इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत की


इस योजना का उद्देश्य ईएसडीएम और आईटी/आईटीईएस में शोधकर्ताओं का सहयोग करना है

यह योजना समाज में सबसे आखिरी छोर के छात्रों को विश्व स्तर की शिक्षा प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दर्शाती है: श्री वैष्णव

Posted On: 17 SEP 2021 6:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)/ सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) में 42 उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आज वर्चुअल तरीके से विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें इस योजना को समर्पित करते हुए, श्री वैष्णव ने कहा कि यह योजना समाज में पिरामिड के निचले पायदान पर मौजूद छात्रों को विश्वस्तर की शिक्षा और अनुसंधान व विकास के अवसर प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दिखाती है। यह योजना उन प्रतिभाओं को सहयोग करती है, जो हमारे देश में हैं। उन्होंने आगे कहा कि योजना के पहले चरण के परिणाम वास्तव में उत्साहजनक रहे हैं। इसके तहत 63 वैश्विक पेटेंट और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में हजारों शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना का बड़े पैमाने पर विस्तार करने का समय आ गया है क्योंकि हम उच्च तकनीक वाले उद्योगों की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं विशेषकर सेमीकंडक्टर और दूरसंचार निर्माण। जल्द ही हमारे पास भारत में अपना 4जी कोर नेटवर्क और 5जी कोर नेटवर्क होगा और तब हमें प्रधानमंत्री के विजन का एहसास होगा।

एमईआईटीवाई के सचिव, श्री अजय साहनी ने कहा कि विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना ईएसडीएम और आईटी/आईटीईएस के क्षेत्रों में डॉक्टरेट की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य करती है। इसका फोकस अनुसंधान संस्थानों में शोध संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ ही उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए युवा फेकल्टी को प्रोत्साहित करना है। योजना का दूसरा चरण उन्नत विशेषताओं के साथ शुरू किया जा रहा है जिससे भारत में उपयोगी अनुसंधान के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।

ईएसडीएम और आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों में पीएचडी की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) की मंजूरी के बाद 2014 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना शुरू की गई थी। 25 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों में 97 संस्थानों (आईआईटी, एनआईटी, केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालय आदि) को पीएचडी सीटें आवंटित की गई थीं। वर्तमान में 492 पूर्णकालिक और 268 पार्ट-टाइम पीएचडी फेलो शोध कर रहे हैं जबकि 422 पूर्णकालिक और 43 पार्ट टाइम पीएचडी पूरी हो गई है या थीसिस जमा करा दी गई है। कार्यक्रम के दौरान विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के पहले चरण की उपलब्धियों पर प्रसन्नता जाहिर की गई।

योजना के दूसरे चरण का उद्देश्य 1000 पूर्णकालिक पीएचडी उम्मीदवारों, 150 पार्ट-टाइम पीएचडी उम्मीदवारों, 50 युवा फेकल्टी रिसर्च फेलोशिप और 225 पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप को सहयोग करना है।

इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कार्यक्रम में उपस्थित कुछ प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे-श्री अजय साहनी, सचिव एमईआईटीवाई; डॉ. बीके मूर्ति, जीसी, आर एंड डी, एमईआईटीवाई; श्री अभिषेक सिंह, एमडी और सीईओ डीआईसी; डॉ. विनय ठाकुर, वरिष्ठ निदेशक (अनुसंधान और प्रशासन), डीआईसी और श्री मनोज जैन, वैज्ञानिक, एफ, एमईआईटीवाई। योजना के पहले चरण के दौरान किए गए शोध कार्य की सभी ने काफी सराहना की।

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