स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

एक महीने से भी कम समय में 2.27 लाख गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 के टीके लगाए गए


एनटीएजीआई की अनुशंसा के बाद 2 जुलाई से गर्भवती महिलाएं कोविड-19 टीकाकरण के लिए योग्य हो गईं थीं

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के संबंध में प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है

Posted On: 30 JUL 2021 5:44PM by PIB Delhi

एक महत्वपूर्ण प्रगति में, देश भर में चल रहे राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण अभियान के तहत एक ही महीने में 2.27 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त हो चुकी है। इसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और चिकित्सा अधिकारियों द्वारा गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 संक्रमण के जोखिम और कोविड-19 टीकाकरण के लाभों के बारे में नियमित परामर्श के परिणामस्वरूप देखा जा सकता है। इस निरंतर अभियान ने गर्भवती महिलाओं को कोविड टीका लगवाने के बारे में एक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया है।

तमिलनाडु राज्य 78,838 से अधिक गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करके पहले स्थान पर चल रहा है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 34,228, ओडिशा में 29,821, मध्य प्रदेश में 21,842, केरल में 18,423 और कर्नाटक में 16,673 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ है।

भय, आशंकाओं, गलत सूचनाओं और कुछ सामाजिक बाधाओं और मुद्दों को दूर करने के अभियान के हिस्से के रूप में, 2 जुलाई, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता के लिए एक मार्गदर्शन निर्देश साझा किया गया था। इसके बाद कार्यक्रम प्रबंधकों, सेवा प्रदाताओं और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया ताकि वे गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार को प्रसवपूर्व देखभाल के दौरान गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 टीकाकरण के महत्व के बारे में परामर्श दे सकें। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड टीकाकरण के संबंध में सरकारी और निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसीएस) में अपनी टीकाकरण टीमों को और संवेदनशील बनाया।

गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए राज्यों द्वारा कई पहल की गई हैं, जैसे कि गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष टीकाकरण सत्र शुरू करना शामिल है। प्रसवपूर्व क्लीनिकों में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और परामर्शदाताओं द्वारा पात्र लाभार्थियों को परामर्श देना, टीकाकरण के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लामबंदी करना और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहली बार टीकाकरण करवाने पर उपायुक्त द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने जैसी नवीन प्रथाओं के परिणामस्वरूप समुदाय में आत्मविश्वास और स्वीकृति का निर्माण हुआ है।

 

 

अध्ययनों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट सकती है, जिससे गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है और यह भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है। कोविड​​​​-19 संक्रमण वाली गर्भवती महिलाओं में समय से पहले जन्म और अन्य प्रतिकूल गर्भावस्था परिणामों के लिए जोखिम बढ़ जाता है, जिसमें नवजात रुग्णता की उच्च संभावना भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, विशेषज्ञों ने गर्भावस्था में गंभीर कोविड-19 के कारकों के रूप में पहले से मौजूद सह-रुग्णता, उन्नत मातृ आयु और उच्च बॉडी मास इंडेक्स को भी उजागर किया है।

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण की सिफारिश की थी, जिससे गर्भवती महिलाओं को भारत के कोविड टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सके। कोविड-19 (एनईजीवीएसी) के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने सर्व सम्मति से पहले इसकी सिफारिश की थी। इसके अतिरिक्त, गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण पर एक राष्ट्रीय स्तर का परामर्श केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गर्भवती महिलाओं के कोविड टीकाकरण पर आम सहमति बनाने के लिए दिया गया था। इस परामर्श कार्यक्रम में एफओजीएसआई, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, सीएसओ, गैर सरकारी संगठनों, विकास भागीदार एजेंसियों, तकनीकी विशेषज्ञों आदि जैसे व्यावसायिक निकायों ने भाग लिया। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने के लिए एनटीएजीआई की सिफारिश का सर्वसम्मति से स्वागत किया गया। केंद्र सरकार, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों के संयुक्त प्रयास से गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों में कोविड-19 टीकाकरण के बढ़ते उपयोग के साथ विश्वास पैदा करने में मदद मिल रही है, जिससे दो लोगों के जीवन को कोविड-19 संक्रमण के जोखिम से बचाने में मदद मिल रही है।

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