सूचना और प्रसारण मंत्रालय

डीडी न्यूज संगोष्ठी  ‘जीवन सुगमता’ का प्रसारण  आज


मुख्य वक्तव्य नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दिया

वर्ष 2024 तक हर घर तक पेयजल पहुंचाने का जल जीवन मिशन सही दिशा में; योजना अब आम जन के लिये जीवन सुगमता पर काम कर रही हैः अमिताभ कांत

डीडी न्यूज संगोष्ठी आने वाले सप्ताहों में सहकारिता संघवाद से लेकर युवा शक्ति तक के विषयों पर केंद्रित होगी

Posted On: 28 SEP 2021 10:18PM by PIB Delhi

भारत की स्वतंत्रता के गौरवशाली 75 वर्ष होने पर आजादी का अमृत महोत्सव जश्नों के अंग के रूप में डीडी न्यूज संगोष्ठियों की श्रृंखला शुरू कर रहा है। संगोष्ठियों का विषय आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और एक नये जीवन्त भारत के निर्माण सम्बंधी नीतिगत पहलों पर आधारित होंगी। डीडी न्यूज संगोष्ठी एक ऐसा मंच है, जहां प्रसिद्ध विशिष्टजन, नीति निर्माता और सम्बंधित विषयों के विशेषज्ञ एक साथ जुटेंगे तथा नीतिगत पहलों के कार्यान्वयन और उनके प्रभाव तथा आगे की दिशा पर अपने विचारों और नजरिये से अवगत करायेंगे। आशा की जाती है कि संगोष्ठी एक प्रमुख विचार मंच के रूप में सामने आयेगी और देशभर में दूरदर्शन की उपस्थिति के जरिये सरकार की प्रमुख पहलों को दिशा देने के लिये मुख्य विचारों का खाका पेश करेगी।

पहली संगोष्ठी जीवन सुगमता पर आयोजित हुई थी, जिसमें नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने मुख्य वक्तव्य दिया था। इस सत्र का विषय-प्रवर्तन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी ने किया था। संगोष्ठी में एक विशेषज्ञ पैनल भी था, जिसमें अर्थशास्त्री और विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस) के महानिदेशक प्रो. सचिन चतुर्वेदी, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नूपुर तिवारी और एग्रो (फाउंडेशन फॉर इकोनॉमिक ग्रोथ एंड वेलफेयर) के मुख्य कार्यकारी डॉ. चरण सिंह शामिल थे। स्टूडियो में बैठे दर्शकों ने चर्चा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सत्र के दौरान स्टार्ट-अप संस्थापकों, अकादमिक हस्तियों, स्कूल शिक्षकों और युवा छात्रों ने पैनल में शामिल विशेषज्ञों से बातचीत की।

अपने प्रमुख वक्तव्य में श्री अमिताभ कांत ने कहा कि जीवन सुगमता को केंद्र में रखकर, सरकार चाहती है कि आवास, बिजली, पेयजल आपूर्ति, गैस कनेक्शन, सड़क संपर्कता जैसी बुनियादी जरूरतें हर नागरिक तक पहुंच सकें। इनमें से कुछ लक्ष्यों को पूरा कर लिया गया है, जैसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालयों का निर्माण, प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंक खातों का खोला जाना आदि। दूसरी तरफ जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला 2.0, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ऐसी परियोजनायें हैं, जो चल रही हैं और इनका सारा ध्यान जीवन सुगमता पर केंद्रित है। नीति आयोग ने भी जीवन सुगमता सूचकांक तैयार किया है। श्री अमिताभ कांत ने कहा कि इस सूचकांक की बदौलत पारदर्शिता आई है और नागरिकों को हौसला बढ़ा है कि वे अपने चुने हुये प्रतिनिधियों से बेहतर सेवाओं की मांग करें।

श्री चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जीवन सुगमता के पुरोधा हैं और वे इस दिशा में काम करने के लिये हर मंत्रालय को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रशासन और लोगों, दोनों के रवैये में बहुत फर्क आया है।

प्रो. नूपुर तिवारी ने कहा कि ग्राम समाज पोर्टल, सामान्य सेवा केंद्रों और ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम के जरिये देशभर की पंचायतों में जमीन-आसमान का बदलाव आ गया है। इस अवसर प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि जीवन सुगमता और सतत विकास लक्ष्य आपस में बहुत गहरे जुड़े हैं और इसमें जन भागीदारी के कारण महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखा जा रहा है। डॉ. चरण सिंह ने कहा कि सरकार का सेंट्रल विस्टा कार्यक्रम अर्थव्यवस्था और रोजगार में तेजी लाने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि राज्यों को भी अधोसंरचना में निवेश करना चाहिये, ताकि अर्थव्यवस्था को तेजी मिले और वह फलदायी हो। उन्होंने पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिये स्टार्ट-अप की भूमिका पर भी बल दिया।

 

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