वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

एसईईपीजेड मुंबई में रत्न एवं आभूषण के लिए 70 करोड़ रुपए की लागत से मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनेगा, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आधारशिला रखी


आशा है कि एसईईपीजेड ​​के सुधार के कार्य से अगले 3 से 5 वर्षों में संपूर्ण एसईईपीजेड ​​का क्रमिक पुनर्निर्माण होगा: वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल

श्री गोयल ने रत्न एवं आभूषण उद्योग से 3टी - टेक्नोलॉजी, ट्रेड एवं ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की

भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग को वैश्विक चैंपियन बनाएं- केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल

Posted On: 18 DEC 2021 6:05PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (एसईईपीजेड) विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए एक मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर की आधारशिला रखी।

मेगा सीएफसी 70 करोड़ रुपये की लागत वाली एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह परियोजना रत्न एवं आभूषण के लिए देश के महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र के मध्य में स्थित मुख्य रूप से व्यापार सुविधा एवं कौशल प्रशिक्षण पर केंद्रित होगी। यह रत्न एवं आभूषण क्षेत्र की विनिर्माण और अन्य संबद्ध प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीक वाली दो सुविधाओं में से एक होगी (दूसरी सूरत में है)। यह केंद्र सक्षम कार्यबल तैयार के लिए कौशल तथा प्रशिक्षण सहायता भी प्रदान करेगा। भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग के पास अब तक का सबसे अधिक 4.5 मिलियन कुशल कार्यबल है।

वाणिज्य मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि एसईईपीजेड ​​के सुधार के कार्य से अगले 3 से 5 वर्षों में संपूर्ण एसईईपीजेड ​​का क्रमिक पुनर्निर्माण होगा।

श्री पीयूष गोयल ने उद्योग और एसईईपीजेड ​​से इसे पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की मांग की।

श्री गोयल ने कहा कि हमें एसईईपीजेड ​​को एक बार फिर विश्वस्तरीय बनाना होगा।

श्री गोयल ने रत्न एवं आभूषण उद्योग को ऊंचा लक्ष्य रखने के लिए कहा। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को सच में साकार करने की शक्ति, संकल्प और क्षमता है। अब समय आ गया है कि भारत के संकल्प, क्षमता और विश्वास को दर्शाते हुए, देश में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को वास्तव में वैश्विक चैंपियन बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात के विशिष्ट लक्ष्य को पाने के लिए सब कुछ करेगी, जिसे जीजेईपीसी हासिल करना चाहता है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री कॉलिन शाह ने कहा कि एसईईपीजेड में मेगा सीएफसी  रत्न एवं आभूषण उद्योग के भविष्य को फिर से निर्धारित करेगा। उन्होंने कहा कि मेगा सीएफ़सी एसईईपीजेड से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक तकनीक की सुविधा प्रदान करेगा। "वर्तमान में एसईईपीजेड हमारे कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात में लगभग 3 बिलियन अमरीकी डालर का योगदान देता है, लेकिन बेहतर बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के साथ, एसईईपीजेड निश्चित रूप से सालाना 7 बिलियन अमरीकी डालर से 10 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात में योगदान कर सकता है।"

एसईईपीजेड विशेष आर्थिक क्षेत्र के क्षेत्रीय विकास आयुक्त श्री श्याम जगन्नाथन ने कहा कि नया मेगा सीएफसी छोटे निर्माताओं को अपने उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और देश के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

मेगा सीएफसी, आभूषण इकाइयों को सामान्य विनिर्माण प्रक्रिया और संबंधित सेवाएं प्रदान करेगा। यह न केवल बड़े पैमाने पर उत्पादन की लागत को कम करने में मदद करेगा बल्कि इन इकाइयों के बीच जानकारी साझा करने को भी बढ़ावा देगा, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।

नई सुविधा अत्याधुनिक पूंजी केंद्रित मशीनों के एक साझा पूल तक पहुंच प्रदान करेगी। यह कंसल्टेंसी, आरएंडडी और प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ सीएडी सीएएम, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, फायर एसेइंग, मैन्युफैक्चरिंग और 3डी मेटल प्रिंटिंग जैसी अनेक सेवाएं प्रदान करेगी।

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