विद्युत मंत्रालय
केन्द्रीय विद्युत और एमएनआरई मंत्री श्री आर के सिंह ने “टिकाऊ जीवन योग्य लक्ष्य के लिए: ऊर्जा दक्षता निर्माण 2021 नई पहल” का उद्घाटन किया
भारत सरकार आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में ऊर्जा दक्षता को बेहतर करने पर ध्यान दे रही है: श्री आर के सिंह
भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े 15,000 से अधिक वास्तुशिल्पियों, अभियन्ताओं और सरकारी अधिकारियों को ऊर्जा दक्षता पर बीईई प्रशिक्षित करेगा
Posted On:
16 JUL 2021 6:54PM by PIB Delhi
केंद्रीय विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने आज आजादी का अमृत महोत्सव के अंग के रूप में भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता से जुड़े विभिन्न पहल के शुभारंभ की घोषणा की।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के “टिकाऊ जीवन योग्य लक्ष्य के लिए: ऊर्जा दक्षता निर्माण 2021 नई पहल” का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री आर के सिंह ने अपनी वचनबद्धता दोहराई कि अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के प्रयास जारी रहेंगे। बीईई को यह अभियान शुरू करने के लिए बधाई देते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि सभी अधिकारी भवन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को क्रियान्वित करने की दिशा में सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने और मांग पूरी करने के लिए ऊर्जा क्षमता तथा ऊर्जा ढांचे को स्वरूप देने के प्रयास निरंतर जारी रखें।
एक समारोह को संबोधित करते हुए श्री आर के सिंह ने कहा कि भवन क्षेत्र उद्योग के बाद दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा की खपत करने वाला क्षेत्र है लेकिन 2030 तक यह क्षेत्र देश का सबसे बड़ा बिजली खपत करने वाला क्षेत्र हो जाएगा। इस संभावना के महत्व को समझते हुए भारत सरकार का प्रयास है कि आवासीय क्षेत्रों के साथ-साथ वाणिज्यिक परिसरों/भवनों में ऊर्जा बचत के प्रयास को और बेहतर किया जाए।
केंद्रीय विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राजकुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि यह प्रयास देश भर के आवासीय भवनों में ऊर्जा बचत के वर्तमान स्तर को और बेहतर करने में सहायक होंगे जिससे जीवन और टिकाऊ होगा। भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट होम इकोसिस्टम और किसी भी बुनियादी ढांचे में आवश्यकतानुरूप ऊर्जा खपत की व्यवस्था आने वाले वर्षों में एक निश्चित आवश्यकता होगी।
विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने इस प्रकार की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि अधिक ऊर्जा दक्षता का सीधा अभिप्राय घरों में ऊर्जा की खपत में कमी और कार्बन उत्सर्जन में कमी है। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई इन पहल के चलते भविष्य में एक बेहतर तथा और अधिक प्रभावी अवसीय परिसर उपलब्ध होंगे।
विद्युत मंत्रालय में सचिव श्री आलोक कुमार ने रेखांकित किया कि यह सभी पहल भारत की ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रही हैं और यह मॉडल दुनिया भर में अपनाया जाएगा।
आज जो पहल शुरू की गईं उनमें:
- इको निवास संहिता 2021 के अंतर्गत भवनों में कम से कम बिजली खपत प्रदर्शन आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष संहिता में कार्य पूर्ण किया जाएगा।
- वेब आधारित एक मंच “द हैंडबुक ऑफ रेप्लिकेबल डिज़ाइन फॉर एनर्जी एफ़िसिएंट रेज़िडेन्शियल बिल्डिंग्स” उपलब्ध होगी जिसका उपयोग भारत में कम ऊर्जा खपत वाले भवनों के निर्माण में एक उपयोगी और अपनाई जा सकने योग्य सूचनाओं और जानकारियों के श्रोत के रूप में किया जा सकेगा।
- ऊर्जा दक्षता वाले भवन निर्माण हेतु भवन निर्माण सामाग्री के लिए मानकीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण करने के उद्देश्य से भवन निर्माण सामग्री की एक ऑनलाइन डॉयरेक्टरी तैयार की जाएगी।
- निर्माण पुरस्कार (एनईईआरएमएएन यानि नेशनल एनर्जी एफिसिएन्सी रोडमैप फॉर मूवमेंट टूवर्ड्स एफोर्डेबल एंड नेचुरल हैबीटेट) की घोषणा की जाएगी जिसका उद्देश्य बीईई की ऊर्जा बचत भवन संहिता के अनुरूप तैयार असाधारण रूप से ऊर्जा बचत भवन प्रारूपों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- व्यक्तिगत उपयोग वाले भवनों में ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा बचत को बेहतर करने के लिए ऊर्जा दक्षता वाले घरों की रेटिंग के लिए ऑनलाइन स्टार रेटिंग टूल तैयार किया जा चुका है। यह पेशेवरों को अपने घरों में ऊर्जा दक्षता के सबसे उन्नत विकल्पों को अपनाने के लिए निर्णय करने में मदद करेगा।
- ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी) 2017 और इको निवास संहिता (ईएनएस) 2021 के अंतर्गत 15000 वास्तुकारों, अभियन्ताओं और सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के क्रम में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ भारत सरकार का प्रयास है। इस उत्सव के अंतर्गत विद्युत मंत्रालय 75 सप्ताह के दौरान 75 कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
बीईई के बारे में:
भारत सरकार ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के अंतर्गत 1 मार्च 2002 को किया था। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के अंतर्गत ऊर्जा की खपत में कमी लाने के उन सभी उपायों में सभी पेशेवरों की मदद करना है जो बाज़ार के सिद्धांतों के अनुरूप हों। यह उद्देश्य सभी हितधारकों की सहभागिता से प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के टिकाऊ उपायों को अपनाया जा सकेगा।
एमजी /एएम/ डीटी/ डीसी
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