स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया के लिए नया प्रोटोकॉल अधिसूचित किया


पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में अब सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम किया जा सकता है

यह कदम मृतक के परिजनों और अंग प्राप्त करने वालों के हित में होगा

Posted On: 15 NOV 2021 6:36PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त संदर्भों की प्रतिक्रिया में और सरकारी प्रक्रियाओं के अनुपालन के कारण बोझ को कम करके जीवन सुगमता को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, आज से पोस्टमॉर्टम प्रोटोकॉल में बदलाव किए गए हैं जिससे सूर्यास्त के बाद प्रक्रिया की अनुमति दी जा सके। मृतक के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा, यह नई प्रक्रिया अंग दान और प्रत्यारोपण को भी बढ़ावा देती है क्योंकि प्रक्रिया के बाद निर्धारित समय में अंगों को निकालकर सुरक्षित रखा जा सकेगा।

इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में एक तकनीकी समिति ने सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम संबंधी मुद्दे की पड़ताल की। यह पता चला कि कुछ संस्थान पहले से ही रात में पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी में हुई तेज प्रगति और सुधार को देखते हुए, खासतौर से आवश्यक प्रकाश की व्यवस्था और पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, अस्पतालों में अब रात के समय भी पोस्टमॉर्टम करना संभव है। प्रोटोकॉल में कहा गया है कि अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित रूप से इस तरह के पोस्टमॉर्टम के लिए बुनियादी ढांचा मौजूद है।

आधारभूत संरचना आदि की उपयुक्तता और पर्याप्तता का मूल्यांकन अस्पताल प्रभारी द्वारा किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि साक्ष्य मूल्य में कोई कमी नहीं हो। अस्पताल को यह भी सुनिश्चित करना है कि किसी भी संदेह को दूर करने और भविष्य में कानूनी उद्देश्यों के लिए रात में किए गए सभी पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।

हालांकि, हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शरीर और संदिग्ध श्रेणियों के मामलों को तब तक रात के समय पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं लाना चाहिए जब तक कि कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई स्थिति न हो।

सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों और सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोटकॉल में बदलाव के बारे में सूचित कर दिया गया है।

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