विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

वैज्ञानिक अनुसंधान के नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है

Posted On: 02 JUL 2021 3:26PM by PIB Delhi

विज्ञान के नेतृत्व के रूप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। हाल ही में एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दो वर्षों में अनुसंधान परियोजनाओं का नेतृत्व करने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा है। इसमें चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।

हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गयी डायरेक्टरी ऑफ एक्स्ट्रामुरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) प्रोजेक्ट या बाह्य अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की निर्देशिका 2018-19 रिपोर्ट के अनुसार बाह्य अनुसंधान समर्थन (सहकर्मी-समीक्षा प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से समर्थन) प्राप्त करने वाले अनुसंधान में महिला प्रधान जांचकर्ताओं (पीआई) की भागीदारी 2016-17 के दौरान 24% थी जो 2018-19 के दौरान बढ़कर 28% हो गयी।

रिपोर्ट से यह भी पता चला कि केंद्र सरकार द्वारा समकक्ष-समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से बाह्य अनुसंधान एवं विकास समर्थन या अनुसंधान एवं विकास समर्थन 2018-19 में 2091.04 करोड़ रुपए था, इसकी तुलना में 2017-18 में यह 2036.32 करोड़ रुपए था--- इस तरह इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 54.72 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई। समर्थित परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, साथ ही पीआई की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2018-19 के दौरान 3,839 पीआई ने 4,616 परियोजनाओं में हिस्सा लिया, इसकी तुलना में 2017-18 में कुल 3,491 पीआई ने 4,137 परियोजनाओं में हिस्सा लिया था।

इस सहायता में से, 64 प्रतिशत परियोजनाएं आठ राज्यों को मिलीं, जिनमें तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन परियोजनाओं को कुल वित्त पोषण का 71% हिस्सा मिला।

22 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने संयुक्त रूप से अधिकतम 822 परियोजनाएं प्राप्त कीं जिनके लिए 449.25 करोड़ रुपए का सर्वोच्च वित्तीय समर्थन दिया गया। इसके बाद 26 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) ने संयुक्त रूप से 55.83 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ 191 परियोजनाएं प्राप्त कीं। सबसे अधिक वित्तीय सहायता इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी को मिली, जबकि सबसे अधिक परियोजनाएं जैविक विज्ञान के खाते में गयीं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने बाह्य अनुसंधान (ईएमआर) के लिए सबसे ज्यादा 1,392.21 करोड़ रुपए (67%) दिए, इसके बाद जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने सर्वाधिक 341.37 करोड़ रुपए (16%) दिए। दोनों विभागों ने मिलकर भारत में कुल बाह्य अनुसंधान एवं विकास के वित्त पोषण में 83% का योगदान दिया।

वैज्ञानिक और तकनीकी (एस एंड टी) गतिविधियाँ किसी देश के आर्थिक, सामाजिक और भौतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होती है और वित्त, प्रशिक्षित श्रम बल, कच्चे माल आदि जैसे दुर्लभ संसाधनों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल की भी जरूरत होती है। इसलिए, एस एंड टी के लिए समर्पित संसाधनों से संबंधित डेटा संग्रह और विश्लेषण महत्वपूर्ण महत्व रखता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वृद्धि, इसका प्रदर्शन, और समाज एवं अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव, योजना तथा नीति निर्माण की प्रभावशीलता का आकलन करने के संकेतक हैं।

बाह्य अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) परियोजनाओं का समर्थन देश में अनुसंधान और विकास और नवाचार को बढ़ावा देने, उत्प्रेरित करने तथा आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का एक सहकर्मी समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र है और यह अनुसंधान क्षेत्र में करियर बनाने के लिए वैज्ञानिकों को विशेष प्रोत्साहन देता है। मानव और संगठनात्मक संसाधन विकास केंद्र (सीएचओआरडी) प्रभाग, जिसे पहले डीएसटी के राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली (एनएसटीएमआईएस) प्रभाग के रूप में जाना जाता था, विभिन्न वैज्ञानिक एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित बाह्य अनुसंधान तथा विकास परियोजनाओं पर सूचनाओं का संकलन, विश्लेषण एवं प्रसार कर रहा है। सीएचओआरडी को देश में नीति नियोजन की खातिर वैज्ञानिक और तकनीकी गतिविधियों के लिए समर्पित संसाधनों पर निरंतर रूप से सूचना का आधार बनाने का कार्य सौंपा गया है।

केंद्र सरकार के चुनिंदा विभागों/एजेंसियों द्वारा वित्त पोषण के लिए अनुमोदित बाह्य अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की निर्देशिका 1990-91 से प्रतिवर्ष डीएसटी द्वारा प्रकाशित की जा रही है। वर्तमान निर्देशिका, श्रृंखला में 29वीं निर्देशिका है, यह सरकार की विभिन्न वैज्ञानिक एजेंसियों द्वारा वर्ष 2018-19 के दौरान वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए किए गए प्रयासों का परिणाम है। इस निर्देशिका में वर्ष 2018-19 के दौरान 16 वैज्ञानिक एजेंसियों/विभागों द्वारा वित्त पोषण के लिए अनुमोदित 4,616 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की जानकारी है।

 

विस्तृत रिपोर्ट : https://dst.gov.in/sites/default/files/EM_Directory_2018_19_0.pdf

             https://dst.gov.in/sites/default/files/EM_Directory_2017-18_0.pdf

 

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