जनजातीय कार्य मंत्रालय

जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय आजीविका पहल "संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन" की शुरुआत की


जगदलपुर, रांची, जमशेदपुर और सारनाथ में सात नए ट्राइब्स इंडिया आउटलेट का वर्चुअली उद्घाटन किया गया

इस मेगा-लॉन्च इवेंट में इम्युनिटी बूस्टिंग हैम्पर्स, ट्राइब्स इंडिया कॉफी टेबल बुक, नया ट्राइफेड हेड ऑफिस सहित अन्य मुख्य आकर्षण के केंद्र थे

Posted On: 15 JUN 2021 9:57PM by PIB Delhi

जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में ट्राइफेड प्रधान कार्यालय के नए परिसर में मेगा-लॉन्च कार्यक्रम "संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन" की शुरुआत की। इसके साथ उन्होंने सात नए ट्राइब्स इंडिया आउटलेट का उद्घाटन वर्चुअली किया जो जगदलपुर, रांची, जमशेदपुर और सारनाथ में हैं। इस मेगा-लॉन्च इवेंट में इम्युनिटी बूस्टिंग हैम्पर्स, ट्राइब्स इंडिया कॉफी टेबल बुक, नया ट्राइफेड हेड ऑफिस सहित अन्य मुख्य आकर्षण के केंद्र थे। इससे पहले कार्यक्रम में श्री अर्जुन मुंडा ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र, नई दिल्ली में नए परिसर का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में "संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन", सात नए ट्राइब्स इंडिया आउटलेट, वन धन वेबसाइट और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन, कॉफी टेबल बुक सहित कई अन्य कार्यक्रमों का उद्घाटन और शुभारंभ भी हुआ। लोकल फॉर वोकल और आत्मानिर्भर भारत पहल के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुरूप, ट्राइफेड कई काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य जनजातीय आबादी को स्थायी आजीविका का माध्यम उपलब्ध कराना है।

ये पहल हाइब्रिड मोड में यानी भौतिक रूप से और साथ ही वर्चुअली शुरू की गई थी। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके और प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री भास्कर खुल्बे इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए, जबकि जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री, श्रीमती रेणुका सिंह, सुश्री प्रतिभा ब्रह्मा, उपाध्यक्ष ट्राइफेड, सचिव जनजातीय मामलों, श्री अनिल झा, ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण और वरिष्ठ अधिकारी इस समारोह में उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री मुंडा ने कहा, "मुझे ट्राइफेड के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए और कुछ उल्लेखनीय पहलों का अनावरण करते हुए खुशी हो रही है, जैसे संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन। इस महत्वपूर्ण मिशन के कार्यान्वयन से निश्चित रूप से हमारे देश में जनजातीय सामाज में बड़ा परिवर्तन होगा। जनजातीय लोगों के लिए आज का दिन निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज ट्राइफेड टीम द्वारा पिछले वर्षों में लगातार किए गए ऐसे मूल्यवान प्रयासों के बेहतरीन परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यह सराहनीय है कि पिछले दो वर्षों के कठिन हालात के बावजूद जनजातीय कार्य मंत्रालय और ट्राइफेड की टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने कहा कि ''ट्राइफेड का लक्ष्य देश के संपूर्ण जनजातीय समुदाय को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम से जोड़ना है और निश्चित रूप से हम इस कार्यक्रम में सफलता प्राप्त करेंगे। इसके लिए हमें अपने उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लाना होगा। डिजिटलीकरण के बिना हम आज के बाजार में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आज के दौर में हम टेक्नोलॉजी को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। अगर हम टेक्नोलॉजी के साथ लेकर आगे बढ़ते हैं तो हमारी बाजार क्षमता और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। श्री मुंडा ने कहा, “ट्राइफेड को प्राकृतिक तरीकों से प्राकृतिक उत्पादों की मार्केटिंग करना चाहिए। ट्राइफेड की सबसे बड़ी ताकत प्राकृतिक उत्पाद हैं।''

इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि जनजातीय लोगों की आजीविका मूल रूप से वन संसाधनों पर आधारित है क्योंकि वे प्रकृति के पुजारी हैं और प्रकृति के अनुसार जीते हैं, उन्हें जंगल में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों का अच्छा ज्ञान है। इन वनों में मिलने वाली जड़ी-बूटियों का चिकित्सीय मूल्य सर्वविदित है। इसके अलावा आदिवासियों के पास बहुत अच्छा शिल्प कौशल भी है। लेकिन जनजातीय लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों को स्थानीय बाजार में अच्छी कीमत नहीं मिलती है। हालांकि, उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अत्यधिक मूल्य मिल सकता है। अब ट्राइफेड की नई पहलों की मदद से जनजातीय लोगों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक अच्छा मंच उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ट्राइफेड छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में ट्राइब्स इंडिया के आउटलेट शुरू करने के लिए बधाई का पात्र है।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह ने कहा, “रंगीन कॉफी टेबल बुक के माध्यम से आज जो नई उल्लेखनीय पहल की जा रही है, वह जनजातीय समाज के सशक्तिकरण के सभी पहलुओं का, चाहे वह जनजातीय जीवन शैली की समृद्धि के बारे में जागरूकता फैलाना हो या उनके द्वारा बनाए गए प्राकृतिक के साथ इम्युनिटी बूस्टिंग डिब्बा बंद उत्पाद के बारे में व्यापक विस्तार देने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि वन धन केंद्रों को महामारी के दौरान भी चालू रखा गया है और कठिन समय में जनजातीय लोगों की आजीविका सुनिश्चित की है।

 

प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री भास्कर खुल्बे ने ट्राइफेड टीम को उनके नए परिसर के लिए बधाई दी और कहा, "मुझे खुशी है कि जनजातीय आबादी को लाभान्वित करने वाली कई पहल आज शुरू की जा रही हैं।"

जनजातीय मामलों के सचिव, श्री अनिल कुमार झा ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका जनजातीय आबादी के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ट्राइफेड ने आजीविका के लिए सराहनीय और बड़ी परिवर्तनकारी पहल की है जो जनजातीय लोगों को आत्मानिर्भर बनाएगी।

ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा, “ट्राइफेड जनजातीय लोगों को आत्मनिर्भर और अपने दम पर खड़ा होने वाला बनाने की दिशा में अपने मिशन पर लगातार काम कर रहा है। यह इस संबंध में उठाए गए कदमों की एक झलक मात्र है। टीम इस दिशा में प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी।"

नया ट्राइफेड कार्यालय परिसर एनएसआईसी कॉम्प्लेक्स, ओखला औद्योगिक क्षेत्र, चरण- III, नई दिल्ली में लगभग 30,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है। यह कार्यालय अत्याधुनिक बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है और दो सम्मेलन कक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य नवीनतम सुविधाओं से युक्त हैं। इसमें जनजातीय मामलों के मंत्री, प्रबंध निदेशक, वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ऑफिस स्पेस है।

श्री मुंडा ने सात और ट्राइब्स इंडिया आउटलेट, जगदलपुर में 2, रांची में 3, जमशेदपुर में 1 और सारनाथ में 1 आउटलेट का भी उद्घाटन किया। देश भर के जनजातीय उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए, आउटलेट्स में विशिष्ट जीआई और वंधन कार्नर होंगे और देश के विभिन्न हिस्सों से जीआई टैग और प्राकृतिक उत्पादों की विशाल विविधता प्रदर्शित करेंगे। सारनाथ आउटलेट एएसआई विरासत स्थल पर संस्कृति मंत्रालय के साथ पहला सफल सहयोग है। इन आउटलेट्स के साथ, ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स की कुल संख्या 141 हो गई है।

आज सबसे उल्लेखनीय पहल जिसका अनावरण किया गया वह था "संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन"। ट्राइफेड जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण के लिए कई उल्लेखनीय कार्यक्रमों को लागू कर रहा है। पिछले दो वर्षों में, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वनोपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला के विकास ने जनजातीय इको सिस्‍टम को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप, उसी योजना का एक घटक, जनजातीय संग्रहकर्ताओं और वनवासियों और घर में रहने वाले जनजातीय कारीगरों के लिए रोजगार सृजन के स्रोत के रूप में उभरा है। दो साल से भी कम समय में, 37,362 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके), जिन्हें 2240 वन धन विकास केंद्र समूहों (वीडीवीकेसी) में शामिल किया गया है, में से प्रत्येक को 300 वनवासियों के लिए ट्राइफेड द्वारा स्वीकृत किया गया है, जिनमें से 1200 वीडीवीके क्लस्टर चालू हैं। इसके अलावा, वन धन केंद्रों के लाभार्थियों द्वारा खरीदे जा रहे विभिन्न वन उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए जगदलपुर और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में दो ट्राइफूड परियोजनाओं को शीघ्र ही चालू किया जा रहा है।

ट्राइफेड अब विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की विभिन्न योजनाओं को एक साथ लाकर अपने कार्यों का विस्तार करने और इसके कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए "संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन" के तहत विभिन्न जनजातीय विकास कार्यक्रमों को मिशन मोड में लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

इस मिशन के माध्यम से 50,000 वन धन विकास केंद्र, 3000 हाट बाजार, 600 गोदाम, 200 मिनी ट्राइफूड यूनिट, 100 कॉमन फैसिलिटी सेंटर, 100 ट्राइफूड पार्क, 100 स्फूर्ति क्लस्टर, 200 ट्राइब्स इंडिया रिटेल स्टोर, ट्राइफूड और ट्राइब्स इंडिया के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की स्थापना और ट्राइब्स इंडिया ब्रांड बनाने का लक्ष्य बनाया जा रहा है।

आज शुरू की गई अन्य पहलों में वन धन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन शामिल है। वन धन प्रस्तावों को ऑनलाइन प्राप्त करने और संसोधित करने के लिए डिजाइन किया गया, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन में जीआईएस एकीकरण है। यह वन धन परियोजना कार्यान्वयन गतिविधियों की निगरानी कर सकता है और संबंधित रिपोर्ट तैयार कर सकता है। आज एक डिजिटल कनेक्ट कार्यक्रम, जिसके तहत दोतरफा संचार प्रक्रिया स्थापित करने का प्रस्ताव है का भी शुभारंभ किया गया।

एक ट्राइब्स इंडिया कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया गया, जो समृद्ध सांस्कृतिक जनजातीय समाज की विरासत को प्रदर्शित करती है और विभिन्न कला और शिल्प का अभ्यास करने वाले विभिन्न जनजातीय कारीगरों की यात्रा पर प्रकाश डालती है। इसके साथ ही आज ट्राइफेड ने उनकी आजीविका को कैसे प्रभावित किया है, इसका भी अनावरण किया गया।

उपहार देने वालों के बीच ट्राइब्स इंडिया को अंतिम गंतव्य बनाने के मिशन के साथ, ट्राइफेड ने देश के विभिन्न हिस्सों से अद्वितीय हस्तशिल्प, जीआई उत्पादों और प्रतिरक्षा बूस्टर का एक हैम्पर संकलित किया है। आज अनावरण किए गए ये हैम्पर्स भारत और विदेशों दोनों में अद्वितीय उपहार बनेंगे। ट्राइफेड हस्तशिल्प और आय सृजन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय कारीगरों के विकास के लिए कौशल उन्नयन और डिजाइन विकास कार्यशालाएं भी प्रदान कर रहा है।

महामारी के दौरान आदिवासी कारीगरों के कौशल विकास के प्रयास किए गए और उत्पादों को विकसित करने के लिए 17 प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई जिससे 340 आदिवासी कारीगरों को लाभ मिला और 170 नए डिजाइन वाले उत्पाद विकसित हुएं। ऋषिकेश में बोक्सा आदिवासी कारीगरों और जयपुर में मीना आदिवासी कारीगरों के लिए हाल ही में पूर्ण डिजाइन कार्यशाला प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से पच्चीस नए डिजाइन किए गए उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है।

***

एमजी/एएम/एके/एसएस



(Release ID: 1727458) Visitor Counter : 410


Read this release in: Kannada , English , Urdu , Punjabi