पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
भारत ने ‘कॉप 26’ में रचनात्मक रूप से शामिल होने और पेरिस नियम पुस्तिका को सुव्यवस्थित करने के लिए परस्पर संबंधित प्रस्तावों का आकलन करने का वादा किया
‘भारत कॉप 26 में अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चर्चाओं में शामिल होने के लिए तैयार है’
‘कॉप 26’ में वर्ष 2020 के बाद नया सामूहिक दीर्घकालिक जलवायु वित्त लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया अवश्य शुरू की जानी चाहिए: श्री भूपेंद्र यादव
‘कॉप 26 के निष्कर्षों में विकासशील देशों की जलवायु कार्रवाई को बढ़ाने के लिए कार्यान्वयन के साधन प्रदान करके महत्वाकांक्षा में अंतर को पाटने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए’
Posted On:
02 OCT 2021 5:41PM by PIB Delhi
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 30 सितंबर से 2 अक्टूबर 2021 तक मिलान, इटली में आयोजित ‘कॉप 26’ पूर्व बैठक में वर्चुअल ढंग से भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह आश्वासन दिया कि भारत कॉप 26 में रचनात्मक रूप से शामिल होगा और पेरिस नियम पुस्तिका को सुव्यवस्थित करने के लिए परस्पर संबंधित प्रस्तावों का आकलन करेगा जो विकसित देशों के जलवायु वित्त संबंधी वादों को पूरा करके किया जा सकता है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत इस दशक में ठोस जलवायु कार्रवाई की अनिवार्यता को स्वीकार करता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरी दुनिया पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्य के भीतर ही रहने के साथ-साथ इसके प्रभावों के अनुसार स्वयं को ढाल ले, और इससे होने वाले नुकसान को न्यूनतम स्तर पर ला दे। अत: ‘कॉप 26’ के निष्कर्षों में कार्यान्वयन के साधन प्रदान करके महत्वाकांक्षा में निहित अंतर को पाटने की आवश्यकता पर विशेष जोर देना चाहिए, ताकि विकासशील देश अपनी जलवायु कार्रवाई को बढ़ा सकें।
उन्होंने कहा कि भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि विशेषकर शमन संबंधी जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका यही है कि त्वरित, सुनिश्चित और सतत वित्त के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
पर्यावरण मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि जलवायु परिवर्तन भारत की विकास रणनीति में अंतर्निहित है और भारत महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई करने में सबसे आगे रहा है। हालांकि, भारत की विशाल आबादी को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से खतरा पहुंच सकता है। अत: अनुकूलन हमारे देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। जलवायु वित्त की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि ‘कॉप 26’ में वर्ष 2020 के बाद नया सामूहिक दीर्घकालिक जलवायु वित्त लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया अवश्य शुरू की जानी चाहिए।
‘कॉप 26’ पूर्व बैठक की मेजबानी इटली की सरकार द्वारा मिलान, इटली में 30 सितंबर से 2 अक्टूबर 2021 तक कॉप 26 के आयोजन से पहले की गई। इस बैठक का उद्देश्य कॉप 26 का मार्ग या एजेंडा निर्धारित करना और संबंधित पक्षों को इस सम्मेलन से अपनी अपेक्षाओं पर विशेष अंतर्दृष्टि या परख को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से 12 नवंबर 2021 तक ग्लासगो में आयोजित होने वाला है।
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