कोयला मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा-2021- कोयला मंत्रालय
कोयला खदानों के संचालन में तेजी लाने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस शुरू किया गया
कोयला आयात निगरानी प्रणाली की शुरुआत
2021 में (नवंबर तक) सीआईएल और एससीसीएल का कुल कोयला ऑफटेक 64.532 करोड़ टन रहा
व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी के नियम उदार किये गये
दो चरण में छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा के 28 कोयला ब्लॉक की नीलामी
चौथे और नवीनतम दौर की नीलामी में 99 कोयला खदानों को प्रस्तुत किया गया
हरित पहल में महत्वपूर्ण उपलब्धियां
Posted On:
27 DEC 2021 12:02PM by PIB Delhi
नीति/सुधार एवं फैसले
सुधार
"कोयला खान नियंत्रण (संशोधन) नियम, 2021"
विभिन्न अनुपालनों की प्रासंगिकता और आवश्यकता की जांच करने के साथ-साथ संबंधित प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाने, कम करने और सरल बनाने के उद्देश्य और समानांतर अनुपालनों को दूर करके कारोबार की सुगमता को बढ़ाने के लिये अनुपालन बोझ से एक अधिनियम को कम करते हुए कोयला खान (संरक्षण और विकास) अधिनियम, 1974 (सीएमसीडी) और सीएमसीडी नियम, 1975 को निरस्त कर दिया गया है और कोयला खान नियंत्रण नियम, 2004 को कोयला खान नियंत्रण (संशोधन) नियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है जिसे जी.एस.आर.( ई) 546(ई) दिनांक 09.08.2021 के तहत भारत के राजपत्र में अधिसूचित और प्रकाशित किया गया है।
खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 2021
खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 ने एमएमडीआर अधिनियम 1957 में संशोधन किया। इसके लिए खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में संशोधन की आवश्यकता थी। इसलिए, एमसीआर, 1960 को खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 2021 के माध्यम से उचित रूप से संशोधित किया गया है, जिन्हें दिनांक 01.10.2021 को राजपत्र अधिसूचना जी.एस.आर 717 (ई) के माध्यम से अधिसूचित किया गया है।
एमसीआर, 1960 में नियम 24सी को शामिल करने के साथ, कोयले या लिग्नाइट के लिए खनन पट्टा अब एक सरकारी कंपनी या निगम को 50 साल के लिए दिया जाता है। 01.10.2021 के एमसीआर सुधारों से पहले दी गई खनन लीज को 50 साल या 31 मार्च, 2030 तक, जो भी बाद में हो, के लिए दिया गया माना जाएगा। राज्य सरकारों को आवंटित खदानों के लिए एक बार में 20 साल की अवधि के लिए खनन पट्टे का विस्तार करने का अधिकार है।
एमसीआर, 1960 में नियम 27ए को शामिल करने के साथ, कैप्टिव खदान को पट्टे पर लेने वाले को खदान से जुड़े अंतिम उपयोगकर्ता संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने के बाद एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित कुल कोयले या लिग्नाइट की एक सीमा तक (50 प्रतिशत) तक कोयला या लिग्नाइट बेचने की अनुमति है। यह प्रावधान अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट्स सहित टैरिफ के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के आधार पर प्रदान की गई बिजली परियोजनाओं पर लागू नहीं है।
केंद्र सरकार, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा और लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए, सरकारी कंपनी या निगम द्वारा बेचे जा सकने वाले कोयले या लिग्नाइट के उक्त प्रतिशत को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ा सकती है।
पट्टों की चूक होने पर जहां उत्पादन और प्रेषण खनन पट्टे के निष्पादन की तारीख से दो साल की अवधि के भीतर शुरू नहीं हुआ है या उत्पादन या प्रेषण शुरू होने के बाद लगातार दो साल की अवधि के लिए बंद कर दिया गया है के लिये एमसीआर, 1960 के नियम 28 को संशोधित किया गया है। पट्टे के अमल में आने की तारीख से दो वर्ष की अवधि की समाप्ति पर या उत्पादन और प्रेषण के बंद होने पर जैसी भी स्थिति हो, खनन पट्टा समाप्त हो जाएगा।
नियम 64बी में संशोधन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पट्टे वाले क्षेत्र के भीतर या बाहर इसके प्रसंस्करण के बावजूद, रन-ऑफ-माइन कोयले या लिग्नाइट पर रॉयल्टी वसूल की जाएगी।
सिंगल विंडो क्लीयरेंस का शुभारंभ
केंद्र सरकार ने कोयला खदानों के संचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए 11.01.2021 को सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल लॉन्च किया। यह एक एकीकृत मंच है जो भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिए आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन की सुविधा प्रदान करता है।
कोयला आयात निगरानी प्रणाली की स्थापना:
आयात के आंकड़े पाने में डीजीसीआईएंडएस में काफी समय लगता है। कंसोलिडेटेड आयात आंकड़े डीजीसीआईएंडएस द्वारा 2 से ढाई महीने के अंतराल के बाद उपलब्ध कराया जाता है जबकि अलग-अलग आंकड़े 3 से साढ़े 3 महीने के बाद ही प्राप्त होते हैं। आंकड़ों को प्राप्त करने में देरी से किसी भी नीतिगत निर्णय लेने और आयात को कम करने की कोशिशों में असर पड़ता है। इसलिए, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की मदद से संयुक्त रूप से एक कोयला आयात निगरानी प्रणाली बनाई गई है।
“सीआईएमएस 01.04.2021 से प्रभावी है यानी 01.04.2021 को या उसके बाद इस अधिसूचना में सूचीबद्ध वस्तुओं के लिए बिल ऑफ एंट्री सीआईएमएस द्वारा नियंत्रित होगा। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दिनांक 15.02.2021 से उपलब्ध करा दी गई है। 12.04.2021 तक सीआईएमएस पोर्टल के तहत 168 पंजीकरण सफलतापूर्वक किये जा चुके हैं।
नीतियां
व्यवसायिक कोयला खनन:-
निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिये 2014 में नीलामी-आधारित व्यवस्था को अनुमति दी गयी, हालांकि, यह स्वयं के अंतिम उपयोग के संयंत्रों में कैप्टिव उपयोग तक सीमित थी। इस क्षेत्र को 2020 में निजी क्षेत्र की कंपनियों के द्वारा व्यवसायिक कोयला खनन के लिए खोल दिया गया है और व्यवसायिक खनन की पहली सफल नीलामी 18.06.2020 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी और 19 कोयला खदानों के आवंटन के साथ संपन्न हुई।
व्यवसायिक कोयला ब्लॉक नीलामी दो चरणों वाली ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आयोजित की जाती है, जिसके पहले चरण में तकनीकी जांच और प्रतिस्पर्धी प्रारंभिक मूल्य प्रस्ताव प्रस्तुत करना शामिल है, और दूसरा और अंतिम चरण जहां बेहतर मूल्य प्रस्ताव प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।
व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी प्रतिबंधित क्षेत्रों, उपयोग और कीमत के बारे में पहले के शासन व्यवस्था से पूरी तरह अलग है। अब, इस तरह के प्रतिबंध बिल्कुल भी नहीं हैं। नीलामियों में नियम और शर्तें हैं जो बहुत उदार हैं, जिससे नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति मिलती है।
अपफ्रंट राशि में कमी, रॉयल्टी में अग्रिम राशि का समायोजन, कोयला खदानों के संचालन के लिये लचीलेपन को प्रोत्साहित करने के लिए उदार दक्षता मानदंड, पारदर्शी बोली प्रक्रिया, स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति और उचित वित्तीय शर्तों और राष्ट्रीय कोयला सूचकांक पर आधारित राजस्व साझाकरण मॉडल है।
अब तक छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा राज्यों में 28 कोयला ब्लॉकों की नीलामी की गई है (विवरण संलग्नक में दिया गया है)। दिये गये 28 कोयला ब्लॉकों की सफल नीलामी से कोयला भंडार रखने वाली राज्य सरकार को होने वाले अनुमानित लाभ निम्नानुसार हैं:
क्रमांक
|
राज्य का नाम
|
नीलाम हुई खदानों की संख्या
|
नीलाम हुई खदानों की कुल पीआरसी
|
खदान की पीआरसी के आधार पर होने वाली वार्षिक आय (करोड़ रुपये में)*
|
पूंजी निवेश (करोड़ रुपये में)*
|
कुल रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष)*
|
1
|
छत्तीसगढ़
|
5
|
8.2
|
1106.08
|
1,230.00
|
11,086
|
2
|
झारखंड
|
8
|
20.6
|
2802.70
|
3,090.00
|
27,852
|
3
|
मध्य प्रदेश
|
8
|
10.85
|
1712.71
|
1,627.50
|
14,669
|
4
|
महाराष्ट्र
|
4
|
3.52
|
520.89
|
528.00
|
4,759
|
5
|
ओडिशा
|
3
|
19
|
1802.43
|
2,850.00
|
25,688
|
|
कुल
|
28
|
62.17
|
7944.81
|
9,325.50
|
84,054
|
*कृपया ध्यान दें कि आंशिक रूप से खोजी गई खदानों की पीआरसी उपलब्ध नहीं होने के कारण व्यवसायिक नीलामी की दूसरी श्रंखला के तहत खानों के लिए केवल पूरी तरह से खोजी गयी खानों के लाभों की गणना की गई है। हालांकि, व्यवसायिक नीलामी की पहली श्रंखला में कोयला खानों के लाभों की गणना करते समय, आंशिक रूप से और पूरी तरह से खोजी गयी दोनों खानों से लाभ की गणना की गयी थी, क्योंकि आंशिक रूप से और पूरी तरह से खोजी गई कोयला खदानों के पीआरसी उपलब्ध थे।
व्यवसायिक खनन के लिए दूसरे दौर की नीलामी में, 11 कोयला ब्लॉक को एकल बोलियां मिलीं, इसलिये, मंत्रालय द्वारा इन 11 कोयला खदानों के लिये दूसरा प्रयास करने का निर्णय लिया गया। तकनीकी बोली जमा करने की अंतिम तिथि 29 नवंबर, 2021 थी। प्राप्त बोलियों को 30.11.2021 को खोला गया था। 4 कोयला ब्लॉकों के लिए कुल 7 बोलियां प्राप्त हुई थीं। नीलामी के दूसरे दौर के दूसरे प्रयास में पेश किए गए 11 कोयला ब्लॉकों का विवरण संलग्नक-बी में दिया गया है।
- नीलामी के तीसरे दौर में 88 कोयला खदानों की नीलामी की पेशकश की गई है। (विवरण संलग्नक-सी में दिया गया है)। व्यवसायिक खनन के लिए सफलतापूर्वक नीलाम की गयी 28 कोयला खदानों से उत्पादन शुरू होना बाकी है।
केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने 16 दिसंबर, 2021 को 24 नई खदानों सहित 99 कोयला खदानों की नीलामी की चौथी और नवीनतम श्रृंखला का शुभारंभ किया।
पहले दो चरणों में 28 कोयला खदानों की सफल नीलामी के बाद और सीएम (एसपी) अधिनियम की श्रृंखला 13 और एमएमडीआर अधिनियम के तीसरी श्रृंखला के तहत 20 कोयला खदानों के लिए 53 बोलियां प्राप्त होने के बाद कोयला मंत्रालय ने अब 24 नई खदानों (सीएम (एसपी) अधिनियम की श्रृंखला 14 के तहत 9 नई खदानें और एमएमडीआर अधिनियम की श्रृंखला 4 के तहत 15 नई खदानें) के लिये नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। व्यवसायिक नीलामी के तीसरे दौर से अगले दौर में लायी गईं कोयला खदानों व्यवसायिक नीलामी के दूसरे चरण की खदानों के लिये दूसरे प्रयास के साथ, कुल 99 कोयला खदानें पेश की जायेंगी।
इन प्रस्तावित 99 खानों में से 59 पूरी तरह से खोजी गई खदानें हैं और 40 आंशिक रूप से खोजी गई हैं। ये खदानें आठ कोयला उत्पादक राज्यों झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फैली हुई हैं।
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद खानों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, महत्वपूर्ण आवासों, 40 प्रतिशत से अधिक वन कवर, भारी निर्माण वाले क्षेत्रों आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को बाहर रखा गया है।
कोकिंग कोल वाशरीज की स्थापना: सरकार की योजना स्टील सेक्टर को स्वच्छ किये गये कोकिंग कोल की आपूर्ति 3 से बढ़ाकर 15 एमटी करने की है। इसके लिए, दो कोकिंग कोल वाशरीज़ पहले ही चालू की जा चुकी हैं, तीन कोकिंग कोल वाशरीज़ निर्माणाधीन हैं, दो मामलों में - आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है और एक मामले में- निविदा का मूल्यांकन किया जा रहा है। नॉन-कोकिंग कोल वाशरीज के लिए - एक नॉन-कोकिंग कोल वाशरी निर्माणाधीन है और नॉन-कोकिंग कोल वाशरीज के दो मामलों में, एलओआई जारी किया गया है।
कुल नौ कोकिंग कोल वाशरीज़ में से:
- दो कोकिंग कोल वाशरीज़ का निर्माण और संचालन
- चार निर्माणाधीन (3 कोकिंग और 1 नॉन-कोकिंग)
- दो वाशरीज के लिए एलओआई/डब्ल्यूओ जारी किया गया
- एक निविदा के तहत और बोली खोली गई - बोली का मूल्यांकन जारी
- दूसरे चरण में तीन और कोकिंग कोल वाशरीज
निर्णय
सतत विकास प्रकोष्ठ: कोयला खनन के दीर्घकालिक महत्व को स्वीकार करते हुए, कोयला मंत्रालय और सभी कोयला सार्वजनिक उपक्रमों में कोयला खदानों में बेहतर पर्यावरण प्रबंधन कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए एक "सतत विकास प्रकोष्ठ" बनाया गया है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में काम करने वाले और रहने वाले लोगों को बेहतर वातावरण प्रदान किया जा सके और देश में कोयला क्षेत्र की छवि में सुधार लाया जा सके।
हरित पहल गतिविधियां
समाज और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व- अब तक की गई हरित पहल गतिविधियाँ:
-
- कोयला खदान पर्यटन के माध्यम से कोयला खनन के बारे में जनता की धारणा में सुधार - चार इको-पार्क पूरे हो गए हैं, और अक्टूबर 2021 तक पांच इको-पार्कों की आधारशिला रखी गयी है। दो और इको-पार्क 2021-22 में और 2022-23 और 2023-24 में 2-2 और पार्क पूरे किये जायेंगे ।
- ऐसे क्षेत्रों का जैव-उद्धार जहां खनन पूरा हो गया है एवं कोयला खदानों एवं उसके आसपास मुक्त हुए क्षेत्रों में वृक्षारोपण:-
वित्त वर्ष 2020-22 के लिए 5400 हेक्टेयर और 130 लाख पौधों के लक्ष्य के मुकाबले 5445 हेक्टेयर की भूमि का जैव उद्धार और 130 लाख पौधे (अक्टूबर 2021तक) का रोपण।
-
- घरेलू उपयोग के लिए खदान के पानी की आपूर्ति और पीने योग्य और सिंचाई के लिए खदान के पानी का उपयोग :-
हरित पहल: जैव-उद्धार/वृक्षारोपण:
-
- वृक्षारोपण अभियान -2021 का सफल शुभारंभ: "गोइंग ग्रीन इनिशिएटिव" को अगस्त, 2021 में कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री, श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, सचिव (कोयला) और कोयला मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में वृक्षारोपण अभियान के साथ शुरू किया गया था।
- 12 राज्यों के 38 जिलों में (350 स्थानों पर) फैले लगभग 500 एकड़ के क्षेत्र में स्थानीय प्रजातियों के लगभग 6.9 लाख पौधे लगाये गये और स्थानीय लोगों के बीच उनके क्षेत्रों में रोपण के लिए 3.8 लाख पौधे वितरित किये गये।
- वृक्षारोपण अभियान कोयला क्षेत्रों में पूरे जोश के साथ जारी रहा और कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों के कोयला क्षेत्रों और उसके आसपास 1750 हेक्टेयर (अक्टूबर 2021 तक) के क्षेत्र में 44 लाख से अधिक पौधे लगाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
समाज के उपयोग के लिए खदान के पानी का उपयोग:
-
- सामुदायिक उपयोग के लिए (2020-21 में) कोयला / लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा खदान में पानी की आपूर्ति 3165 एलकेएल हो गई है, जो 2019-20 में हासिल की गई मात्रा से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है।
- 9 राज्यों के 738 गांवों में फैली 15 लाख से अधिक आबादी को घरेलू/पीने के पानी की आपूर्ति से लाभ हुआ है। साथ ही, सामुदायिक जलापूर्ति सिंचाई द्वारा लगभग 2 लाख एकड़ की सिंचाई क्षमता (@ 100 एकड़/एलकेएल) का निर्माण किया गया है।
पर्यावरण लेखा परीक्षा /अध्ययन:
- आईसीएफआरई द्वारा सीआईएल की 35 खानों की पर्यावरण लेखा परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके 2021-22 के दौरान पूरा होने की संभावना है। आईसीएफआरई द्वारा एससीसीएल की पांच खानों का पर्यावरण ऑडिट पूरा कर लिया गया है।
- सीआईएल (7)/एनएलसीआईएल (3) की 10 खदानों में इकोसिस्टम अध्ययन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
कोयला आंकड़े
कोयला उत्पादन
- 2021 (21 जनवरी से 21 नवंबर) में सीआईएल और एससीसीएल का कुल कोयला उत्पादन 61.549 करोड़ टन था।
- 2021 में (21 जनवरी से 21 नवंबर) सीआईएल और एससीसीएल का कुल कोयला ऑफटेक 64.532 करोड़ टन था
- सीआईएल और एससीसीएल द्वारा 2021 (21 जनवरी से 21 नवंबर) में बिजली क्षेत्र को कोयला प्रेषण 51.635 करोड़ था
- 2021 में (21 जनवरी से 21 नवंबर) सीआईएल और एससीसीएल द्वारा कुल ई-नीलामी 11.630 करोड़ टन थी।
पावर सेक्टर लिंकेज पॉलिसी - शक्ति-
पावर सेक्टर लिंकेज पॉलिसी (शक्ति) दिनांक 22.05.2017 की कार्यान्वयन स्थिति और संशोधित शक्ति
क्रमांक
|
गतिविधि
|
समयसीमा/स्थिति
|
A(i)
|
लंबित एलओए धारकों के साथ एफएसए पर हस्ताक्षर
|
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को 9 एलओए धारकों के साथ एफएसए पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी , जिनकी कुल चालू क्षमता 7210 मेगावाट है।
|
B(i)
|
राज्य/केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों से लिंकेज
|
अब तक 23 टीपीपी को कुल 25340 मेगावाट क्षमता के लिए लिंकेज दिया गया है।
|
(ii)
|
घरेलू कोयले पर आधारित पीपीए वाले आईपीपी के लिए लिंकेज
|
- लिंकेज नीलामी का पहला दौर सितंबर, 2017 में आयोजित किया गया।
- 27.18 एमटी मात्रा के लिए 9044 मेगावाट क्षमता के 10 संयंत्रों द्वारा लिंकेज बुक किये गये।
- सभी सफल बोलीदाताओं के साथ एफएसए कार्यान्वित किया गया है।
|
- शक्ति बी (ii) लिंकेज नीलामी का दूसरा दौर मई, 2019 को संपन्न हुआ।
- 874.9 मेगावाट की कुल क्षमता के लिए 8 बोलीदाताओं द्वारा 2.97 एमटीपीए की मात्रा बुक की गयी।
|
पीएफसीसीएल/विद्युत मंत्रालय भविष्य की नीलामी आयोजित करने के लिए अधिकृत। मई, 2020 के दौरान पीएफसीसीएल द्वारा नीलामी की गई। 5 सफल बोलीदाताओं द्वारा 2.8 एमटीपीए लिंकेज बुक किये गये।
|
पीएफसीसीएल द्वारा सितंबर, 2021 में चौथे दौर की लिंकेज नीलामी आयोजित की गई, जहां 5 सफल बोलीदाताओं द्वारा 3.20 एमटीपीए लिंकेज सुरक्षित किए गए।
.
|
(iii)
|
पीपीए के बिना आईपीपी के लिए लिंकेज
|
- शक्ति बी (iii) के लिये लंबी / मध्यम अवधि के लिए लिंकेज नीलामी फरवरी, 2020 में आयोजित की गयी थी।
- 11.8 एमटीपीए के कुल प्रस्तावों में से 7 सफल बोलीदाताओं द्वारा 6.48 एमटीपीए की बुकिंग की गयी थी। प्राप्त औसत प्रीमियम 9 प्रतिशत था।
|
(iv)
|
नये पीपीए के लिए राज्यों को लिंकेज निर्धारित करना
|
कोल इंडिया लिमिटेड से गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों के लिए क्रमशः 4000 मेगावाट, 1600 मेगावाट और 2640 मेगावाट की क्षमता के लिए कोल लिंकेज प्रदान किया गया।
|
(v)
|
राज्यों के समूह की ऊर्जा का कुल योग
|
- बी (वी) के अंतर्गत कार्यप्रणाली को बिजली मंत्रालय के द्वारा तैयार किया जाना है। शक्ति बी (वी) के तहत बोली बिजली मंत्रालय द्वारा संचालित की जानी है।
|
(vi)
|
यूएमपीपी की स्थापना के लिए एसपीवी से लिंकेज
|
बिजली मंत्रालय के अंतर्गत एसबीडी का निरूपण
|
(vii)
|
आयातित कोयले पर आधारित पीपीए वाले आईपीपी से लिंकेज।
|
आईएमसी ने अपने सुझाव पेश किये
|
(viii)
|
(a) छोटी अवधि के कोल लिंकेज
(b) बिजली वितरण कंपनियों द्वारा भुगतान न होने के कारण पीपीए की समाप्ति के मामले में कोयले की आपूर्ति
(c) बिना मांग के भी राज्यों के समूह के लिए पैरा बी (v) के तहत नोडल एजेंसी द्वारा बिजली का संग्रह।
(d) पीएसयू बिजली के संग्रहकर्ता के रूप में कार्य करेगा
(e) कर्ज का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया
|
- अप्रैल-जून, 2020 की नीलामी 19.03.2020 को संपन्न हुई। सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 5.77 एमटी कोयले में से 1.34 एमटी को 9 सफल बोलीदाताओं द्वारा अधिसूचित मूल्य पर सुरक्षित किया गया था।
- जुलाई-सितंबर, 2020 की नीलामी 13.07.2020 को संपन्न हुई। सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 4.91 एमटी कोयले में से 0.63 एमटी कोयले को 8 सफल बोलीदाताओं द्वारा अधिसूचित मूल्य पर सुरक्षित किया गया था।
- अक्टूबर-दिसंबर, 2020 की नीलामी 15.09.2020 को पूरी हो चुकी है। सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 5.89 एमटी कोयले में से 6 सफल बोलीदाताओं द्वारा अधिसूचित मूल्य पर 0.35 एमटी कोयले को सुरक्षित किया गया है।
- जनवरी-मार्च, 2021 की नीलामी दिनांक 21.12.2020 को पूर्ण की गई । सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 5.97 एमटी कोयले में से 7 सफल बोलीदाताओं द्वारा 0.64 एमटी कोयले को सुरक्षित कर लिया गया है।
- अप्रैल-जून, 2021 की नीलामी दिनांक 16.03.2021 को पूर्ण की गई। सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 4.99 मीट्रिक टन कोयले में से 8 सफल बोलीदाताओं द्वारा 1.07 मीट्रिक टन कोयले की बुकिंग की गई है।
- जुलाई-सितंबर, 2021 की नीलामी दिनांक 15.06.2021 को पूर्ण की गई। सीआईएल द्वारा प्रस्तावित 4.49 एमटी कोयले में से 0.82 एमटी कोयले को 8 सफल बोलीदाताओं द्वारा अधिसूचित मूल्य पर बुक किया गया है।
- बिजली मंत्रालय ने दिनांक 30.08.2019 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बारे में सूचित किया है जिन पर विचार किया जा सकता है।
- कोयला मंत्रालय से किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
- दिनांक 17.05.2019 के ऑफिस मेमोरेंडम के जरिये और बाद में स्मरणपत्र दिनांक 29.05.2019, के जरिये बिजली मंत्रालय से इस बारे में कम्युनिकेशन का अनुरोध किया गया।
- बिजली मंत्रालय ने दिनांक 05.08.2019 और 20.08.2019 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से इस संबंध में तैयार प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया है।
|
कोयला क्षेत्र में भविष्य के अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया है और अनुसंधान कार्य पर सूचना के प्रसार के लिए एक समर्पित वेब साइट बनाई गयी है।
प्रमोशनल ड्रिलिंग: सीएमपीडीआई की वार्षिक योजना 2021-22 में प्रमोशनल/एनएमईटी (क्षेत्रीय) ड्रिलिंग का एक कार्यक्रम तैयार किया गया है जिसमें कोयले में 1.38 लाख मीटर और लिग्नाइट में 0.12 लाख मीटर शामिल हैं। कार्यक्रम एमईसीएल, नागालैंड और असम के डीजीएम और सीएमपीडीआई द्वारा क्रियान्वित हो रहा है।
इसके मुकाबले अक्टूबर, 2021 तक 1.08 लाख मीटर में ड्रिलिंग की जा चुकी है, जबकि 0.89 लाख मीटर का लक्ष्य है, यह लक्ष्य का 121 प्रतिशत है।
2021-22 में विस्तृत ड्रिलिंग की समग्र प्रगति: 2021-22 के लिए 7.50 लाख मीटर ड्रिलिंग (विभागीय: 4.71 लाख मीटर, आउटसोर्सिंग: 2.79 लाख मीटर) का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है। इसमें से अक्टूबर, 2021 तक 3.92 लाख मीटर के लक्ष्य के मुकाबले 3.80 लाख मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 97 प्रतिशत है।
सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 के तहत अधिगृहित भूमि
क्रमांक
|
जारी अधिसूचना
|
टिप्पणियां
|
i.
|
ईसीएल के पक्ष में ब्राह्मणी साउथ कोल ब्लॉक जिला दुमका झारखंड, ब्राह्मणी सेंट्रल कोल ब्लॉक जिला दुमका झारखण्ड और डब्लू सीएल सस्ती एक्सपेंशन ओपन कास्ट खदान (चरण-द्वितीय), जिला चंद्रपुर, महाराष्ट्र के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 4(1) के तहत तीन अधिसूचनाएं जारी की गयी हैं:
|
5264.391 हेक्टेयर (1305.248+3731.983+227.16) खोज के लिए भूमि।.
|
ii.
|
डब्ल्यूसीएल विष्णुपुरी यूजी के पक्ष में ओसी माइन, जिला छिंदवाड़ा, एमपी, गांधीग्राम अंडरग्राउंड माइन, जिला बैतूल, एमपी और अदासा अंडरग्राउंड टू ओसी माइन, जिला, नागपुर, महाराष्ट्र के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 9(1) के तहत तीन अधिसूचनाएं जारी की गयी हैं:
|
1372.831 हेक्टेयर (397.083+654.618+321.13) भूमि का अधिग्रहण किया गया।
|
iii.
|
पीवीयूएनएल (एनटीपीसी का एक संयुक्त उद्यम) के पक्ष में बनहरदी कोल ब्लॉक जिला दुमका, झारखंड और सीसीएल गीदी 'ए' एक्सपेंशन ओसीपी जिला हजारीबाग, झारखंड के लिये सीबीए अधिनियम 1957 की धारा 11 (1) के तहत अधिसूचना जारी की गई है।
|
1045.959 हेक्टेयर (1042.73+3.229) भूमि का अधिकार प्राप्त
|
i.
|
सीसीएल के पक्ष में गीदी 'सी' ओसीपी हजारीबाग और संघमित्रा ओसीपी जिला चतरा लातेहार, झारखंड के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 4(1) के तहत दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं:
|
529.513 (42.88 +486.633) हेक्टेयर भूमि खोज के लिये.
|
ii.
|
एनसीएल के पक्ष में दुधिचुआ एक्सपेंशन एवं काकरी उत्तर ओसीपी और जयंत एक्सपेंशन ओसीपी जिला सिंघरौली, म.प्र के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 7(1) के तहत एक अधिसूचना जारी की गयी है
|
1211.75 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की योजना।
|
iii.
|
ईसीएल के पक्ष में चितरा ओसीपी, झारखंड के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 9(1) के तहत एक अधिसूचना जारी की गयी है
|
174.44 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण .
|
iii.
|
आरआरवीयूएनएल के पक्ष में केंटे एक्सपेंशन ब्लॉक, जिला सरगुजा छत्तीसगढ़ के लिये सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957 की धारा 11(1) के तहत एक अधिसूचना जारी की गई है
|
- भूमि का अधिकार प्राप्त
|
संलग्नक -1
व्यवसायिक खनन के लिए दो चरणों में 28 कोयला खदानों की नीलामी का विवरण
क्रमांक
|
खदान
|
राज्य
|
एक्ट
|
जियोलॉजिकल रिजर्व (एमटी)
|
पीआरसी (एमटीपीए)
|
1
|
ब्रह्मदिहा
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
5.00
|
0.15
|
2
|
चकला
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
76.05
|
5.30
|
3
|
धिरुली
|
मध्य प्रदेश
|
एमएमडीआर
|
586.39
|
3.00
|
4
|
गारे-पलमा- IV/1
|
छत्तीसगढ़
|
सीएमएसपी
|
84.262
|
6.00
|
5
|
मार्की मंगली- II
|
महाराष्ट्र
|
सीएमएसपी
|
11.44
|
0.30
|
6
|
राधिकापुर (पश्चिम)
|
ओडिशा
|
सीएमएसपी
|
312.04
|
6.00
|
7
|
साहापुर पश्चिम
|
मध्य प्रदेश
|
सीएमएसपी
|
52.68
|
0.60
|
8
|
ताकली-जेना-बैल्लोर (उत्तरी) और ताकली-जेना बैल्लोर (दक्षिणी)
|
महाराष्ट्र
|
सीएमएसपी
|
117.26
|
1.50
|
9
|
उरतन
|
मध्य प्रदेश
|
एमएमडीआर
|
55.391
|
0.65
|
10
|
उरतन (उत्तरी)
|
मध्य प्रदेश
|
सीएमएसपी
|
69.823
|
0.60
|
11-12
|
गोतितोरिया (पूर्वी) और गोतितोरिया (पश्चिमी)
|
मध्य प्रदेश
|
सीएमएसपी
|
7.452
|
0.30
|
13
|
बंधा
|
मध्य प्रदेश
|
एमएमडीआर
|
441.50
|
5.00
|
14
|
राजहारा उत्तर (मध्य एवं पूर्वी)
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
20.27
|
0.75
|
15
|
साहापुर पूर्वी
|
मध्य प्रदेश
|
सीएमएसपी
|
63.36
|
0.70
|
16
|
राधिकापुर (पूर्वी)
|
ओडिशा
|
सीएमएसपी
|
176.33
|
5.00
|
17
|
उरमा पहाड़ीटोला
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
579.30
|
10.00
|
18
|
गोंदुलपारा
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
176.33
|
4.00
|
19
|
गारे-पलमा IV/7
|
छत्तीसगढ़
|
सीएमएसपी
|
234.205
|
1.20
|
20
|
कुरालोई (ए) उत्तरी)
|
ओडिशा
|
एमएमडीआर
|
1680.230
|
8.00
|
21
|
गोंदखारी
|
महाराष्ट्र
|
सीएमएसपी
|
98.71
|
1.00
|
22
|
जोगेश्वर और खास जोगेश्वर
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
84.03
|
NA
|
23
|
झिगादोर
|
छत्तीसगढ़
|
एमएमडीआर
|
250.00
|
NA
|
24
|
भीवकुंड
|
महाराष्ट्र
|
एमएमडीआर
|
102.26
|
0.72
|
25
|
राउता क्लोज्ड माइन
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
7.00
|
NA
|
26
|
खार गांव
|
छत्तीसगढ़
|
एमएमडीआर
|
250.00
|
NA
|
27
|
बुराखाप स्मॉल पैच
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
9.68
|
0.4
|
28
|
भास्करपाड़ा
|
छत्तीसगढ़
|
सीएमएसपी
|
46.91
|
1
|
*वाणिज्यिक नीलामियों के भाग 2 के तहत आंशिक रूप से खोजे गये कोयला ब्लॉकों के लिये पीआरसी उपलब्ध नहीं है और इसलिए एनए का उल्लेख किया गया है।.
संलग्नक-B
नीलामी के दूसरे दौर के दूसरे प्रयास में 11 कोयला खदानों का प्रस्ताव
क्रमांक
|
ब्लॉक
|
राज्य
|
एक्ट
|
जियोलॉजिकल रिजर्व (एमटी)
|
पीआरसी (एमटीपीए)
|
प्राप्त बोलियां
|
1
|
कोरियाटंड तिलैया
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
0.78
|
डब्ल्यूवी
|
NIL
|
2
|
दाहेगांव मकरधोकड़ा IV
|
महाराष्ट्र
|
सीएमएसपी
|
1.613
|
जी8
|
NIL
|
3
|
लालगढ़ (उत्तरी)
|
झारखंड
|
सीएमएसपी
|
1
|
डब्ल्यूवी
|
3
|
4
|
शंकरगढ़ भटगांव 2 एक्सटेंशन
|
छत्तीसगढ़
|
सीएमएसपी
|
2
|
जी6
|
NIL
|
5
|
अलकनंदा
|
ओडिशा
|
एमएमडीआर
|
NA
|
जी10
|
NIL
|
6
|
बेहराबंद नॉर्थ एक्सटेंशन
|
मध्य प्रदेश
|
एमएमडीआर
|
NA
|
डब्ल्यूआईवी, जी9
|
2
|
7
|
बुरापहर
|
ओडिशा
|
एमएमडीआर
|
6
|
जी12
|
NIL
|
8
|
डीप एक्सटेंशन बेलपहर
|
ओडिशा
|
एमएमडीआर
|
NA
|
जी10
|
NIL
|
9
|
गोंद बहेरा उज्जैनी ईस्ट
|
मध्य प्रदेश
|
एमएमडीआर
|
NA
|
जी7
|
1
|
10
|
रामनगर
|
छत्तीसगढ़
|
एमएमडीआर
|
NA
|
जी10
|
NIL
|
11
|
टोकीसुड ब्लॉक-II
|
झारखंड
|
एमएमडीआर
|
1.5
|
जी10
|
1
|
संलग्नक-C
व्यवसायिक खनन के लिए नीलामी के तीसरे दौर में प्रस्तावित 88 कोयला खदानों का विवरण
सीएम (एसपी) अधिनियम, 2015 के तहत कोयले की बिक्री के लिए चल रही 13वीं श्रृंखला और एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत कोयले की बिक्री के लिए नीलामी की तीसरी श्रंखला में पेश कुल 88 कोयला खदानों में से 48 कोयला खदानें नीलामी के पिछले दौर की खदाने हैं जिन्हें अगले चरणों में लाया गया है, शेष 40खानें नई खदानें हैं, जिनका विवरण नीचे दिया गया है:
क्रमांक
|
खदान का नाम
|
राज्य
|
पीआरसी (एमटीपीए में)
|
1
|
अशोक करकटा सेंट्रल
|
झारखंड
|
4
|
2
|
बिजहन
|
ओडिशा
|
5.26
|
3
|
चेंदीपाड़ा
|
ओडिशा
|
40
|
4
|
चेंदीपाड़ा- 2
|
ओडिशा
|
5
|
जगनाथपुर ए
|
पश्चिम बंगाल
|
0.6
|
6
|
कास्ता पूर्वी
|
पश्चिम बंगाल
|
1.89
|
7
|
माजरा
|
महाराष्ट्र
|
0.48
|
8
|
मंदाकिनी बी
|
ओडिशा
|
20
|
9
|
मांडला उत्तरी
|
मध्य प्रदेश
|
1.5
|
10
|
मांडला दक्षिणी
|
मध्य प्रदेश
|
0.3
|
11
|
मरकी बारका
|
मध्य प्रदेश
|
1
|
12
|
नामचिक नामफुक
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0.2
|
13
|
अरखापल श्रीरामपुर का उत्तर भाग (उत्तरी भाग)
|
ओडिशा
|
15
|
14
|
परबतपुर सेंट्रल
|
झारखंड
|
1.24
|
15
|
रामपिया
|
ओडिशा
|
15
|
16
|
रामपिया डीप साइड
|
ओडिशा
|
17
|
सारेगरह
|
झारखंड
|
4
|
18
|
सीतानाला
|
झारखंड
|
0.3
|
19
|
सोनधिया
|
छत्तीसगढ़
|
1
|
20
|
थिसगोरा बी/रुद्रपुरी
|
मध्य प्रदेश
|
1
|
21
|
उत्कल सी
|
ओडिशा
|
3.37
|
22
|
बंखुई
|
ओडिशा
|
NA
|
23
|
बरवातोली
|
झारखंड
|
NA
|
24
|
धोब्बनपुर
|
पश्चिम बंगाल
|
NA
|
25
|
दिघी धर्मपुर उत्तरी
|
झारखंड
|
NA
|
26
|
दिघी धर्मपुर दक्षिणी
|
झारखंड
|
NA
|
27
|
गरमपानी
|
असम
|
0.02
|
28
|
गोमरापहाड़ीसियुलीबाना
|
झारखंड
|
NA
|
29
|
कल्याण खानी ब्लॉक-6
|
तेलंगाना
|
1.23
|
30
|
कापसदंगा-भारकाटा
|
पश्चिम बंगाल
|
NA
|
31
|
कोइलाजन
|
असम
|
0.004
|
32
|
कोयागुदुम ब्लॉक 3
|
तेलंगाना
|
4.8
|
33
|
माइकी उत्तरी
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
34
|
मखदूमनगर
|
पश्चिम बंगाल
|
NA
|
35
|
मारवाटोला सेक्टर VI और VII
|
मध्य प्रदेश
|
4
|
36
|
मऊसिंघा
|
झारखंड
|
NA
|
37
|
मीनाक्षी
|
ओडिशा
|
12
|
38
|
सालभद्रा गोमरा पहाड़ी
|
पश्चिम बंगाल
|
8
|
39
|
सत्तुपल्ली ब्लॉक-III
|
तेलंगाना
|
4
|
40
|
श्रीवनापल्ली
|
तेलंगाना
|
2.3
|
नोट: आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों का पीआरसी उपलब्ध नहीं है और इसलिए एनए का उल्लेख किया गया है।
अगले दौर में ले जायी गयीं 48 खदानों का विवरण नीचे दिया गया है:-
क्रमांक.
|
खदान का नाम
|
राज्य
|
पीआरसी
|
1
|
वृंदा
|
झारखंड
|
0.68
|
2
|
सासई
|
झारखंड
|
3
|
चितरपुर
|
झारखंड
|
3.45
|
4
|
दतिमा
|
छत्तीसगढ़
|
0.36
|
5
|
जयनगर
|
झारखंड
|
NA
|
6
|
खप्पा एवं एक्सटेंशन
|
महाराष्ट्र
|
0.3
|
7
|
लातेहार
|
झारखंड
|
NA
|
8
|
मच्छुकाटा
|
ओडिशा
|
30
|
9
|
महानदी
|
ओडिशा
|
10
|
नॉर्थ धाढू
|
झारखंड
|
8.15
|
11
|
नौगांव तेलीसाही
|
ओडिशा
|
20
|
12
|
पंचबाहनी
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
13
|
रामचंडी प्रमोशनल ब्लॉक
|
ओडिशा
|
NA
|
14
|
रावणवारा नॉर्थ
|
मध्य प्रदेश
|
1.26
|
15
|
बारापाड़ा
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
16
|
बारीमाहुली
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
17
|
बर्रा
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
18
|
बारतप
|
ओडिशा
|
NA
|
19
|
बसंतपुर
|
झारखंड
|
NA
|
20
|
बिंजा
|
झारखंड
|
NA
|
21
|
चिंतलपुडी सेक्टर ए1
|
आंध्र प्रदेश
|
0.5
|
22
|
चोपनाशक्तिगढ़
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
23
|
दाहेगांव धापेवड़ा टोंडाखेरीखंडाला कंबाइंड
|
महाराष्ट्र
|
2.01
|
24
|
धर्मपुर
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
25
|
धूलिया नॉर्थ
|
झारखंड
|
14
|
26
|
चटबर डीप साइड
|
ओडिशा
|
NA
|
27
|
दोलेसरा
|
छत्तीसगढ़
|
1.74
|
28
|
गोरही महालोई का पूर्वी भाग
|
छत्तीसगढ़
|
1.74
|
29
|
गावा
|
झारखंड
|
NA
|
30
|
घुत्रा
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
31
|
गोंदबेहरा उझानी
|
मध्य प्रदेश
|
4.12
|
32
|
हिंगमा बाजारगांव
|
महाराष्ट्र
|
NA
|
33
|
जमुई
|
मध्य प्रदेश
|
1
|
34
|
जारेकेला
|
छत्तीसगढ़
|
1.74
|
35
|
झरपालम थंगरघाट
|
छत्तीसगढ़
|
1.74
|
36
|
कालंभी कालमेश्वर
|
महाराष्ट्र
|
NA
|
37
|
कारदाबहल ब्रह्मानाबिल
|
ओडिशा
|
10
|
38
|
कौशला पश्चिम
|
ओडिशा
|
2
|
39
|
माइकी दक्षिण
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
40
|
मेघुली
|
छत्तीसगढ़
|
4
|
41
|
मरखी पश्चिम
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
42
|
फुलज्झरी पूर्वी एवं पश्चिम
|
ओडिशा
|
10
|
43
|
पिपरॉल
|
छत्तीसगढ़
|
NA
|
44
|
राजाथरी दक्षिण
|
मध्य प्रदेश
|
NA
|
45
|
सराधरपुर उत्तरी
|
ओडिशा
|
6
|
46
|
सोमवर्ण पश्चिम
|
आंध्र प्रदेश
|
1
|
47
|
तेंतुलोई
|
ओडिशा
|
2
|
48
|
गोरही महालोई का पश्चिमी हिस्सा
|
छत्तीसगढ़
|
1.74
|
नोट: आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों का पीआरसी उपलब्ध नहीं है और इसलिए एनए का उल्लेख किया गया है।
****
एमजी/एएम/एसएस/डीए
(Release ID: 1786164)
Visitor Counter : 639