पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रमुख बंदरगाहों की पीपीपी परियोजनाओं के लिए टैरिफ दिशा-निर्देश, 2021 की घोषणा की


प्रमुख बंदरगाहों पर पीपीपी परियोजनाओं के लिए टैरिफ डी-रेग्युलेशन सुधारों की दिशा में सरकार का प्रमुख कदम है

निजी बंदरगाहों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर पीपीपी रियायत पाने वालों को समान अवसर प्रदान करेगा

बाजार आधारित अर्थव्यवस्था के लिए नए दिशा-निर्देश, एक नए युग की शुरुआत करेंगे, साथ ही प्रमुख बंदरगाहों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे: सोनोवाल

Posted On: 22 DEC 2021 6:17PM by PIB Delhi

बंदरगाह क्षेत्र के लिए एक बड़े सुधार के तहत, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज प्रमुख बंदरगाहों की पीपीपी परियोजनाओं के लिए टैरिफ दिशा-निर्देश, 2021 की घोषण की। नए प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 के 3.11.2021 से प्रभावी होने के बाद नए दिशा-निर्देशों की आवश्यकता महसूस हुई। नए अधिनियम में प्रमुख बंदरगाहों के लिए टैरिफ प्राधिकरण (टीएएमपी) के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।

दिशा-निर्देश प्रमुख बंदरगाहों पर रियायत पाने वाली परियोजनाओं को बाजार के आधार पर टैरिफ निर्धारित करने की अनुमति देते हैं। वर्तमान में, बड़े बंदरगाहों पर पीपीपी रियायतग्राही भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों के जरिए संचालित होने वाले कुल यातायात का लगभग 50 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। बाजार आधारित टैरिफ बदलाव का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह निजी बंदरगाहों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर पीपीपी रियायत पाने वालों को एक समान अवसर प्रदान होंगे। प्रमुख बंदरगाहों पर पीपीपी रियायत पाने वालों को इन दिशानिर्देशों (टीएएमपी द्वारा) की शर्तों के तहत काम करने के लिए मजबूर किया गया था, जबकि गैर-प्रमुख बंदरगाहों पर निजी ऑपरेटरों/पीपीपी परियोजनाएं बाजार के आधार पर टैरिफ चार्ज करने के लिए स्वतंत्र थीं। ये नए दिशा-निर्देश भविष्य की पीपीपी परियोजनाओं पर भी लागू होंगे, इनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं जो अभी बोली के चरण में हैं।

श्री सोनोवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने ट्रांस-शिपमेंट और कोस्टल शिपिंग के लिए टैरिफ में रियायतें भविष्य की सभी पीपीपी परियोजनओं पर लागू होती रहेंगी। दरअसल, सरकार ने एक कदम और आगे बढ़कर ट्रांसशिपमेंट और कोस्टल शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए रियायतें दी हैं। ट्रांस-शिपमेंट कार्गो के लिए देय रॉयल्टी अब सामान्य कंटेनर से 1.0 गुना (पहले 1.5 गुना) होगी। इसी तरह, तटीय कार्गो के लिए, रियायत पाने वालों को सरकार की तटीय रियायत नीति के अनुसार विदेशी कार्गो के लिए देय रॉयल्टी का केवल 40 फीसदी (पहले 60 फीसदी था) देना होगा। पारदर्शिता के लिए, निर्धारित टैरिफ को कंपनियों की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा।

श्री सोनोवाल ने कहा कि ये दिशा-निर्देश इस क्षेत्र के लिए बाजार आधारित अर्थव्यवस्था के युग की शुरुआत करेंगे और प्रमुख बंदरगाहों को प्रतिस्पर्धी बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बाजार से जुड़े टैरिफ दिशा-निर्देशों की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब सरकार चालू सप्ताह को 'सुशासन' सप्ताह के रूप में मना रही है।

एमजी/एएम/पीएस/वाईबी



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