शिक्षा मंत्रालय
स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग की शिक्षा सशक्तिकरण का एक साधन बनेगी - श्री धर्मेंद्र प्रधान
Posted On:
27 DEC 2021 6:26PM by PIB Delhi
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस (आईईआई) के समापन सत्र में कहा कि स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग की शिक्षा सशक्तिकरण का एक साधन बनेगी।
इस अवसर पर श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत वैज्ञानिक सोच और सुदृढ़ इंजीनियरिंग क्षमताओं वाले लोगों का देश रहा है और हमारे सभ्यतागत इतिहास में संरचनात्मक इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन और समुद्री इंजीनियरिंग आदि के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने भारत की इंजीनियरिंग परंपराओं को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भूमिका के लिए आईईआई की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी के लिए अपने युवाओं को तैयार करने के लिए दूरदर्शी एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 के कार्यान्वयन सहित हम कौशल के साथ शिक्षा को एकीकृत कर रहे हैं, एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपना रहे हैं और कौशल व प्रशिक्षुता को मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा की शुरुआत हमारे युवाओं के सशक्तिकरण का एक साधन होगी व हमारे इंजीनियरिंग कौशल को और अधिक मजबूत करेगी।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर जोर दिया कि इंजीनियरिंग की शिक्षा केवल डिग्री प्रदान करने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें अपने इंजीनियरिंग समुदाय की शिक्षण प्रक्रिया और क्षमता निर्माण में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।
उन्होंने आगे अनुरोध किया कि आईईआई को नवाचार, इसके सदस्यों के द्वारा ज्ञान साझा करने और रोजगार व उद्यमिता के नए प्रतिमान बनाकर भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को और अधिक मजबूत करने का प्रयास जरूर करना चाहिए।
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