ग्रामीण विकास मंत्रालय

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण समुदायों की मदद के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने एसआरएलएम स्टाफ को प्रशिक्षित किया


राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत राज्यों, जिलों और ब्लॉक के लगभग 14,000 कर्मचारियों को विशेषज्ञों के रूप में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया

प्रशिक्षण में कोविड-19 यथोचित व्यवहार, टीके, स्वास्थ्य की देखभाल एवं प्रतिरक्षा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित

दिनांक 16 मई तक करीब ढाई करोड़ एसएचजी सदस्यों, सामुदायिक कार्यकर्ताओं, सीआरपी, सोशल एक्शन कमेटियों तथा सीएलएफ पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है

Posted On: 20 MAY 2021 6:11PM by PIB Delhi

कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत अपने अंतर्गत 34 प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण की शुरुआत की है। यह एसआरएलएम कर्मचारियों को दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के नेटवर्क के तहत 69 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए प्रशिक्षण शुरू करने हेतु योग्य बनाने के लिए था। प्रशिक्षण कोविड-19 यथोचित व्यवहार, कोविड-19 टीके, स्वास्थ्य संबंधी देखभाल और प्रतिरक्षा निर्माण पर केंद्रित था। यह प्रशिक्षण दिनांक 9 से 12 अप्रैल, 2021 के दौरान कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की आपात प्रतिक्रिया के रूप में आयोजित किया गया था। एसआरएलएम में राज्य, जिला और ब्लॉक के लगभग 14,000 कर्मचारियों को ऑन-लाइन प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों के रूप में प्रशिक्षित किया गया।  दिनांक 7 से 11 मई, 2021 के दौरान कोविड के हल्के तथा अलाक्षणिक मामलों के घर में प्रबंधन और अन्य संबंधित मुद्दों पर एक अन्य सत्र भी आयोजित किया गया। एसआरएलएम ने सामुदायिक विशेषज्ञ व्यक्ति (सीआरपी) के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया है जो जमीनी स्तर पर जागरूकता सृजन तथा सूचना साझा करने के लिए मुख्य व्यक्ति के रूप में काम कर रहे हैं।

इस दौरान आयोजित सत्रों में कोविशील्ड और कोवैक्सिन टीके लगवाने से जुड़ी जानकारी और आवश्यक प्रमाणन प्राप्त करने के बारे में जानकारी पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने टीके के उपयोग पर आशंकाओं से निपटने के लिए दोनों टीकों से महसूस दुष्प्रभावों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित अफवाहों के बारे में प्रतिभागियों से जानकारी ली गई और उन्हें दूर किया गया। एसएचजी स्तर तक प्रशिक्षण के संचालन के लिए राज्य की टीमों के साथ मानक रिसोर्स सामग्री भी साझा की जाती है। 16 मई, 2021 तक लगभग 2,47,09,348 एसएचजी सदस्यों, 1,39,612 सामुदायिक कार्यकर्ताओं, 1,20,552 सीआरपी, 11,833 सामाजिक कार्य समितियों तथा 41,336 सीएलएफ पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रतिभागिय और समूह में बैठकें आयोजित करने पर जारी प्रतिबंधों के बीच सामने आई चुनौतियों को साझा करने तथा लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हेतु उठाए गए कदमों के दौरान मिले अनुभवों एवं विचारों का आदान प्रदान करने का अवसर मिला। प्रशिक्षण के दौरान झज्जर, हरियाणा के एम्स में कोविड-19 मरीजों के साथ काम करने वाले विशेषज्ञ से बातचीत का भी आयोजन किया गया। प्रतिभागी डबल मास्क, टीकाकरण, कोविड-19 पश्चात की जाने वाली देखभाल आदि के बारे में अपनी शंकाएं स्पष्ट कर पाए।

भारत सरकार की प्रमुख गरीबी उन्मूलन योजना के रूप में, दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) को सबसे गरीब परिवारों की महिलाओं के साथ काम करना अनिवार्य है। इन सत्रों में उचित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया है जिनका लाभ ग्रामीण परिवारों की महिलाओं द्वारा बीमारी और आजीविका संबंधी नुकसान होने से मिले आर्थिक झटकों से निपटने के लिए किया जा सकता है। 

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