ग्रामीण विकास मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने धनतेरस पर ग्रामीण एसएचजी की महिलाओं को दिया सालाना एक लाख रुपये कमाने का मंत्र


श्री गिरिराज सिंह ने एनपीए घटाकर महज 2.8 फीसदी लाने में डीएवाई-एनआरएलएम मिशन की प्रगति की सराहना की

प्रविष्टि तिथि: 02 NOV 2021 7:11PM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने धनतेरस के पावन अवसर पर आज  ग्रामीण महिलाओं को उनकी वार्षिक आय बढ़ाकर एक लाख रुपये से ज्यादा करने े लिए मार्गदर्शित किया। इसे प्रेरणादायक और आकांक्षीमिशन एक लाख रुपये’ बताते हुए मंत्री ने कहा कि गांवों में बदलाव लाने के लिए यह एक गेम चेंजर पहल साबित होगी।

आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीन दयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा 2 नवंबर को उत्पादक महिलाओं की कंपनियों के निदेशक मंडलों के साथ बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने महिलाओं को यह मंत्र दिया।

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इस बातचीत के लिए महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और मध्य प्रदेश राज्यों से पांच उत्पादक उद्यमों का चयन किया गया था। इसमें हिस्सा लेने वाले उद्यमों में महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली से इकोवैन सेल्फ रिलायंट वुमैन फार्मर्स प्रड्यूसर्स लिमिटेड, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम से झार महिला रेशम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, बिहार के पूर्णिया से अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड, तेलंगाना स्थित हैदराबाद से बीनिशान वुमैन प्रोड्यूसर्स कंपनी और मध्यप्रदेश के श्योपुर से सहरिया महिला लघु वनोपज प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड शामिल थे।

प्रतिभागियों की तरक्की की कहानियों, चुनौतियों और आकांक्षाओं के संबंध में उनसे धैर्यपूर्वक सुनने के बाद मंत्री ने भविष्य के लिए उनका मार्गदर्शन किया।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी केसबका साथ, सबका विकासके नारे में निहित भाव से प्रेरणा ग्रहण करने की अपील करते हुए श्री गिरिराज सिंह ने टीम से कहा कि स्वयं सहायता समूह यानी एसएचजी के कुछ ही सदस्यों द्वारा एक लाख रुपये सालाना आय का लक्ष्य हासिल करना काफी नहीं है। सही मायने में समूह के सभी सदस्यों की सालाना आय अवश्य इतनी होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री नेआत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दीदियों का मार्गदर्शन किया और कहा कि उन्हें अवश्य यह सोचना चाहिए कि वे अपनी आय कैसे बढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए योजना बनाएं और इसे साझा करें। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें इसे साकार करने में मदद करेंगी।

डीएवाई-एनआरएलएम मिशन की प्रगति की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि 2014 में मिशन से 2.35 करोड़ एसएचजी सदस्य जुड़ थे जिनका बैंक लिंकेज 80,000 करोड़ रुपये था और उस समय एनपीए 9.5 फीसदी था।

उन्होंने आगे कहा कि अब यह आंकड़ा एसएचजी सदस्यों के रूप में 8 करोड़ महिलाओं तक पहुंच गया है, जिसमें 4 लाख करोड़ रुपये का बैंक लिंकेज है जबकि एनपीए महज 2.8 फीसदी है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-24 तक, एसएचजी के दायरा बढ़कर 10 करोड़ सदस्यों का हो जाएगा और उनके लिए सालाना एक लाख रुपये या उससे अधिक की कमाई करना मुमकिन हो सकता है जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। मंत्री ने प्रतिभागियों के आत्मविश्वास की सराहना की और कहा कि इस तरह का रवैया आर्थिक रूप से सशक्त महिलाओं के सपने को साकार करने में बहुत उत्साहजनक है।

दीदियों के साथ बातचीत करते हुए, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने धनतेरस पर इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए श्री गिरिराज सिंह का आभार जताया और कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार लक्ष्मी के रूप में महिलाओं की शक्ति में विश्वास करती है और नीतियों के माध्यम से उनके लिए बेहतर कल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे पूरे साल काम मिलने में मदद मिल सकती है। मंत्री ने उदाहरण दिया कि कैसे उत्पादों और प्रक्रियाओं में स्विच करके मूल्यवर्धन किया जा सकता है जिन्हें बेहतर विपणन और अन्य सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है।

बीओडी सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का विजन है कि आर्थिक सशक्तीकरण से ही महिलाओं का स्वाभिमान बढ़ाया जा सकता है और एसएचजी को एक आंदोलन में बदलने से इसे जल्द ही साकार करने में मदद मिलेगी।

बैठक में एनआरएलएम और हिस्सा लेने वाले राज्यों के एसआरएलएम के अधिकारी शामिल हुए।

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एमजी/एएम/पीकेजे

 


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