपयोगकर्ताओं को शिकायत दर्ज करने में भी सुविधा प्रदान करता है। 'अपने मानकों को जानें' और इसमें बीआईएस द्वारा सूचीबद्ध/मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को खोजने की सुविधा भी जोड़ी गई है।
  • एनआईसी द्वारा ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर पूरे मुख्यालय और बीआईएस के सभी शाखा कार्यालयों में स्थापित और कार्यान्वित किया गया ताकि कागज रहित फ़ाइल संचलन और प्रसंस्करण को सक्षम बनाया जा सके।
  • एएचसी ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर परख और हॉलमार्किंग केंद्र के कार्यप्रवाह को स्वचालित करता है और सुनारों को अपनी सामग्री को प्रमाणांकन करने की सुविधा देता है और प्रमाणांकन अनुरोधों के लिए किए गए कार्य की प्रगति को सक्षम बनाता है। सॉफ्टवेयर का उपयोग करके स्वदेशी रैंडमाइज्ड एल्गोरिथम का उपयोग करके एचयूआईडीका निर्माण किया जाता है। उन्नत हॉलमार्किंग डैशबोर्ड और एचयूआईडी ट्रैकर को स्थापित किया गया है जो बीआईएस अधिकारियों को हॉलमार्किंग गतिविधियों की निगरानी करने, आंकड़ों और प्रमुख मात्रात्मक विशेषताओं की सूक्ष्म जानकारी प्राप्त करने और तदनुसार बाजार निगरानी गतिविधियों की योजना बनाने में सुविधा प्रदान करेगा।
  • अनुरूपता मूल्यांकन पोर्टल घरेलू निर्माताओं को अपने उत्पादों पर मानक चिह्न (आईएसआई) के उपयोग के लिए लाइसेंस देने, ऐसे लाइसेंसों के नवीनीकरण, शुल्क के भुगतान के साथ विविधता के दायरे में शामिल करने और सरलीकृत ऑनलाइन माध्यमों के माध्यम से भुगतान जमा करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाता है। बीआईएस इन अनुरोधों को संसाधित कर सकता है और उनके निर्णय को ऑनलाइन संप्रेषित कर सकता है, और हमारे हितधारकों द्वारा आवेदनों की रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान कर सकता है।
  • प्रयोगशाला सूचना प्रबंधन प्रणाली (एलआईएमएस) और मोबाइल-ऐप आधारित निगरानी मॉड्यूल को विकसित किया गया है। बीआईएस प्रयोगशालाओं का संपूर्ण कार्य प्रवाह और बीआईएस द्वारा मान्यता प्राप्त/सूचीबद्ध लगभग 500 निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं को उत्पाद के नमूने भेजने से लेकर उनके द्वारा परीक्षण रिपोर्ट भेजने तक को एलआईएमएस के कार्यान्वयन के साथ स्वचालित कर दिया गया है।
  • उपभोक्ता जुड़ाव और मानक संवर्धन गतिविधियों, शिकायत प्रबंधन और प्रवर्तन गतिविधियों से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक उपभोक्ता जुड़ाव पोर्टल विकसित किया गया है। यह पोर्टल गैर-सरकारी संगठनों/उपभोक्ता संगठनों को बीआईएस द्वारा प्रस्तावित गतिविधियों या कार्यक्रमों को शामिल करने के लिए बीआईएस के साथ पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • विभिन्न हितधारकों की उभरती प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बीआईएस द्वारा एक प्रशिक्षण पोर्टल विकसित किया गया है। वास्तविक समय में बिल बनाने के लिए पोर्टल को जीएसटी पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
  • मानव संसाधन, वित्त, लेखा और स्टोर की गतिविधियों के प्रबंधन के लिए एक पोर्टल है।

 

  1. उपभोक्ता मामले और जनसंपर्क
  • अप्रैल से नवंबर 2021के दौरान पूरे देश में क्षेत्रीय कार्यालयों/शाखा कार्यालयों द्वारा उपभोक्ताओं के लिए 462 मानक संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किए गए।
    • अप्रैल से नवंबर 2021 के दौरान जौहरी/कारीगरों के लिए जागरूकता कार्यक्रमों सहित उद्योग गतिविधियों के साथ 774 मानक संवर्धन गतिविधियोंका आयोजन किया गया।
    • बीआईएस ने अप्रैल से नवंबर 2021 के दौरान कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए 284गतिविधियों का आयोजन किया।
    • अप्रैल से नवंबर 2021 के दौरान, बीआईएस ने प्राथमिक हितधारक के रूप में सरकार के साथ 354 मानक संवर्धन गतिविधियों का संचालन किया।
    • 8 राज्यों में मानकीकरण पर राज्य स्तरीय समितियों का गठन किया गया है ताकि देश में एक मजबूत गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साधन के रूप में भारतीय मानकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की मानकों के निर्माण और उपयोग में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके।
    • 25 नवंबर 2021 तक संपूर्ण देश में85 मानक क्लब बनाए गए हैं।
    • वर्ष के दौरान, बीआईएस प्रमाणित उत्पादों की गुणवत्ता, बीआईएस मानक चिह्न के अनाधिकृत उपयोग और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के उल्लंघन से संबंधित 211 शिकायतें प्राप्त हुईं और 145 शिकायतों का निवारण किया गया। दिनांक 01.12.2021 तक विभिन्न क्षेत्रीय एवं शाखा कार्यालयों के अंतर्गत इस श्रेणियों की 171 शिकायतों की विभिन्न चरणों में जांच की जा रही है। इसके अलावा, बीआईएस ने वर्ष के दौरान सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त 221 शिकायतों का निवारण भी किया।
    • बीआईएस बेईमान निर्माताओं द्वारा बीआईएस मानक चिह्न के अनाधिकृत उपयोग को रोकने के लिए प्रवर्तन गतिविधि संचालित करता है। वर्ष के दौरान, बीआईएस ने बीआईएस मानक चिह्नों का दुरुपयोग करने वाले निर्माताओं के परिसरों में 65 तलाशी और जब्ती अभियान संचालित किए और नकली बीआईएस मानक चिह्नों वाली सामग्री को जब्त किया।
    • आम उपभोक्ताओं आम उपभोक्ताओं के बीच, आईएसआई चिह्न और प्रमाणांकन को प्रचारित करने के लिए, बीआईएस मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों और शाखा कार्यालयों द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, आउटडोरऔर डिजिटल मीडिया के माध्यम से कई प्रचार-प्रसार की गतिविधियां की जाती हैं।

उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में विभाग ने कई कदम उठाए:

  • ‘आजादी का अमृत महोत्सव', प्रगतिशील भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल 12 मार्च, 2021 से प्रारंभ की गई थी और 15 अगस्त, 2023 को इस पहल का समापन किया जाएगा।
  • केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का व्यापक जनादेश उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करना है जो जनता और उपभोक्ताओं के हितों के प्रतिकूल हैं और उपभोक्ताओं के अधिकारों को एक श्रेणी के रूप में बढ़ावा देने, संरक्षित करने और लागू करने के लिए हैं।
  • भारत की आजादी के 75 वर्षों के यादगार अवसर को मनाने के लिए, सीसीपीए ने कुछ गतिविधियां प्रारंभ की हैं जो उपभोक्ता मामलें विभाग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप उपभोक्ता के लिए एक सुरक्षित उत्पाद के लिए समस्या रहित, सस्ती, शीघ्र, उपभोक्ता शिकायतों के लिए एक गुणवत्ता निवारण तंत्र की स्थापना और उपभोक्ता के अधिकार को बनाए रखता है।
  • केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ, लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने, लोक अदालतों का आयोजन, वीडियोकांफ्रेंसिंग आदि के माध्यम से सुनवाई के लिए ठोस प्रयास करके लंबित मामलों को कम करने के लिए उपभोक्ता आयोगों की एक अखिल भारतीय रैंकिंग पर विचार किया है।
  • उपभोक्ता आयोगों के मूल्यांकन के लिए 30 सितंबर2021 तक उनके पास लंबित प्रकरणों को बेसलाईन के रूप में लिया जायेगा तथा 28.2.2022 तक निस्तारित प्रकरणों के आधार पर प्रगति का मूल्यांकन किया जायेगा तथा परिणाम 15.3.2022 को राज्य और जिला आयोगों की रैंकिंग के आधार पर 'विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस' पर अर्थात उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 15.3.2022 से 22.3.2022 तक मनाए जाने वाले प्रतिष्ठित सप्ताह के दौरान घोषित किया जायेगा। राज्य आयोगों और जिला आयोगों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के उद्देश्य से रैंकिंग के लिए मानदंड तैयार किए गए हैं। निपटान के प्रतिशत और प्राप्त अंकों के आधार पर, राज्य और जिला आयोगों को रैंकिंग मापदंडों के अनुसार रैंक दिया जाएगा और उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ राज्य आयोग' और 'सर्वश्रेष्ठ जिला आयोग' से सम्मानित किया जाएगा।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में शिकायतों की ई-फाइलिंग का प्रावधान है जहां उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपभोक्ता आयोगों में शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। अब तक 24 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और एनसीडीआरसी में ई-फाइलिंग शुरू की गई है।

 

  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत निम्नलिखित नियम/विनियम अधिसूचित किए गए हैं:

I)    सेंट्रल अथॉरिटी एंड क्रेडिटिंग ऑफ पेनल्टी रूल्स, 2020 द्वारा उपभोक्ता संरक्षण तलाशी और जब्ती एवं अपराधों की कंपाउंडिंग करना

II)   केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से संबंधित वार्षिक लेखा नियम

III) केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण (वार्षिक रिपोर्ट) नियम, 2021

IV) केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की जांच शाखा द्वारा जांच या जांच प्रस्तुत करने पर विनियम

V)   उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम, 2021

  • विभाग ने 15 मार्च, 2021 को प्लास्टिक प्रदूषण से निपटनेके विषय के साथ विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया।
  • उपभोक्ता मामले विभाग ने 24 दिसंबर, 2021 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, 2021 को ऑनलाइन मनाया, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने की। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की थीम थी उपभोक्ता: अपने अधिकारों को जानें।
  • समारोह के दौरान, मंत्री द्वारा निम्नलिखित ई-पुस्तकों का विमोचन किया गया:
  1. उपभोक्ता कानून और व्यवहार पर ऐतिहासिक निर्णय
  2. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत मध्यस्थता पर पुस्तिका
  3. उपभोक्ता निवारण आयोग के समक्ष ई-फाइलिंग की पुस्तिका

 

  • उपरोक्त के अलावा, मंत्री ने पेयजल परीक्षण के लिए एनटीएच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई।

कानूनी माप-विज्ञान:-

i)  कारोबार में आसानी के लिए उठाए गए कदम

  • कानूनी माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 को जीएसआर 149 (ई) दिनांक 3.3.2021 के तहत संशोधित किया गया है ताकि प्रावधान किया जा सके कि:
    • ऐसे भार या माप जो उद्योगों द्वारा अपने स्वयं के इस्तेमाल के लिए उपयोग किए जाते हैं और जो उपभोक्ताओं को दी गई मात्रा को प्रभावित नहीं करते हैं या किसी लेनदेन या सुरक्षा के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं, उन्हें पुन: सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी।
    • पूरे देश में एक समान प्रक्रिया अपनाने के लिए और उद्योगों के हित में एक ही भार और माप की दोहरी मुहर से बचने के लिए, पहली बार एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे गए भार और माप के सत्यापन और मुहर लगाने की प्रक्रिया तैयार की गई है।
    • उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार ने जीएसआर संख्या 779 (ई) दिनांक 2.11.2021 के माध्यम से उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा बढ़ाने, व्यापार संचालन में आसानी और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए कानूनी माप विज्ञान (पैकेट बंद सामानों) नियम 2011 में संशोधन किया है। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के लिए मानक पैक आकार की आवश्यकता को हटा दिया गया है: इससे उद्योगों के लिए अनुपालन बोझ कम होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपभोक्ता एक सूचित विकल्प चुनने में सक्षम हैं और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए, खुदरा बिक्री के लिए सभी प्री-पैक वस्तुओं के लिए यूनिट बिक्री मूल्य पेश किया गया है।
    • आयातित वस्तुओं के लिए पहले से पैक की गई वस्तुओं पर निर्माण की तारीख की घोषणा अनिवार्य कर दी गई है।
    • पहले से पैक वस्तुओं पर एमआरपी की घोषणा को सरल बनाया गया।
    • संख्या में मात्रा को व्यक्त करने के तरीके को आसान बनाकर संख्या में बेची गई मात्रा की घोषणा को आसान बना दिया गया है।

ii)ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लीगल माप विज्ञान का प्रवर्तन

 

  • पिछले एक वर्ष के दौरान कानूनी माप विज्ञान नियम2009 और कानूनी माप विज्ञान (पैक की गई वस्तुओं), नियम 2011 के उल्लंघन के लिए ई-कॉमर्स उद्योगों और ई बाज़ार को कई नोटिस जारी किए गए हैं।
  • उल्लंघन में मूल देश, एमआरपी से अधिक शुल्क लेना आदि शामिल हैं। लगभग 82 उद्योगों ने अब तक लगभग 44.55 लाख रुपये की कुल संयुक्त राशि का चालान अदा किया है।
  • ई-कॉमर्स उद्योगों पर प्रवर्तन कार्रवाइयों के कारण, यह देखा गया है कि उद्योग अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर घोषणाओं पर उचित ध्यान दे रहे हैं।

iii)    सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्र का कार्यान्वयन

  • कानूनी माप विज्ञान (जीएटीसी) नियम, 2013 को लागू किया गया है, क्योंकि भारत सरकार ने जीएसआर नंबर 95 (ई) दिनांक 1 फरवरी 2021 के तहत नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज/आईएसओ: आईईसी 17025:2017 के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को जीएटीसी नियमों के अनुरूप बाटों और मापों के अंशांकन को अनुमति दी है।
  • एनएबीएल द्वारा लगभग 70 प्रयोगशालाओं की सूची प्रदान की गई है जो जीएटीसी के रूप में कार्य कर सकती हैं। इसके अलावा जीएटीसी के लिए एक मसौदा आवेदन पत्र और जीएटीसी के आवेदन के लिए फ्लोचार्ट एनएबीएल द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
  • एनएबीएल को निजी एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से नए आवेदन स्वीकार करने का कार्य सौंपा गया है। कानूनी माप विज्ञान के सभी आरआरएसएल को डीम्ड जीएटीसी का दर्जा दिया गया है जिन्होंने जीएटीसी के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया है।

iv) अपने ऑनलाइन पोर्टल lm.doca.gov.in के माध्यम से कानूनी माप विज्ञान की सेवाओं का डिजिटलीकरण

• लीगल मेट्रोलॉजी की चार सेवाएं हैं जिन्हें lm.doca.gov.in पोर्टल के माध्यम से डिजिटाइज़ किया गया है। इसने आवेदक को इन आवेदनों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अनुमति दी है जिससे आवेदन की समय सीमा कम हो गई है और डाक द्वारा आवेदन भेजने और डाक द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त करने की परेशानी कम हो गई है।

• पहले नामांकन/पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया में डाक से आवेदन भेजने और प्रमाण पत्र प्राप्त करने में लगभग 25-30 दिन लगते थे, जिसे घटाकर 3 दिन कर दिया गया है। इसी तरह मॉडल की स्वीकृति में लगने वाला समय 6 से 9 महीने से घटाकर 2 से 3 महीने कर दिया गया है।

• इसके अलावा इसने भारत कोष के माध्यम से शुल्क जमा करने के साथ संपर्क रहित आवेदनों का शुभारंभ किया है जो पहले डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से काफी पेचीदा था।

v) आरआरएसएल वाराणसी का उद्घाटन

आरआरएसएल और आईआईएलएम योजना के सुदृढ़ीकरण के तहत, आरआरएसएल वाराणसी प्रयोगशाला का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है, क्षेत्र में लीगल मेट्रोलॉजी को लागू करने से विभिन्न परीक्षण और अंशांकन सुविधाओं का एक समूह कपड़ा, कृषि, स्वचालन और बुनियादी ढांचे आदि जैसे उद्योगों के लिए लाभप्रद साबित होगा। प्रयोगशाला भवन उद्घाटन के लिए तैयार है और आशा है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उनके प्रदर्शन और उत्पादन के बारे में उद्योगों में विश्वास की भावना उत्पन्न होगी। औद्योगिक उत्पादन के रूप में सटीक और स्पष्ट माप समग्र गुणवत्ता के लिए एक प्रमुख भूमिका निभाती है। यह आत्मनिर्भर भारत मिशन और वोकल फॉर लोकल की परिकल्पना के अनुरूप होगा।

vi) समय विस्तार

पांच आरआरएसएल और एनपीएल परियोजना के माध्यम से समय का विस्तार किया जाना जारी है जिसके लिए वैश्विक निविदा पूछताछ के माध्यम से समय समूह की खरीद के लिए निविदा जल्द ही जारी की जाएगी।

विभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कई गतिविधियों का आयोजन किया

  • उपभोक्ता मामले विभाग और इसके तहत संगठनों ने पेयजल, बीआईएस मानकों, हॉलमार्क, उपभोक्ता संरक्षण, देश की आत्मनिर्भरता, एकल उपयोग प्लास्टिक, जूते, राष्ट्र निर्माण और ई-कॉमर्स वेबसाइटों के लिए मानकों के महत्व जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, व्याख्यान, वेबिनार और उपभोक्ता जागरूकता, कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन गतिविधियों में शैक्षणिक संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों और उद्योग निकायों की भागीदारी शामिल रही। एमआरपी, पूर्व-पैक वस्तुओं, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच), बीआईएस मानक आदि पर संदेश टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किए गए। हॉलमार्किंग, बीआईएस मानकों, एनसीएच और खरीद के बाद रसीद लेने के महत्व पर उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने के लिए भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया था। माई गॉवपोर्टल पर एक हैकथॉन शुरू किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर पेशेवर शामिल हुए जिन्होंने इस क्षेत्र में उपभोक्ता न्यायालय मामलों के मूल्यांकन और कानूनी माप विज्ञान पंजीकृत और अनुमोदित दुकानों के लिए सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान किया।
  • विभाग उपभोक्ता जागरूकता गतिविधियों जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम व्याख्यान वेबिनार नुक्कड़ नाटक और टीवी और सोशल मीडिया पर संदेशों के प्रसार का आयोजन करना जारी रखेगा। इन गतिविधियों से उपभोक्ताओं में विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता पैदा होगी। विभाग 14 मार्च 2022 से 20 मार्च 2022 तक अपना प्रतिष्ठित सप्ताह मनाएगा। इस सप्ताह के दौरान, विभाग विभिन्न हितधारकों की भागीदारी से उपभोक्ता जागरूकता फैलाएगा। विभाग ने जिला और राज्य उपभोक्ता आयोगों के प्रदर्शन और पंजीकृत उपभोक्ता अदालतों के मामलों के निपटान के आधार पर अखिल भारतीय रैंकिंग शुरू करने की योजना बनाई है।
  • आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा दिनांक 20.12.2021 से 26.12.2021 तक आयोजित सुशासन सप्ताह पर प्रदर्शनी में विभाग ने भागीदारी की।

इसके अलावा विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया:

  • 2 से 31 अक्टूबर 2021 के दौरान स्वच्छता पर एक विशेष अभियान का आयोजन किया गया। अभियान के दौरान सभी वर्गों और आम क्षेत्रों को भीड़-भाड़ से मुक्त करते हुए इनकी सफाई की गई। पुराने अप्रचलित और अनुपयोगी सामान, कार्यालय के फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक कचरे का नीलामी के माध्यम से निपटान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 3350 वर्ग फुट की जगह खाली हो गई और उच्चतम बोली लगाने वाले द्वारा 172,500/- रुपये की राशि प्राप्त हुई। कुल 43,807 फाइलों और रजिस्टरों की समीक्षा की गई और उन्हें हटा दिया गया, और विभागीय पोर्टल में अपलोड किए गए आंकड़ों और तस्वीरों के साथ-साथ प्रशासनिक सुधार और पीजी विभाग को प्रस्तुत किया गया।
  • विभाग ने 13 नवंबर 2021 को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया। कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देने वाले वर्गों को पुरस्कृत किया गया और विभागीय स्टाफ सदस्यों द्वारा 'स्वच्छता' और 'उपभोक्ता जागरूकता' विषय पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इसी विषय पर विभागीय टीम द्वारा क्रमशः 26 नवंबर और 29 नवंबर 2021 को भारतीय व्यापार मेला प्रदर्शनी स्थल और दिल्ली हाट, आईएनए में दो नुक्कड़ नाटकों का भी प्रदर्शन किया गया।

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एमजी/एएम/एसएस/एके



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