ग्रामीण विकास मंत्रालय
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
प्रधानमंत्री के ’आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को प्रोत्साहन देते हुए, फ्लिपकार्ट ने भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ हाथ मिलाया
स्वयं सहायता समूहों के ग्रामीण उत्पादों को भारत समेत विदेशों में लोग काफी पसंद करते हैं: श्री गिरिराज सिंह
साझेदारी राष्ट्रीय बाजार पहुंच, ज्ञान और प्रशिक्षण की मदद से ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा मिलेगी
फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में दोनों पक्षों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
Posted On:
02 NOV 2021 3:42PM by PIB Delhi
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने अपनी महत्वाकांक्षी दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) कार्यक्रम के तहत खासतौर से महिलाओं की अगुवाई में चल रहे स्थानीय कारोबार व स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाने और उनको ई-कॉमर्स के दायरे में लाने के लिए भारत के घरेलू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी डीएवाई-एनआरएलएम के स्व-रोजगार और उद्यमिता के लिए ग्रामीण समुदायों की क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के लक्ष्य के साथ जुड़ी हुई है। इस प्रकार प्रधानमंत्री के ’आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को प्रोत्साहन मिलेगा।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की उपस्थिति में संयुक्त सचिव (आरएल), डीएवाई-एनआरएलएम, श्री चरणजीत सिंह और फ्लिपकार्ट के मुख्य कॉरपोरेट मामलों के अधिकारी श्री रजनीश कुमार ने यहां दिल्ली में 02 नवंबर, 2021 को एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री गिरिराज सिंह ने कहा, ’’एसएचजी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और हम उनकी वार्षिक आय बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हम उन सभी संभावित भागीदारों की पहचान और उनके साथ सहयोग कर रहे हैं जो इस काम में योगदान दे सकते हैं। डीएवाई एनआरएलएम और फ्लिपकार्ट के बीच साझेदारी से इस प्रक्रिया में मदद मिलेगी। एसएचजी के ग्रामीण उत्पादों को देश-विदेश में लोगों द्वारा पसंद करने की काफी संभावनाएं हैं और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इस कार्य में एक प्रभावी साधन साबित होगा। श्री सिंह ने कहा कि एमओयू से ग्रामीण महिलाएं फ्लिपकार्ट के 10 करोड़ से अधिक ग्राहकों को अपने उत्पाद बेच पाएंगी।
यह एमओयू फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम का हिस्सा है और इसका मकसद कुशल शिल्पकारों, बुनकरों और कारीगरों के समुदाय जो पर्याप्त सुविधा से वंचित रहे हैं उनको फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस के माध्यम से राष्ट्रीय बाजार की पहुंच के साथ-साथ ज्ञान और प्रशिक्षण के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। फ्लिपकार्ट समर्थ ऑनबोर्डिंग, कैटलॉगिंग, मार्केटिंग, अकाउंट मैनेजमेंट, बिजनेस इनसाइट्स और वेयरहाउसिंग के सहयोग के साथ समयबद्ध पूरी सेवाएं प्रदान करके स्थानीय समुदायों के कारोबारी बाधाओं को दूर करने का प्रयास करता है। इससे व्यवसाय और व्यापार समावेश को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर मिलेगा और बेहतर आजीविका के अवसरों पैदा करने तथा उसे बनाए रखने में मदद मिलेगी।
एमओआरडी के डीएवाई-एनआरएलएम कार्यक्रम के तहत देश के 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 706 जिलों के 6768 ब्लॉकों स्थित 71 लाख से अधिक एसएचजी में 7.84 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। ये एसएचजी गरीब ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में एक गेम चैंजर पहल साबित हो रही है।
मिशन के तहत एचएचजी और उनके संघों में विभिन्न वर्ग और जाति की गरीब महिलाओं का व्यापक प्रतिनिधित्व है जो अपने सदस्यों को उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में वित्तीय, आर्थिक और सामाजिक विकास सेवाएं प्रदान करती हैं। आजीविका संबंधी कार्यकलापों को प्रोत्साहन देने के प्रयास के तौर पर एनआरएलएम द्वारा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इन एसएचजी द्वारा निर्मित ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरस मेले, सरस गैलरी और खुदरा दुकानों, राज्य के स्वामित्व वाले ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म व अन्य वाणिज्यिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं।
श्री चरणजीत सिंह, संयुक्त सचिव (कौशल), डीएवाई-एनआरएलएम ने कहा, ’’फ्लिपकार्ट समर्थ के साथ डीएवाई-एनआरएलएम की साझेदारी से खासतौर से महिलाओं को ग्रामीण आजीविका की क्षमता बनाने और उसे उन्नत बनाने तथा उसपर प्रभाव डालने के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। इस कदम से ग्रामीण कारोबार तैयार करने और उसमें मदद के लिए जरूरी संसाधन जुटाने के साथ-साथ उन्हें दिशा प्रदान की जाएगी ताकि उनके विकास की पूरी संभावना को महसूस किया जा सके जोकि समावेशी और मजबूत राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक है, विशेष तौर पर मौजूदा पोस्ट-कोविड काल में जरूरी है।’’
फ्लिपकार्ट समूह के कॉर्पोरेट मामलों के प्रमुख रजनीश कुमार ने कहा, “हम भारतीय बाजार के अपने ज्ञान का उपयोग पर्याप्त सुविधा से वंचित रहने वाले समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
भारत के स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों की शिल्पकारी को उनके क्षेत्र के बाहर व्यापक क्षेत्र के दर्शकों तक पहुंचाया जाना चाहिए। फ्लिपकार्ट समर्थ पहल उन्हें देशभर में फैले अपने प्लेटफॉर्म पर तकरीबन 35 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंच प्रदान करता है। हम डीएवाई-एनआरएलएम के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं और सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हम राष्ट्र निर्माण के एक महत्वपूर्ण पहलू में योगदान करने में सक्षम हैं।’’
फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम को 2019 में एक स्थायी और समावेशी मंच के रूप में लांच किया गया था जिससे देश में पर्याप्त सुविधाओं से वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें बेहतर अवसर व आजीविका कारोबार में सहयोग किया जाए। फ्लिपकार्ट समर्थ इस समय पूरे भारत में 9,50,000 से अधिक कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका में मदद कर रहा है, और लगातार अधिक से अधिक विक्रेताओं को प्लेटफॉर्म पर लाने का काम कर रहा है।
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