कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू और कश्मीर में दूरगामी सुधार जैसे कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और ग्रुप सी व डी के पद हेतु साक्षात्कार के समापन समेत 800 से अधिक केंद्रीय कानून लागू हुए


माननीय मंत्री ने श्रीनगर में ‘सुशासन कार्यप्रणाली के अनुकरण’ विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें 10 राज्यों से 750 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और प्रबंध एवं लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान, जम्मू कश्मीर सरकार (आईएमपीएआरडी) 2000 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए मिलकर काम करेंगे

डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय सुशासन सूचकांक की तर्ज पर एक जिला शासन सूचकांक विकसित करने के लिए डीएआरपीजी- जम्मू कश्मीर सरकार के साथ आने की घोषणा की

Posted On: 01 JUL 2021 6:20PM by PIB Delhi

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंहने आज कहा कि जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त करने के बाद मोदी सरकार केकई दूरगामी सुधार जैसे कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और ग्रुप सी व डी के पद हेतु साक्षात्कार के समापन समेत 800 से अधिक केंद्रीय कानून राज्य में लागू हुए।

श्रीनगर में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी)द्वारा‘सुशासन कार्यप्रणाली के अनुकरण’ विषय पर आयोजित सेमी-वर्चुअल क्षेत्रीय सम्मेलनमें 10 राज्यों के 750 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसके उद्घाटन के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘मोदी सरकार पारदर्शिता और “सभी के लिए न्याय”को लेकर दृढ़संकल्पित है और पिछले सात साल में हुए सुधारों से जम्मू और कश्मीर व लद्दाख समेत पूरे देश को लाभ हुआ है।’

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू और कश्मीर में काफी समय से लंबित कैडर समीक्षा, सीएटी बैंच की स्थापना, आरटीआई अधिनियम के विस्तार, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) और प्रत्येक जिला मुख्यालय पर नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के माध्यम से सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित करने समेत जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा की गई कई शासन संबंधी पहलों का हवाला दिया। 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन कर्मयोगी के माध्यम से सरकार द्वारा चलाए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों के बारे में बताया जिसमें एनसीजीजी औरप्रबंध एवं लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान, जम्मू कश्मीर सरकार (आईएमपीएआरडी)मिलकर 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण करेंगे। उन्होंने शिकायत निवारण और प्रोबेशन अवधि पूरी होने पर सहायक सचिव के रूप में आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति में हुए भारी सुधारों के बारे में भी बताया। इसके अलावा उन्होंने भारत के अल्प-विकसित जिलों में शासन की गुणवत्ता में सुधार में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का हवाला भी दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन को पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कोविड के कुशल प्रबंधन के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार की तारीफ की और कोविड-19 महामारी में सामुदायिक प्रबंधन के लिए जम्मू और कश्मीर की आवाम को बधाई दी।  

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य अधिकारियों को बेहतरीन शासन कार्यप्रणाली से परिचित करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के प्रतिमान को अपनाया जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा और प्रशंसा हो रही है। पूरी दुनिया से सिविल सेवक इसका प्रशिक्षण लेने भारत आ रहे हैं। क्षेत्रीय सम्मेलन की प्रासंगिकता इस विचार से उत्पन्न हुई कि सरकार को विज्ञान भवन से बाहर निकलकर विभिन्न राज्यों के प्रशासकों तक पहुंचना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में हुए पिछले 3 सम्मेलनों की निरंतरता सहित सभी विषमताओं के खिलाफ श्रीनगर में 2 दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए डीएआरपीजी के अधिकारियों की प्रशंसा की। यह क्षेत्रीय सम्मेलन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के एक हफ्ते बाद, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने और विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इसका सम्मेलन के प्रस्ताव “बेहतर निजाम ए-हुकुमत” को अपनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है जो जम्मू और कश्मीर के सभी लोगों और क्षेत्रों के लिए न्याय को सुनिश्चित करेगा। 

इस अवसर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने डीएआरपीजी-जम्मू और कश्मीर सरकार के विभिन्न सहयोगों की घोषणा कीः

1.  राष्ट्रीय सुशासन सूचकांक की तर्ज पर जिला स्तर पर सुशासन सूचकांक का विकास करने के लिए।

2.  एनसीजीजी और आईएमपीएआरडी के सहयोग से 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण। 

3.  जम्मू और कश्मीर में हर साल शासन पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र में डीएआरपीजी की ई-मैगजीन ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस (एमजीएमजी)’जारी की जिसमें प्रशासनिक नवाचार पर लेख हैं। इस अवसर पर वह 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए एनसीजीजी और आईएमपीएआरडी के बीच समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान के भी साक्षी बने।

इस क्षेत्रीय सम्मेलन को जम्मू और कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, डीएआरपीजी सचिव श्री संजय सिंह, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार मेहता और डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास ने भी संबोधित किया।

सम्मेलन के आयोजन का समय 1-2 जुलाई 2021 है। इसमें 7 तकनीकी सत्र होंगे जिनमें केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर प्रशासनिक नवाचारों, स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, वार्षिक क्रेडिट प्लान पर फोकस किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में हुए कार्य को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस में जम्मू और कश्मीर में प्रशासनिक नवाचार पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।

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