इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

श्री राजीव चंद्रशेखर और जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आधार सेवा केंद्र का उद्घाटन किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रौद्योगिकी के साथ लोगों को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

उत्तर प्रदेश में यह 5वां एएसके है, 4 और एएसके का उद्घाटन शीघ्र ही किया जाएगा

आधार और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण-डीबीटी के उपयोग से सरकारी खजाने में 1.78 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई: श्री राजीव चंद्रशेखर

Posted On: 21 NOV 2021 3:43PM by PIB Delhi

कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर और सड़क परिवहन और राजमार्ग और नागरिक विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने संयुक्त रूप से आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 5वें आधार सेवा केंद्र-एएसके का उद्घाटन किया। इस एएसके में प्रति दिन 1000 उपभोक्ताओं के अनुरोध को संभालने की क्षमता है।

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इस अवसर पर श्री राजीव चंद्रशेखर ने सभी को बधाई दी और कहा कि यह सार्वजनिक सुविधा केंद्र पूरी तरह से गाजियाबाद के निवासियों को समर्पित है। उन्होंने शहर के साथ अपने पुराने जुड़ाव के बारे में उल्लेख किया क्योंकि उन्होंने एक छात्र के रूप में अपने जीवन के 2 वर्ष, हिंडन एयरबेस में रहकर बिताए थे। उनके पिता भारतीय वायु सेना में एक अधिकारी थे।

उन्होंने डिजिटल इंडिया पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के बारे में बात की। श्री मोदी का दृष्टिकोण भारत जैसे विकासशील देश में प्रौद्योगिकी को प्राप्त करने के लिए 3 व्यापक परिणाम देता है। य़े परिणाम हैं :-

1.    नागरिकों के जीवन को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी

2.    आर्थिक अवसरों का विस्तार करने के लिए

3.    कुछ निश्चित प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक क्षमताएं उत्पन्न करने के लिए

 

उन्होंने पिछले 6 वर्षों में डिजिटल इंडिया अभियान की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए जारी किए गए 100 पैसे अब एक बटन के क्लिक पर उनके खातों में पहुंच जाते हैं। यह उन्होंने 80 के दशक में एक पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान के विपरीत था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही लाभार्थियों तक पहुंचते हैं।

 

उन्होंने स्वदेश में विकसित कोविन प्लेटफॉर्म का उदाहरण भी दिया, जिसने भारत में 100 करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण की सुविधा प्रदान की है और अब उनके टीकाकरण कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए विभिन्न देशों में सबसे अधिक मांग वाला प्लेटफॉर्म है।

 

उन्होंने इस परिवर्तन की सफलता का श्रेय आधार का उपयोग करके प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दिया, जिसने व्यवस्था से सभी लीकेज को बंद कर दिया और भ्रष्टाचार को रोका है।

 

आधार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम-किसान, पीएम आवास योजना, पीएम जन आरोग्य योजना, पहल, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा सहायता कार्यक्रम, पीडीएस (आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सभी तरह के लाभ) आदि जैसे विभिन्न सामाजिक कल्याण लाभों के लीक-प्रूफ वितरण के लिए आधार का उपयोग करने के लिए लगभग 313 केंद्र सरकार की योजनाओं को अधिसूचित किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि आधार और डीबीटी के उपयोग के कारण सरकारी खजाने में, मुख्य रूप से नकली और फर्जी लाभार्थियों की छंटाई के कारण, अनुमानित रूप से 1.78 लाख करोड़ रुपये (मार्च 2020 तक; डीबीटी मिशन, कैबिनेट सचिवालय) बचत हुई।

 

इस अवसर पर बोलते हुए जनरल (डॉ.) वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने गाजियाबाद में एएसके शुरू करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र निवासियों के लिए आधार संबंधी सेवाओं को आसान बनाएगा। अब लोग इस केंद्र पर अपने आधार को अपडेट कर सकते हैं और आधार के लिए नामांकन भी कर सकते हैं।

 

यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सौरव गर्ग ने कहा कि यूआईडीएआई की पूरे भारत के 122 शहरों में 166 एएसके संचालित करने की योजना है। अब तक 58 एएसके की स्थापना पूरी हो चुकी है और इन केंद्रों ने काम करना शुरू कर दिया है। सभी एएसके वातानुकूलित हैं, जिन्हें पर्याप्त बैठने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है और यह दिव्यांगों के अनुकूल भी है।

 

उन्होंने जोर देकर कहा कि यूआईडीएआई नागरिकों के लिए आधार सेवाओं को आसान बनाकर आगे बढ़ रहा है। इस दिशा में हम ऑनलाइन आधार अपडेशन सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां उपभोक्ता मोबाइल ऐप का उपयोग करके अपने आधार को अपडेट कर सकते हैं और यूआईडीएआई के सेल्फ सर्विस अपडेट पोर्टल पर भी जा सकते हैं।

 

क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ में यूआईडीएआई के उप महानिदेशक, श्री प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर, कानपुर और ग्रेटर नोएडा के लिए भी नए एएसके शुरू करने की योजना है और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान ही पूरा होने की संभावना है।

 

इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ में अपर महानिदेशक, यूआईडीएआई श्री नीतीश सिन्हा ने कहा कि आगरा, लखनऊ, प्रयागराज और मेरठ के बाद उत्तर प्रदेश में यह 5वां आधार सेवा केंद्र है। उन्होंने आगे कहा कि गोंडा और वाराणसी में एएसके में ड्राई रन शुरू हो गया है और जल्द ही मुरादाबाद और सहारनपुर में ड्राई रन शुरू हो जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश ने आधार संतृप्ति स्तर 90.66 प्रतिशत (2021 की अनुमानित जनसंख्या के संबंध में) हासिल कर लिया है।

 

आधार से संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए,  उत्तर प्रदेश में 10,400 से अधिक आधार किट काम कर रही हैं (जिसमें 2700 से अधिक सीएससी बीसी और 3000 से अधिक आईपीपीबी सीईएलसी किट शामिल हैं)। इन किटों ने पिछले एक महीने के दौरान लगभग 5.17 लाख नए आधार नामांकन और 22 लाख अपडेट किए हैं।

 

गाजियाबाद जिले में ही, 145 आधार किट कार्यरत हैं (जिसमें 21 सीएससी बीसी और 38 आईपीपीबी सीईएलसी किट शामिल हैं)। इन किटों ने पिछले एक महीने के दौरान लगभग 9 हजार नए आधार नामांकन और 33 हजार अपडेट किए हैं।

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