शिक्षा मंत्रालय

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अक्टूबर, 2021 तक 6,000 रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय मिशन मोड पर काम करेंगे


विश्वविद्यालयों को भारतीय भाषाओं में अध्ययनको बढ़ावा देना चाहिए और भारत की सांस्कृतिक विरासत को लोकप्रिय बनाना चाहिए- श्री धर्मेंद्र प्रधान

भारत को उभरती हुई नई वैश्विकव्यवस्था में शीर्षस्थानपर रखने में नई शिक्षा नीति- 2020 बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी - केंद्रीय शिक्षा मंत्री

उच्च शैक्षणिकसंस्थान सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा मेंमुख्यउत्प्रेरकका काम करतेहैं-केंद्रीय शिक्षा मंत्री

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक बैठक की

Posted On: 03 SEP 2021 7:15PM by PIB Delhi

केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री,श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम सेकेंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक बैठक की। शिक्षा राज्य मंत्रीश्री सुभाष सरकार, उच्च शिक्षा सचिव,श्रीअमितखरे, यूजीसी के चेयरमैन,प्रो डी पी सिंह के साथ-साथशिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय रचनात्मकता, नवाचार और अवसरों को पोषणप्रदान कर रहे हैं।नई शिक्षा नीति- 2020 भारत को उभरती हुई नई वैश्विकव्यवस्था में शीर्षस्थानपर रखने की दिशा मेंमहत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारत के भाग्य कासंरक्षक होने के रूप में, हमारे विश्वविद्यालयों को एनईपी में उल्लेख किए गएजिम्मेदारियों का पालनकरना चाहिए।उन्होंने शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा जीवंत और समग्र बनाने एवंएनईपी के माध्यम से भारत को ज्ञान की महाशक्ति के रूप में स्थापित करने पर बल दिया।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमारे उच्च शैक्षणिकसंस्थान सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और महत्वाकांक्षाओं तथा राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रमुख उत्प्रेरक हैं। उन्होंनेअपील किया कि विश्वविद्यालयों को भारतीय भाषाओं में सीखने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को लोकप्रिय बनाने और उसे बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए।

श्री प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अक्तूबर, 2021 तक 6,000 रिक्त पदों को भरने के लिए मिशन-मोड पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।उन्होंने पूर्व छात्रों को सहायक निधिप्रदान करने के लिए एक संरचना तैयार करने का आग्रह किया।

श्री प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सर्वोत्तम प्रथाओं और कई महत्वपूर्ण बातोंके बारे में जानकरी प्राप्त होने परप्रसन्नता व्यक्त की, जिसमें सामान्य एवंआरक्षित रिक्तियों को भरना, कोविड-19 के दौरान शिक्षा, ऑनलाइन अध्यापनऔर एनईपी का कार्यान्वयित होनेवाली स्थिति भी शामिल है।

उन्‍होंने विश्वविद्यालयों से भारत को पूर्ण रूपसे साक्षर बनाने के लिए रणनीतियां बनानेका आह्वान किया, साथ ही आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतीक के रूप में 'पोषण माह' के दौरान देश की पोषण चुनौती का सामना करने में योगदान देने के लिए भी कहा।

श्री प्रधान ने कुलपतियों से यह भी अनुरोध किया कि वे अपने विश्वविद्यालयों में खेलों को प्रोत्साहित करें, जिससे देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलसके। कुलपतियों को अपने परिसरों में नवाचार एवंअनुसंधान को बढ़ावा देकर अपने छात्रों को नौकरी प्रदाता बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुलपतियों को उनकी अंतर्दृष्टि और बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाददिया।उन्होंने आग्रह किया कि वैचारिक मार्गदर्शकके रूप में, हमारे केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इस अकादमिक वर्ष से ही क्षमता निर्माण, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट, वर्चुअल विश्वविद्यालयों और एनईपी के कई अन्य पहलुओं की रूपरेखातैयार करने एवं कार्यान्वयन करने की दिशा में अग्रणी भूमिकाएं निभानी चाहिए।

एमजी/एएम/एके/वाईबी



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