आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने किया शहरी भू-स्थानिक डेटा कथा चुनौती-2022 का शुभारंभ
Posted On:
31 DEC 2021 7:14PM by PIB Delhi
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और भारत के शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शहरी भू-स्थानिक डेटा कथा चुनौती शुरू करने की घोषणा की। चुनौती का आयोजन उन चुनिंदा स्मार्ट नगरों के साथ किया गया है जो उच्च गुणवत्ता वाले जीआईएस डेटासेट प्रकाशित करेंगे। इस डेटा का विश्लेषण करने और व्यावहारिक डेटा कथा की रचना के लिए राष्ट्रीय भू-स्थानिक एजेंसियों, निजी क्षेत्र के उद्यमों, वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसायों, उपभोक्ता सेवाओं और स्टार्ट-अप से पंजीकृत प्रतिभागियों को 1000 से अधिक भू-स्थानिक डेटासेट उपलब्ध कराए गए हैं।
फरवरी 2022 के दौरान सूरत में आयोजित होने वाले ’आजादी का अमृत महोत्सव-स्मार्ट नगर: स्मार्ट शहरीकरण सम्मेलन की तैयारी के साथ शहरी भू-स्थानिक डेटा कथा चुनौती एमओएचयूए द्वारा की जा रही कार्यक्रम पूर्व की पहलों की एक शृंखला का हिस्सा है जिसका मकसद भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को अपनाना और भारत के शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देना।
पंजीकृत प्रतिभागियों के लिए चुनौती 1 जनवरी, 2022 से शुरू होगी और जनवरी 2022 के अंत तक समाप्त होगी।
चुनौती को भू-स्थानिक नीति को बढ़ावा देने और भारत को भू-स्थानिक सक्षम राष्ट्र बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। डेटा की व्यापक शृंखला का साझाकरण और एकीकरण नागरिकों और उद्यमों को लोगों को सशक्त बनाने और शहरी सेवाओं व अनुप्रयोगों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए भू-स्थानिक डेटा और जानकारी तैयार करने, उसका मूल्यांकन करने और उपयोग करने के लिए सशक्त बनाएगा। ’ओपन इनोवेशन’ और ’ओपन डेटा शेयरिंग’ की अवधारणा पर तैयार हैकाथॉन से भारत के सभी नगरों में हितधारकों को लाभ मिल सकता है।
अकादमिक, निजी क्षेत्र, उभरती प्रौद्योगिकियों और सरकार समेत भू-स्थानिक विशेषज्ञों की एक विस्तृत शृंखला से अभिनव विचारों और समाधानों को आत्मसात करने से किसी भी नगर के नागरिकों द्वारा सामना की जाने वाली कुछ अत्यंत साधारण समस्याओं का समाधान करने और अन्य नगरों में सफल विचारों का अनुकरण करने में मदद मिलेगी।
अब तक 800 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है और 10 से अधिक एजेंसियों ने परामर्श और मूल्यांकन के लिए भागीदारी की है, जिससे यह चुनौती भारत को एक भू-स्थानिक सक्षम राष्ट्र बनाने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास बन गई है। चुनौती विवरण, जिसमें डेटासेट और भागीदारी के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं https://urbanhack.niua.org/पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने और इसे यादगार बनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर वह शक्ति और क्षमता भी है जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को क्रियाशील बनाने में सक्षम है।
आजादी का अमृत महोत्सव उन सबकी अभिव्यक्ति है जो भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को लेकर प्रगतिशील है। ’आजादी का अमृत महोत्सव’ का आधिकारिक सफर 12 मार्च 2021 को शुरू हुआ, जब हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू हुई।
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