पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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मध्य एशियाई उड़ान मार्ग के 30 देशों की दो दिवसीय बैठक शुरू


प्रवासी पक्षियों को बचाने का अर्थ है आर्द्रभूमि, स्थलीय आवासों को बचाना और पारिस्थितिकी तंत्र को बचाना: श्री भूपेंद्र यादव

Posted On: 06 OCT 2021 7:14PM by PIB Delhi

मध्य एशियाई उड़ान मार्ग (सीएएफ) में प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण कार्यों को मजबूती देने के संकल्प के साथ इसके रेंज देशों की दो दिवसीय ऑनलाइन बैठक आज शुरू हुई। मध्य एशियाई उड़ान मार्ग (सीएएफ) आर्कटिक और हिंद महासागरों के बीच यूरेशिया के एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है। इस उड़ान मार्ग में पक्षियों के कई महत्वपूर्ण प्रवास मार्ग शामिल हैं। भारत समेत, मध्य एशियाई उड़ान मार्ग के अंतर्गत 30 देश आते हैं।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने मुख्य संबोधन देते हुए कहा कि, प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के महत्व पर विचार करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी, 2020 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित प्रवासी प्रजातियों पर 13वें कॉन्‍फ्रेंस ऑफ पार्टीज सम्‍मेलन (सीएमएस सीओपी 13) के उद्घाटन समारोह के दौरान कहा था कि भारत सभी मध्य एशियाई फ्लाईवे रेंज देशों के सक्रिय सहयोग के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण को एक नए प्रतिमान तक ले जाने का इच्छुक है, और उसे मध्य एशियाई उड़ान मार्ग पर प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए अन्य देशों के लिए कार्य योजना की तैयारियों को सुगम करते हुए प्रसन्नता होगी।

A group of men sitting at a table with flagsDescription automatically generated with low confidence

 

सीएमएस सीओपी 13 के दौरान एक प्रस्ताव (यूएनईपी/सीएमएस/प्रस्ताव 12.11 (रेव.सीओपी13) और निर्णय 13.46 को अपनाया गया था। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ सीएमएस की छत्रछाया में, अन्य रेंज देशों और संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श करते हुए और भारत के नेतृत्व में सीओपी14 तक एक संस्थागत ढांचे की स्थापना का प्रावधान किया गया था। इसका मकसद अन्य बातों के साथ, संरक्षण प्राथमिकताओं और संबंधित कार्यों पर सहमत होना और इस क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के लिए संरक्षण रूपी कार्रवाई के कार्यान्वयन के साथ संबंधित पक्षों का समर्थन करने के उपाय करना है। इसमें अनुसंधान, अध्ययन आकलन, क्षमता निर्माण और संरक्षण पहल को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे सीएमएस के कार्यान्वयन को और इसके पक्षियों से संबंधित उपकरणों को मजबूत किया जा सके।

अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए भारत 6-7 अक्टूबर,2021 को सीएएफ रेंज देशों के साथ दो दिवसीय ऑनलाइन बैठक आयोजित कर रहा है, जो भारतीय वन्यजीव संस्थान में हो रही है। यहां भारत सीएएफ रेंज देशों के साथ, प्रवासी पक्षियों के संरक्षण से जुड़ी अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और राष्ट्रीय कार्य योजना को साझा करेगा। इस बैठक में गतिविधियों व संरक्षण प्राथमिकताओं और सीएएफ के भीतर उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी भी साझा की जाएगी। इस बैठक में सीएएफ रेंज देशों के प्रतिनिधि, सीएमएस के प्रतिनिधि, इसके सहयोगी संगठन, दुनिया भर के इस क्षेत्र के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, अधिकारी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि आदि शामिल होंगे।

श्री यादव ने अपने संबोधन में उन इको-सिस्टम में प्रवासी पक्षियों की बेहद जरूरी और अपरिहार्य भूमिका पर खास जोर दिया, जिनमें वे रहते हैं और यात्रा करते हैं। उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि पक्षी खुद में दोबारा खुराक भरने के लिए जिन आवासों का इस्तेमाल करते हैं उन्हें समन्वित सूचना साझा करके असरदार ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।

दुनिया की 11,000 पक्षी प्रजातियों में पांच में से तकरीबन 1 प्रजाति माइग्रेट करती है, जिनमें से कुछ तो बहुत अधिक दूरी तय करती हैं। इन प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए देशों और राष्ट्रीय सीमाओं के बीच पूरे उड़ान मार्ग के साथ-साथ सहयोग और समन्वय की आवश्यकता होती है।

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