कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऊधमपुर, जम्मू-कश्मीर की देविका परियोजना आस्था का विषय है और सभी दलों के सुझावों का स्वागत है
मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देविका नदी परियोजना के प्रगति की समीक्षा की और इस मॉडल परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए कहा
Posted On:
03 JUN 2021 7:36PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि देविका परियोजना सभी के लिए है इसलिए सभी दलों की ओर से आने वाले सुझावों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि देविका केवल परियोजना नहीं है बल्कि सभी लोगों के लिए आस्था का विषय है, विशेष रूप से ऊधमपुर के लोगों के लिए और इसलिए किसी भी ओर से आने वाले किसी भी सुझाव या इनपुट को सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए, चाहे सुझाव देने वाले व्यक्ति की कोई राजनीतिक संबद्धता या राजनीतिक दल से जुड़ाव ही क्यों न हो।
एक उच्च स्तरीय बैठक, जिसमें मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता, प्रधान सचिव आवास एवं शहरी विकास बोर्ड धीरज गुप्ता, डीसी उधमपुर इंदु कंवल छिब, संबंधित मुख्य अभियंता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने संबंधित अधिकारियों से अपील की कि वे समाज के सभी वर्गों को विश्वास में लें, जिससे प्रत्येक व्यक्ति इस सच्चाई पर सामूहिक गौरव को साझा कर सके कि उत्तर भारत में अपने प्रकार की पहली परियोजना ऊधमपुर में बन रही है और इसे इस प्रकार से लेकर आना होगा जिससे भविष्य में इसे पूरे क्षेत्र के लिए एक रोल मॉडल के रूप में देखा जाए। उन्होंने ऊधमपुर के उपायुक्त एवं संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे जनता एवं नागरिक समाज से आने वाले सुझावों के प्रति उदारता बरतें और जहां भी किसी सुझाव में महत्व या तर्क दिखता हो, उसे प्रतिष्ठा का विषय न बनाएं और न ही इसे अपनाने में कोई संकोच करें।
इस परियोजना का अभिप्राय और महत्व को देखते हुए इसकी तुलना केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नमामि गंगे से करते हुए, मंत्री ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की।
इस वर्ष जनवरी में परियोजना स्थल पर किए गए अपने दौरे को याद करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने काम की धीमी गति के लिए निराशा व्यक्त की थी लेकिन दुर्भाग्यवश कोविड की दूसरी लहर भी एक चुनौती रही है। हालांकि, उन्होंने आशा व्यक्त की कि अब जबकि क्रियान्वित एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय होने के साथ-साथ इसे पूरा करने वाली सभी चीजों को सुव्यवस्थित कर लिया गया है इसलिए अगले वर्ष की शुरुआत तक इस परियोजना को पूरा करना संभव हो सकेगा।
ठेकेदार एजेंसी और इंजीनियरिंग विंग के बीच समन्वय में कथित रूप से कमी से संबंधित समाचारों का उल्लेख करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछली बैठक के बाद ठेकेदार पर जुर्माना लगाया गया था और अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया था कि वे काम के निष्पादन में सर्वोत्कृष्ट समन्वय सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही मंत्री ने जोर देकर कहा कि काम की गुणवत्ता में किसी प्रकार के समझौते को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपने तकनीकी अनुभव के आधार पर अपना इनपुट प्रदान करते हुए, मुख्य सचिव अरुण मेहता ने मुख्य अभियंता से टेक्नोलॉजी न्यूट्रल मैकेनिज्म सुनिश्चित करने के लिए कहा और साथ ही उन्होंने परियोजना को निर्बाध गति के साथ और समय पर पूरा करने के लिए सरकार की ओर से धन की किसी प्रकार की कमी नहीं होने देने का भी आश्वासन दिया।
मार्च 2019 में, राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के अंतर्गत 190 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम शुरू किया गया था। परियोजना के अंतर्गत देविका नदी के किनारे स्नान "घाट" (स्थल) विकसित किए जाएंगे, अतिक्रमण हटाया जाएगा, प्राकृतिक जल निकायों को पुन: स्थापित किया जाएगा और श्मशान भूमि के साथ-साथ जलग्रहण क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।
इस परियोजना में 8 एमएलडी, 4 एमएलडी और 1.6 एमएलडी क्षमता के तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 129.27 किमी का सीवरेज नेटवर्क, दो श्मशान घाटों का विकास, सुरक्षा बाड़ और लैंडस्केपिंग, छोटे जल विद्युत संयंत्र और तीन सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल किए गए हैं। परियोजना के पूरा होने के बाद, नदियों के प्रदूषण में कमी आएगी और पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
देविका नदी का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व भी है क्योंकि हिंदुओं द्वारा इसे गंगा नदी की बहन के रूप में पूजा किया जाता है। पिछले वर्ष जून में, डॉ जितेंद्र सिंह ने ऊधमपुर में महत्वपूर्ण देविका पुल का भी उद्घाटन किया था। ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के अलावा, देविका पुल का उद्देश्य सेना के काफिले और वाहनों को भी सुगम मार्ग प्रदान करने में सहायता प्रदान करना है।
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