जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 'समावेशी शासन प्रणाली सुनिश्चित करना : प्रत्येक व्यक्ति को महत्वपूर्ण बनाना' विषय पर वेबिनार आयोजित किया


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य समानता और समावेश सुनिश्चित करना है और यह सुशासन का एक सच्चा घोषणापत्र है - श्री अर्जुन मुंडा

Posted On: 21 SEP 2021 7:27PM by PIB Delhi

शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आज सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिकोण के अंतर्गत 'समावेशी शासन प्रणाली सुनिश्चित करना: प्रत्येक व्यक्ति को महत्वपूर्ण बनाना' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उच्च शिक्षा सचिव, श्री अमित खरे, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, श्री डी.पी. सिंह, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा, श्रीमती नीता प्रसाद और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना समावेशी शिक्षा के प्रति प्रधानमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि ईएमआरएस आदिवासी क्षेत्रों में हाशिए की आबादी के लिए शिक्षा की पहुंच प्रदान करता है। श्री मुंडा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य समानता और समावेश सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने आदिवासी समाज की शिक्षा को एक राष्ट्रीय स्वरूप दिया है और यह सुशासन का एक सच्चा घोषणा पत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया, समग्र शिक्षा आदि जैसे कार्यक्रम आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर रहे हैं।

श्री अर्जुन मुंडा ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ स्वशासन के महत्व पर बल दिया। श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें इन आदर्शों को प्राप्त करने में लोगों की भागीदारी पर ध्यान देने के साथ यह मंत्र दिया है, जो एक सच्चे लोकतंत्र का आधार है।

श्री मुंडा ने दोहराया कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो ऐसे समय में सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए हमारी दीर्घकालिक संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ अवसरों का लाभ उठाने के लिए सभी को सशक्त बनाने का हमारा संकल्प होना चाहिए।

श्री मुंडा ने समावेशी विकास के लिए सुशासन, स्वशासन और समावेशी शासन व्यवस्था पर बल दिया। श्री मुंडा ने शिक्षाविदों को नई पीढ़ी, विशेषकर वंचितों की आकांक्षाओं को नई ऊंचाई प्रदान करने की उनकी जिम्मेदारी के बारे में भी याद दिलाया।

श्री अमित खरे ने ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों सहित समाज के वंचित वर्ग के विद्यार्थियों की समस्याओं पर प्रकाश डाला। श्री खरे ने विद्यार्थियों को हो रही भाषा संबंधी समस्याओं पर बल दिया। उन्होंने हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि कोई भी विद्यार्थी पीछे न रहे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-यूजीसी के अध्यक्ष, श्री डी.पी. सिंह, ने अपने उद्घाटन भाषण में हमारे लोकतंत्र की धुरी के रूप में स्थिति और अवसर की समानता के संवैधानिक आदर्शों को दोहराया। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों के नेतृत्व से समावेश पर विशेष ध्यान देने के साथ सुशासन की दिशा में ठोस प्रयास करने और अपने सभी घटकों को समान रूप से अवसर प्रदान करने का प्रयास करने का आह्वान किया।

समावेशी शासन व्यवस्था सुनिश्चित करना : प्रत्येक व्यक्ति को महत्वपूर्ण बनाना विषय पर वेबिनार शैक्षिक नेतृत्व, शिक्षाविदों और प्रशासकों को एक मंच पर लाने का अवसर प्रदान करता है। इस वेबिनार का आयोजन बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के सहयोग से किया गया था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने स्वागत भाषण दिया। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. आलोक राय ने अपने मुख्य भाषण में विद्यार्थियों को हमारी शिक्षा प्रणाली के लिए मूल आधार बताया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के विद्यार्थियों द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों को रेखांकित किया और महिला विद्यार्थियों, दिव्यांग विद्यार्थियों, आदिवासी विद्यार्थियों आदि के विभिन्न मुद्दों के बारे में विस्तार से बातचीत की। प्रो. राय ने विभिन्न पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिए मूल्य निर्माण और मूल्यवर्धन पर जोर दिया।

तकनीकी सत्र की अध्यक्षता भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत की पूर्व कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने की। इसके अलावा सदस्य-यूजीसी प्रो. एम.एम. सालुंखे, भारती विद्यापीठ, पुणे के कुलपति, प्रो. एच.सी.एस. राठौर, पूर्व कुलपति, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रो. भीमराय मेत्री, और निदेशक, आईआईएम नागपुर ने तकनीकी सत्र को संबोधित किया।

*****

एमजी/एएम/एमकेएस/डीवी

 


(Release ID: 1757348) Visitor Counter : 215


Read this release in: Urdu , English , Telugu , Kannada