विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् की वर्षांत समीक्षा-2021
Posted On:
31 DEC 2021 1:07PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर-एनपीएल के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय माप-पद्धति सम्मेलन (नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव) में उद्घाटन भाषण दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिकी अनुसंधान परिषद्-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल) के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय माप-पद्धति सम्मेलन 2021 में उद्घाटन भाषण दिया।
नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-एनपीएल प्रयोगशाला देश की स्वतंत्रता से पूर्व स्थापित की गई कुछ प्रमुख प्रयोगशालाओं में से एक है, जिसकी स्थापना 04 जनवरी 1947 को की गई थी। प्रयोगशाला के प्लेटिनम जुबली वर्ष (75वें वर्ष) की शुरुआत और इस विशेष दिन को एनपीएल स्थापना दिवस समारोह के रूप में मनाने के लिए, सीएसआईआर-एनपीएल ने ‘राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए माप-पद्धति’विषय पर एक राष्ट्रीय माप-पद्धति सम्मेलन का आयोजन किया।इस समारोह में सीएसआईआर के उपाध्यक्ष और केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता की
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 04 जून 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएसआईआर सोसायटी की एक बैठक की अध्यक्षता की।इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।लेकिन इतिहास गवाह है कि देश और दुनिया पर जब भी कोई बड़ा मानवीय संकट आया है, ऐसी विपरीत परिस्थिति में विज्ञान ने ही बेहतर भविष्य का रास्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा, विज्ञान का मूल स्वरूप ही संकट के समय समाधान और संभावनाएं तलाशना और समाज को नई ताकत देना है।उन्होंने सीएसआईआर से आग्रह किया कि वे समाज और उद्योग को साथ लेकर और एक प्रभावी रोडमैप के साथ निश्चित दिशा में आगे बढ़ें।
कोविड-19 रोकथाम की दिशा में की गई पहल
जम्मू में ओक्टाकॉप्टर ड्रॉन के माध्यम से कोविड-19 वैक्सीन का हवाई वितरण शुरू किया गया।
माननीय केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 27 नवंबर 2021 को जम्मू में ओक्टाकॉप्टर ड्रॉन के माध्यम से कोविड-19 वैक्सीन के हवाई वितरण की शुरुआत की। सीएसआईआर-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (सीएसआईआर-एनएएल) द्वारा स्वदेशी तरीके से विकसित ओक्टाकॉप्टर ड्रॉन, मध्यम श्रेणी के बीवीएलओएस मल्टीकॉप्टर यूएवी हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने और ले जाने की सुगमता को ध्यान में रखते हुए यूएवी को हल्के वजन वाले कार्बन फाइबर फोल्डेबल ढांचे के रूप में बनाया जाता है। इसमें उन्नत उड़ान इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम के साथ-साथ दोहरे निरर्थक एमईएमएस आधारित डिजिटल ऑटोपायलट के माध्यम से स्वायत्त मार्गदर्शन जैसी अनूठी विशेषताएं हैं। एनएएल ऑक्टाकॉप्टर में शक्तिशाली ऑनबोर्ड एम्बेडेड कंप्यूटर लगाया गया है और कृषि कीटनाशक छिड़काव, फसल निगरानी,खनन सर्वेक्षण, चुंबकीय भू सर्वेक्षण मैपिंग आदि कार्यों को सुचारू रूप से करने के लिए इसे लेटेस्ट सेंसर्स से लैस किया गया है। सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू से राजकीय उप-जिला चिकित्सालय, मढ़, जम्मू तक करीब 15 किलोमीटर की दूरी को कवर करने के लिए इस ओक्टाकॉप्टर का एक डेमो किया गया। ओक्टाकॉप्टर ने 15 मिनट में ही इस दूरी को कवर कर लिया। ड्रॉन के माध्यम से कोविड-19 वैक्सीन की 50 शीशियों की पहले खेप को अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट मढ़ क्षेत्र में सफलतापूर्वक पहुंचाया गया।
सीएसआईआर-एनएएल द्वारा विकसित “स्वस्थ वायु” नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर को नियामक मंजूरी : 6 निजी कंपनियां वेंटिलेटर तकनीक का वाणिज्यिक इस्तेमाल कर सकेंगी
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी (एनएएल) के वैज्ञानिकों ने कोविड महामारी की शुरुआत में वेंटिलेटरों की कमी से निपटने और कोरोना के मरीजों के उपचार के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने के लिए चिकित्सा पेशेवरों के साथ मिलकर स्वदेशी तकनीक से डिजाइन किया गया अतिरिक्त सुविधाओं वाला नॉन-इनवेसिव बायलेवल पॉज़िटिव एयरवे प्रेशर वेंटिलेटर “स्वस्थ वायु” बनाया था।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति इन वेंटिलेटर्स के प्रदर्शन आंकलन किया। आंकलन के बाद विशेषज्ञ समिति इस नतीजे पर पहुंची कि इन स्वस्थ वायु वेंटिलेटरों का इस्तेमाल ऐसे कोविड मरीजों के उपचार के लिए किया जा सकता है जिन्हें मशीन के माध्मय से 35 प्रतिशत तक आक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है।सीएसआईआर-एनएएल ने छह निजी कंपनियों को “स्वस्थ वायु” तकनीक के वाणिज्यिक इस्तेमाल की इजाजत दी है। ये सभी कंपनियां एमएसएमई श्रेणी की हैं। इनमें से एक कंपनी ने अपनी उत्पादन इकाई स्थापित भी कर ली है जहां 300 स्वस्थ वायु वेंटिलेटरों का उत्पादन प्रति सप्ताह किया जासकेगा।सीएसआईआर-एनएएल को दिल्ली सरकार से 1200 “स्वस्थ वायु” वेंटिलेटरों की आपूर्ति और इनको दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में लगाने का काम मिला।
सीएसआईआर-आईआईपी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर पीएम-केयर फंड से वित्तपोषित 108 ऑक्सीजन प्लांटों को विकसित,स्थापित और चालू किया है।
सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी), देहरादून ने ऑक्सीजन संवर्धन इकाइयाँ विकसित की हैं, जो 500 लीटर प्रति मिनट मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन उत्पन्न कर सकती हैं। ये इकाइयां एक ऐसी नई तकनीक पर आधारित हैं, जो प्रेशर वैक्युम स्विंग ऐड्सॉर्प्शन तकनीक (पीवीएसए) का उपयोग करके ऑक्सीजन का अधिक कुशलता के साथ और कम लागत में उत्पादन करने की सुविधा देती है।यह एक कम लागत वाली प्रभावशाली तकनीक है। कई औद्योगिकी भागीदारों को इसका लाइसेंस भी दिया गया है।
बठिंडा में 100 बिस्तरों वाले अस्थायी (मेक-शिफ्ट) अस्तपाल का उद्घाटन
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बठिंडा के तलवंडी साबो में 100 बिस्तरों वाले अस्थायी कोविड अस्पताल का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस अस्पताल के बनने से राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने की तैयारियों को और मज़बूती मिली।कोविड मरीज़ों के उपचार के लिए इस अस्थायी अस्पताल को मात्र डेढ़ महीने में बनाकर तैयार किया गया। इस अस्पताल का निर्माण सीएसआईआर-केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के दिशा-निर्देशन में एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एचएमईएल) रिफाइनरी, बठिंडा की मदद से किया गया।
सीएसआईआर- सीबीआरआई ने सफदरजंग अस्पताल में 44 बेड के अस्थायी अस्पताल को स्थापित किया
सीएसाईआर के केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) ने कोविड मरीज़ों के बेहतर उपचार और प्रबंधन के लिए नई दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में 44 बेड के एक अस्थायी अस्पताल की स्थापना की। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने इस अस्थायी अस्पताल का उद्घाटन किया।
सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) द्वारा सार्स-सीओवी-2 का मुकाबला करने के लिए विकसित यूवी कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी स्वदेशी निर्माताओं को हस्तांतरित, संसद के केन्द्रीय कक्ष में भी इस तकनीक को स्थापित किया गया
सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) ने एक यूवी-सी वायु नली कीटाणुनाशक प्रणाली विकसित की। इस कीटाणुनाशक प्रौद्योगिकी को सभागारों, बड़े सम्मेलन कक्षों, क्लासरूम, मॉल्स आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है, ये उपकरण वर्तमान महामारी के दौर में काफी हद तक स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा। प्रौद्योगिकी को आवश्यक वेंटिलेशन और सुरक्षा उपायों,उपयोगकर्ता के लिए दिशानिर्देशों और जैव-सुरक्षा मानकों आदि का ध्यान रखते हुए एक एरोसोल में निहित सार्स कोव-2 वायरस को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। सीएसआईआर-सीएसआईओ द्वारा विकसित उत्पादों को 99% से अधिक कीटाणुनाशकोंके स्तर पर परीक्षण किया गया है, और इसे भवनों,परिवहन वाहनों और अन्य कई ज़रूरी कार्यों में एयर हैंडलिंग यूनिट्स (एएचयू) के रेट्रोफिट समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सीएसआईआर-सीएसआईओ ने इस प्रौद्योगिकी को 28 कंपनियों को हस्तांतरित किया है। संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले वायरस को निष्क्रिय करने के लिए संसद के केंद्रीय हॉल में भी इस प्रौद्योगिकी को स्थापित किया गया है।
सीएसआईआर- राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनसीएल), पुणे ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के साथ मिल कर कोविड-19 पीपीई किट कचरे के कुशल निष्पादन का तरीका निकाला
एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट अध्ययन में,सीएसआईआर-एनसीएल टीम ने भारतीय शहरों में वर्तमान में उपलब्ध रिसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाकर पीपीई प्लास्टिक कचरे (मैसर्स निकी प्रिसिजियन इंजीनियर्स, पुणे में) के सफल निष्पादनके लिए लैब-स्केल पर निर्मित मोल्डेड ऑटोमोटिव उत्पादों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। सीएसआईआर-एनसीएल और आरआईएल ने अब इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे इस अवधारणा को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का रास्ता तैयार होगा। पुणे शहर में 100 किलोग्राम पीपीई किट के सफलतापूर्वक निष्पादन का कार्य पुणे स्थित कंपनियों जैसे मैसर्स एपीपीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड,मैसर्स स्काई कंपोजिट्स,मैसर्स हर्ष दीप एग्रो प्रोडक्ट्स,मैसर्स उर्मिला पॉलिमर्स,मैसर्स जय हिंद ऑटोटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से किया गया। लिमिटेड, जिन्होंने पुनर्नवीनीकरण माल का उत्पादन किया। ये सभी कंपनियाँ रिसाइकिल उत्पादों के निर्माण का कार्य करती हैं।
नागपुर स्थित एनईईआरआई ने रोगियों के लिए नमक के पानी से गरारे के माध्यम से आरटी-पीसीआर जांच की अनूठी विधि विकसित की
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने एक और कीर्तिमान अपने नाम पर करते हुए कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण के लिए ‘नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) आरटी-पीसीआर विधि’का पता लगाया। नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) की इस विधि से कई प्रकार के लाभ एक साथ मिलते हैं। यह विधि सरल,तीव्र,लागत प्रभावी,रोगी के अनुकूल और आरामदायक है और इससे परिणाम भी जल्दी मिलते हैं।न्यूनतम बुनियादी आवश्यकताओं को देखते हुए यह विधि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए काफी उपयुक्त है।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा विकसित कोवैक्सीन के उपयोग के लिए प्रमुख अणु के संश्लेषण में सीएसआईआर-आईआईसीटी की भूमिका
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) कोविड-19, कोवैक्सीन नामक स्वदेशी वैक्सीन को तैयार करने के मामले में अग्रणी रही है। बीबीआईएल द्वारा विकसित वैक्सीन, सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त करने के मामले में अत्यंत प्रभावी है। वैक्सीन को एएलजीईएल-आईएमडीजी के साथ मिलकर तैयार किया गया। इस वैक्सीन में आवश्यक प्रतिरोधी तंत्र को विकसित करने के लिए एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड जैल के साथ टीएलआर7/8 एगोनिस्ट रसायन है। हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) के सीएसआईआर की प्रयोगशाला ने बीबीआईएल की सहायता से स्वदेश में ही सस्ते मूल्य और अत्यंत प्रभावकारी निदान के लिए एगोनिस्ट अणु के लिए सिंथेटिक रूट तैयार किया है। इस एगोनिस्ट अणु में सहायक उत्पादन को बढ़ाने के लिए बीबीआईएल से मदद ली गई है।
देशभर में स्थापित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का उपयोग करके पूरे भारत में कोविड-19 की जांच को और अधिक सुलभ बनाने के लिए सीएसआईआर और टाटा एमडी बने सहयोगी
भारत के शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसन्धान केंद्र (सेंटर फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च- सीएसआईआर) और टाटा समूह के नए स्वास्थ्य देखरेख उद्यम (हेल्थकेयर वेंचर) टाटा एमडी ने दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों (टियर II और III शहरों) के साथ ही देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड-19की परीक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है।सीएसआईआर और टाटा एमडी भविष्य में कोविड-19 महामारी के चलते बड़े पैमाने पर पड़ने वाली ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पहले से ही इसके प्रबंधन के लिए व्यवस्थाएं विकसित कर रहे हैं।इस पहल के अंतर्गत पूरे भारत में सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का उपयोग करके देशभर में छोटे स्थानों में परीक्षण क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा। सीएसआईआर और टाटा एमडी संयुक्त रूप से परीक्षण की क्षमताएं विकसित करेंगे और इसके लिएआरटी-पीसीआरसीआरआई एसपीआर एसएआरएस सीओवी-2 परीक्षण किट का उपयोग किया जाएगा, जिसमें सीएसआईआर-आईजीआईबी की एफईएलयूडीए तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
प्रमुख उपलब्धियाँ और महत्वपूर्ण बातें
भूजल प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक हेली-जनित (बोर्न) सर्वेक्षण तकनीक का शुभारंभ
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन,परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 05 अक्तूबर 2021 को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनजीआरआई) हैदराबाद द्वारा विकसित भूजल प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक हेली-जनित (बोर्न) सर्वेक्षण तकनीक का शुभारंभ किया। जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।इस नवीनतम हेली-जनित (बोर्न) सर्वेक्षण के लिए राजस्थान,गुजरात,पंजाब और हरियाणा राज्यों को सबसे पहले चुना गया है और इसकी शुरुआत राजस्थान के जोधपुर से की गई।इस अवसर पर अपने सम्बोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की जल संबंधी प्रौद्योगिकियों से, जल स्रोत की खोज से लेकर जल के उपचार तक देशभर में लाखों लोगों को फायदा होगा और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “हर घर नल से जल” के साथ-साथ “किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य” में सकारात्मक योगदान होगा।
भारतीय जैव-जेट ईंधन प्रौद्योगिकी को औपचारिक सैन्य प्रमाणन मिला
सीएसआईआर-आईआईपी देहरादून के जैव-जेट ईंधन के उत्पादन की घरेलू तकनीक को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सैन्य विमानों में उपयोग के लिये औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी गयी है। श्री आर. कमलकन्नन, समूह निदेशक (एटी एंड एफओएल),सेना उड़नयोग्यता और प्रमाणीकरण केन्द्र (सीईएमआईएलएसी) के द्वारा भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन आशीष श्रीवास्तव एवं विंग कमांडर ए सचान और सीईएमआईएलएसी के श्री आर शनमुगावेल की उपस्थिति में सीएसआईआर-आईआईपी के प्रधान वैज्ञानिक श्री सलीम अख्तर फारूकी को प्रोविजनल क्लीयरेंस (पीसी) प्रमाणपत्र सौंपा गया। यह प्रमाणन विमानन जैव-ईंधन क्षेत्र में भारत के बढ़ते विश्वास और ‘आत्मनिर्भर भारत’की दिशा में एक और कदम का प्रतिनिधित्व करता है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के लिए भारत की पहली वर्चुअल साइंस लैब का शुभारंभ किया
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार),प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक,लोक शिकायत एवं पेंशन,परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्रीडॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के लिए भारत की पहली वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला का शुभारंभ किया,जो छात्रों को देशभर के वैज्ञानिकों के साथ जुड़ने में मदद करेगी।वर्चुअल प्रयोगशाला को एक व्यापक और नई शुरुआत बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे न केवल देश के प्रत्येक कोने में सभी वर्गों के छात्रों तक विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप भी है,जहां पर छात्रों को किसी भी विषय का चयन करने की अनुमति है, और स्ट्रीम की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस नई सुविधा से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सरकारी स्कूलों के छात्रों को बहुत फायदा होगा और उन्हें युवाओं के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी।
भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ
भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ 15 दिसंबर 2021 को पुणे में किया गया। सीएसआईआर-राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला (एनसीएल) और सीएसआईआर-सेंट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीईसीआरआई) ने साइंटिस्ट लैब (केपीआईटी टेक्नॉलॉज़िस द्वारा संचालित अनुसंधान एवं विकास नवाचार प्रयोगशाला) के सहयोग से हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नॉलॉजी को विकसित किया है।
सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के इस्तेमाल को डीसीजीआई की मंज़ूरी
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सिकल सेल एनीमिया (एससीए) के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के इस्तेमाल को मंज़ूरी दी। सीएसआईआर के सिकल सेल एनीमिया मिशन को सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बॉयलॉजी (सीसीएमबी), सिप्ला और सीएसआईआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम) की मदद से संचालित किया जाता है। केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा गठित विशेषज्ञ दल ने एससीए के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के विपणन को मंज़ूरी दी।
इंडिगो ने टिकाऊ विमानन ईंधन बनाने के लिए सीएसआईआर-आईआईपी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए
देहरादून स्थित सीएसआईआर-आईआईपी और इंडिगो ने टिकाऊ विमानन ईंधन बनाने और उसकी आपूर्ति करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
सीएसआईआर-एनएएल द्वारा विकसित नयी पीढ़ी के हंस विमान ने सफलतापूर्वक भरी पहली उड़ान
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर)-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (एनएएल), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए नई पीढ़ी के हंस विमान ने 03 सितंबर 2021 को अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक भरी।विमान ने दोपहर 2:09 मिनट पर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हवाई अड्डे से उड़ान भरी और 4,000 फुट की ऊंचाई पर पहुंचा और 80 नॉट्स की स्पीड प्राप्त की। लगभग 20 मिनट की सफलतापूर्वक उड़ान के बाद विमान वापस नीचे उतरा।
सीएसआईआर- एनजीआरआई और आरहूस विश्वविद्यालय, डेनमार्क और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड;तथा सीएसआईआर-टीकेडीएल और डेनिश पेटेंट एंड ट्रेडमार्क कार्यालय के बीच समझौते
डेनमार्क के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच दो सीएसआईआर समझौतों का आदान-प्रदान हुआ। पहला समझौता सीएसआईआर- एनजीआरआई और आरहूस विश्वविद्यालय, डेनमार्क और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड के बीच भूजल संसाधनों और एक्वीफर्स के मानचित्रण से संबंधित था। दूसरा समझौता सीएसआईआर-टीकेडीएल और डेनिश पेटेंट एंड ट्रेडमार्क कार्यालय के बीच हुआ।
सीएसआईआर और एनसीएसएम ने चुनिंदा सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में विज्ञान संग्रहालय स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह की उपस्थिति में सीएसआईआर और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।इस समझौते का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच वैज्ञानिक उत्सुकता और जागरूकता बढ़ाने के लिए सीएसआईआर की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में विज्ञान संग्रहालय स्थापित करना है।
सीएसआईआर ने सीवरेज रखरखाव के लिए स्वदेशी मशीनीकृत सफाई प्रणाली विकसित की
सीएसआईआर–सीएमईआरआई,दुर्गापुर द्वारा विकसित स्वदेशी मशीनीकृत सफाई प्रणाली (मैकेनाइज्ड स्कैवेंजिंग सिस्टम) का सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल) के परिसर में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए मशीन के दो और संस्करण विकसित किए गए हैं।
सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने उन्नत स्वदेशी डिजाइन और फीचर वाले मॉब कंट्रोल व्हीकल प्रोटोटाइप के तीन संस्करणों का प्रदर्शन किया
कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने में लगे अर्धसैनिक बलों को आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता बढ़ाने के लिए; उन्नत विकल्पों के साथ उन्हें प्रशिक्षित और सुसज्जित करने के लिए, सीएसआईआर ने आईजी (आरएएफ), सीआरपीएफ के नेतृत्व में गृह मंत्रालय की अनुसंशा वाले सदस्यों के सामने मॉब कंट्रोल व्हीकल्स (एमसीवी) की ‘छोटे, मध्यम और भारी’ श्रेणी में अपने तीन नवाचारयुक्त संस्करणों का प्रदर्शित किया है। हाल ही में परेड ग्राउंड, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, गुरुग्राम में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक की सुरक्षित दवा को विकसित करने के लिए सीएसआईआर-सीडीआरआई और मार्क लेबोरेटरीज लिमिटेड, इंडिया ने एक समझौता लाइसेंस पर हस्ताक्षर किए
सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ उत्तर प्रदेश में फार्मा क्लस्टर की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने यूपी स्थित मार्क लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है। यह एक युवा और प्रगितशील उद्यम है जो 13 अन्य राज्यों में भी कार्यरत है। मार्क लेबोरेटरीज ने एस-007-867 सिंथेटिक कंपाउंड को रक्त जमावट मॉड्यूलेटर के रूप में विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। विशेष रूप से कोलेजन प्रेरित प्लेटलेट एकत्रीकरण के अवरोधक के रूप में यह कार्य करेगा। यह लोगों के कोरोनरी और सेरेब्रल धमनी रोगों के इलाज में सहायक हो सकता है।संस्थान ने हाल ही में दवा के क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण शुरू करने की अनुमति प्राप्त की है।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सीएसआईआर-अरोमा मिशन के दूसरे चरण के अंतर्गत जम्मू के किसानों, कृषि स्टार्टअप औरयुवा उद्यमियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन किया
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सीएसआईआर-अरोमा मिशन के दूसरे चरण के अंतर्गत सीएसआईआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम), जम्मू के किसानों, कृषि स्टार्टअप औरयुवा उद्यमियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन किया, और किसानों, कृषि स्टार्टअप औरयुवा उद्यमियों के साथ बातचीत की।डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस मिशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दो मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इस केंद्र शासित प्रदेश के सुगंधित पौधों से बने प्रसंस्कृत उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने लैवेंडर की खेती के प्रति कृषक समुदाय को आकर्षित करने और जन जागरूकता फैलाने के लिए कलाकार मलूप सिंह द्वारा रचित बदरवाही भाषा में एक गीत का भी अनावरण किया।
सीएसआईआर ने पहली ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी के 20 साल पूरे होने पर जश्न मनाया
साल 2022 में 80 वर्ष पूरे करने जा रहे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने अपने संगठन की सफलता की 80 कहानियों को उभारकर बताने वाला एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का शुभारंभ हाल ही में किया गया क्योंकि सीएसआईआर की ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) भारत के पारंपरिक ज्ञान की हिफाजत करते हुए दो दशक पूरे कर रही है। इन दो दशकों की इस यात्रा को याद करते हुए "टीकेडीएल के दो दशक - भविष्य से जुड़ने की राह" इस विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ. रघुनाथ ए. माशेलकर, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, डीपीआईआईटी के सचिव श्री गुरुप्रसाद महापात्र, जेनेवा में डब्ल्यूआईपीओ की ट्रेडिशनल नॉलेज डिविजन की वरिष्ठ सलाहकार बगोना वनेरो और सीएसआईआर के महानिदेशक व डीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर सी. मांडे जैसे गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।
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