विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारत में आयोजित होने वाले यूएनडब्ल्यूजीआईसी के बारे में वैश्विक भू-स्थानिक सूचना समुदाय को सुग्राही बनाया गया

Posted On: 17 AUG 2021 4:49PM by PIB Delhi

वैश्विक भू-स्थानिक सूचना समुदाय को अगले वर्ष अक्टूबर में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले दूसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी) के बारे में सुग्राही बनाया गया और उनके इनपुट 16 अगस्त 2021 को आयोजित एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम की सामग्री को डिजाइन करने के लिए लिये गए हैं। अगस्त 2021 के अंत में आयोजित होने वाले वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन (यूएन-जीजीआईएम) पर विशेषज्ञों की संयुक्त राष्ट्र समिति के ग्यारहवें सत्र के दौरान पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि, "हम अगले वर्ष यूएनडब्ल्यूजीआईसी की मेजबानी करने के लिए उत्साहित हैं और इस आयोजन के लिए अगले साल हैदराबाद में सभी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं, जो भारत के विकसित भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र की एक झलक प्रस्तुत करेगा।"

प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भारत की उदारीकृत भू-स्थानिक नीति और भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर इसके प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि, हमें इस क्षेत्र को सभी हितधारकों के लिए खुला बनाने, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक लाभ पहुंचाने तथा भू-स्थानिक जानकारी को सभी के लिए सुलभ बनाने की आवश्यकता है। हम "स्वामित्व" योजना के माध्यम से अपनी ग्रामीण आबादी को सशक्त बना रहे हैं, जिसके जरिये ग्रामीण भूस्वामियों को डिजिटल जोत का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं, हमारा आदर्श वाक्य "सबका साथ सबका विकास" है, अर्थात, "कोई भी पीछे नहीं रहना चाहिए", जो सतत विकास का लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का मूल दर्शन है, और इसके लिए भारत भी प्रतिबद्ध है।

सबसे कम उम्र की पैनलिस्ट और 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री माहिका श्रीवास्तव ने कहा कि, "युवा विभिन्न एसडीजी हासिल करने के लिए भू-स्थानिक जानकारी का उपयोग करने के पथ प्रदर्शक होंगे।"

वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन (यूएन-जीजीआईएम) पर विशेषज्ञों की संयुक्त राष्ट्र समिति हर चार साल में संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी) का आयोजन करती है, जिसका उद्देश्य भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन एवं क्षमताओं में सदस्यों तथा प्रासंगिक हितधारकों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना है। पहला यूएनडब्ल्यूजीआईसी कार्यक्रम अक्टूबर 2018 में चीन द्वारा आयोजित किया गया था। यूएनजीजीआईएम ने अक्टूबर 2022 के दौरान भारत को दूसरे यूएनडब्ल्यूजीआईसी के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी है। भारत इस कार्यक्रम को "आजादी का अमृत महोत्सव (भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव)" के एक भाग के रूप में आयोजित करेगा।

संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग के निदेशक श्री स्टीफन श्वेनफेस्ट ने दूसरी यूएनडब्ल्यूजीआईसी के मुख्य विषय 'वैश्विक गांव को भू-सक्षम' करने का समर्थन किया। यूएन-जीजीआईएम की सह-अध्यक्ष सुश्री रोसमंड कार्टर बिंग ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि, यह विषय आम नागरिकों को भू-स्थानिक जानकारी की सशक्त भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। दूसरी यूएनडब्ल्यूजीआईसी में वैश्विक भू-स्थानिक समुदाय को आमंत्रित करते हुए, भारत के महासर्वेक्षक श्री नवीन तोमर ने इसके लिए चार सत्रों का सुझाव दिया है, जैसे कि भू-गणित, भूमि प्रशासन के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्रण, सर्वेक्षण और मानचित्रण में उन्नति। लैटिन अमरीका, अरब देशों, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमरीका, नीदरलैंड्स और सिंगापुर के जाने - माने  पैनलिस्टों ने द्वितीय यूएनडब्ल्यूजीआईसी के दौरान संभावित सत्रों के लिए अपने सुझाव व्यक्त करते हुए यूएन-जीजीआईएम के एकीकृत भू-सूचना फ्रेमवर्क (आईजीआईएफ) को लागू करने के लिए रणनीति पर चर्चा करने करने के लिए जोर दिया।

 

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