जल शक्ति मंत्रालय
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राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की बहु-विषयक टीम ने राजस्थान का दौरा किया


वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 10,180.50 करोड़ रुपये का केंद्रीय निधि आवंटन

Posted On: 19 OCT 2021 4:55PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) की एक बहु-विषयक 10 सदस्यीय टीम 18 से 21 अक्टूबर, 2021 तक राजस्थान में पांच जिलों बारां, दौसा, जोधपुर, भीलवाड़ा और जयपुर का दौरा कर रही है। एनजेजेएम की टीम हर दिन प्रत्येक जिले के तीन से पांच गांवों का दौरा करेगी। जमीनी स्थिति को समझने और सभी ग्रामीण घरों में शत-प्रतिशत नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की समय सीमा को पूरा करने के लिए राज्य की तैयारियों का आकलन करने के लिए राज्य द्वारा कार्यक्रम के कार्यान्वयन और मिशन के तहत की गई प्रगति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। दौरे के दौरान, टीम जिला अधिकारियों, स्थानीय ग्राम समुदाय, ग्राम पंचायत और पानी समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करेगी। इसके बाद टीम जिला अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा करेगी और अपनी टिप्पणियां साझा करेगी।

                                         

राजस्थान ने 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में 100% नल के पानी के कनेक्शन की योजना बनाई है। राज्य के 1.01 करोड़ घरों में से, केवल 11.74 लाख (11.59%) ग्रामीण परिवारों में 15 अगस्त, 2019 को नल के पानी की आपूर्ति थी, जब माननीय प्रधानमंत्री जी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी।

कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन और व्यवधानों के बावजूद, पिछले दो वर्षों में, 9.48 लाख घरों (9.36%) को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। आज राज्य के 21.22 लाख ग्रामीण घरों (20.95%) में नल के पानी की सुविधा है। राजस्थान के कई हिस्सों में पानी की अत्यधिक कमी की समस्या है क्योंकि वे रेगिस्तानी क्षेत्र हैं जहां कम वर्षा होती है। इसलिए राज्य में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की जरूरत बहुत महत्वपूर्ण और अत्यावश्यक हो जाती है।

2020-21 में, राजस्थान को 2,522.03 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया था, लेकिन कार्यान्वयन की धीमी गति के कारण यह केवल 630.51 करोड़ रुपये ही प्राप्त कर सका। 2024 तक हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य की सहायता के लिए, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय आवंटन में चार गुना वृद्धि की है। वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 10,180.50 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष का आवंटन किया गया है। केंद्रीय आवंटन में वृद्धि और राज्य के हिस्से के बराबर होने के कारण, राजस्थान में जल आपूर्ति कार्यों के लिए जल जीवन मिशन के तहत धन की कोई कमी नहीं है। हालांकि, धीमी भौतिक और वित्तीय प्रगति के कारण राज्य को अभी तक केंद्रीय आवंटन की पहली किश्त नहीं मिली है।

इसके अलावा, 2021-22 में, ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थाओं को पानी और स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग के सशर्त अनुदान के रूप में राजस्थान को 1,712 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले पांच साल यानी 2025-26 तक के लिए 9,032 करोड़ रुपये का सुनिश्चित वित्त पोषण किया जाएगा।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर के सांसद श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में जोर देकर कहा है कि लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से प्राप्त करने के लिए सभी गांवों में नल का पानी कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम शुरू किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने राज्य से आग्रह किया था कि वह उपलब्ध संपूर्ण केंद्रीय सहायता अनुदान को प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के लिए हर संभव प्रयास करें।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि नल का पानी स्कूल, आंगनबाडी केंद्र और आश्रमशालाएं सहित हर शिक्षण केंद्र तक पहुंचे, प्रत्येक राज्य द्वारा इन संस्थानों में पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक, राज्य में 54,851 (63%) स्कूलों, 25,934 (48%) आंगनवाड़ी केंद्रों, 18,799 (62%) ग्राम पंचायतों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। राज्य से शेष स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जल्द से जल्द नल के पानी का कनेक्शन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए, फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के साथ-साथ प्रयोगशालाओं के माध्यम से पानी की गुणवत्ता परीक्षण से मिलने वाली रिपोर्ट का उपयोग करके राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्ल्यूक्यूएमआईएस) शुरू की गई है, जो कोविड-19 परीक्षण और रिपोर्टिंग प्रणाली के अनुरूप है। देश में 2,000 से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं आम जनता के लिए मामूली कीमत पर उनके पानी के नमूनों के परीक्षण के लिए खोली गई हैं।

15 अगस्त 2019 को जेजेएम की घोषणा के समय, कुल 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, देश के 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों (17%) में नल के पानी की आपूर्ति थी। तब से, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 5.11 करोड़ (26.60%) परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब, 8.35 करोड़ (43.44%) से अधिक ग्रामीण परिवारों के लिए उनके घरों में पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार और 'जीवन की सुगमता' बढ़ी है। कोविड-19 महामारी और उसके बाद के व्यवधानों ने जेजेएम के कार्यान्वयन को जमीनी स्तर पर प्रभावित किया है, लेकिन राष्ट्रीय जल जीवन मिशन राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि शेष ग्रामीण परिवारों को समयबद्ध तरीके से नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया जा सके।

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