सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई विभिन्न पहलों के कार्यान्वयन के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया
Posted On:
28 JUN 2021 4:04PM by PIB Delhi
एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि आत्मानिर्भर भारत के हिस्से के रूप में शुरू की गई विभिन्न पहलों के कार्यान्वयन के लिए चौतरफा प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में भारतीय एमएसएमई विषयवस्तु पर एक वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया। श्री गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की यात्रा में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, चमड़ा और जनजातीय उद्योग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान करते हुए कहा कि अनुसंधान, नवाचार और गुणात्मक सुधार औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस विशेष मौके पर एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने दूर-दराज के क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभों की पहुंच बढ़ाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पोर्टल के साथ उद्यम पंजीकरण पोर्टल की एकीकृत सेवाओं की शुरुआत की।
एमएसएमई व मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि मंत्रालय उत्पाद प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और एमएसएमई की वास्तविक क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से एमएसएमई की सहायता कर रहा है। उन्होंने आयात के विकल्पों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई को वर्तमान में डिजिटल उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जो भविष्य के लिए तैयार व्यवसाय के पुनर्निर्माण और तेजी से पुनरुद्धार के लिए एक नया मॉडल सुनिश्चित करेगा।
सचिव (एमएसएमई) और अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त (एमएसएमई) की अध्यक्षता में पैनल चर्चा के दौरान 2025 तक भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्यात प्रोत्साहन और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का उपयोग करने पर विशेष जोर दिया गया। दूसरे सत्र में ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन मार्केटिंग के हालिया उदय पर प्रकाश डाला गया, जिसका एमएसएमई क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ई-कॉमर्स को अपनाने से, एमएसएमई बढ़े हुए राजस्व और मार्जिन, बेहतर बाजार पहुंच, नए बाजारों तक पहुंच, विपणन खर्च में बचत, ग्राहकों पर बेहतर पकड़ और बेहतर ग्राहक अनुभव जैसे महत्वपूर्ण लाभ हासिल करने के लिए तैयार हैं। एमएसएमई मंत्रालय भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की दिशा में काम करने के लिए एमएसएमई और आने वाले उद्यमियों को अपेक्षित सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में भारतीय एमएसएमई विषयवस्तु पर वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय ने विभिन्न संगठनों के सभागिता से किया। इन संगठनों में इंडिया एसएमई फोरम, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, चमडा निर्यात परिषद और ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन हैं। इस सम्मेलन का आयोजन 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए विकास को बढ़ावा देने में एमएसएमई की भूमिका पर किया गया था।
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