रेल मंत्रालय

चक्रवात के चलते रेलवे ने पूर्वी राज्यों से ऑक्सीजन एक्सप्रेस के संचालन को बढ़ाया


देश के विभिन्न भागों में राहत पहुँचाने के क्रम में 12 घंटे में 8 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 680 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन की आपूर्ति की

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश में 17239 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिलिवरी की

263 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी की और 1042 टैंकरों में देश के 14 राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की

अब तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4820 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1911 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1421 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1099 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 886 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1029 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई

Posted On: 25 MAY 2021 6:35PM by PIB Delhi

भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों को 1042 टैंकरों में लगभग 17239 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है।

यहाँ यह उल्लेखनीय है की अब तक 263 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है और विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन के रूप में राहत पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 2 ऑक्सीजन एक्सप्रेस 8 टैंकरों में 134 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर अपने निर्धारित गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी हैं।

बंगाल की खाड़ी पर बने चक्रवाती तूफान के और प्रभावी होने से पहले पिछले 12 घंटों के दौरान ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड से 8 ऑक्सीज़न एक्सप्रेस को 680 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ रवाना किया गया।

दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में प्रत्येक में ऑक्सीजन की आपूर्ति 1000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच गई है।

भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा जिन 14 राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अब तक की गई है उनके नाम हैं: उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम।

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4820 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1911 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1421 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1099 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 886 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1029 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई।

रेलवे ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नए मार्गों को भी चिन्हित किया है और आपात स्थिति में राज्यों की तरफ से आने वाली किसी भी तरह की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य की तरफ से उपलब्ध कराये जाते हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन पहुँचने का यह अभियान 31 दिन पहले 24 अप्रैल को शुरू किया गया था। पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर महाराष्ट्र पहुंची थी।

भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस, विभिन्न राज्यों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए इधर से उधर दौड़ रही है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस पश्चिम में हापा, बड़ौदा और मुंद्रा से तो पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से ऑक्सीजन लेकर सुव्यवस्थित और योजनबद्ध ढंग से उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में आपूर्ति कर रही है।

ऑक्सीजन आपूर्ति के रूप में यथासंभव और शीघ्र सहायता के लिए भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रहा है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। चालक दल बदलने जैसी तकनीकी आवश्यकताओं के लिए गाड़ी के ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सुचारु परिचालन के लिए उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।

यहाँ यह भी उल्‍लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए किए गए इन प्रबंधों के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य मालगाड़ियों के परिचालन और माल ढुलाई की गति में किसी तरह का व्यवधान ना आए।

ऑक्सीजन की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगी।

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