विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह किफायती तकनीक के लिए उद्यमिता की भावना में वृद्धि को रेखांकित करते हैं

Posted On: 11 MAY 2021 1:51PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह ने किफायती स्वदेशी उपायों को विकसित करने के लिए उद्यमिता की भावना में वृद्धि को रेखांकित किया।

यह दिवस भारत के प्रौद्योगिकीय नवाचारों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। हर साल ऐसे ही नवाचारों के शिल्पकारों को सम्मानित करके इस दिवस को याद किया जाता है। हर साल इस दिन कई अनुसंधानकर्ताओं और उद्यमियों को पुरस्कार दिए जाते हैं।

वर्ष 2021 के लिए, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने तीन श्रेणियों के तहत राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किया और कड़े मूल्यांकन की दो स्तरीय प्रक्रिया के बाद कुल 15 विजेताओं का चयन किया गया। मूल्यांकन करने वाले समूह के सदस्यखुद प्रख्यात वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद् थे।

हर साल, अपने विचारों को आगे बढ़ाने के लिए, टीडीबी तीन श्रेणियों - राष्ट्रीय पुरस्कार, एमएसएमई पुरस्कार और स्टार्टअप पुरस्कारों- के तहत प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगता है। ये पुरस्कार अभिनव स्वदेशी तकनीक के सफल व्यावसायीकरण के लिए विभिन्न उद्योगों को प्रदान किए जाते हैं। यह वार्षिक सम्मान उन भारतीय उद्योगों और उनके प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को मान्यता प्रदान करने का एक मंच प्रदान करता है, जो नवाचारों को बाजार में लाने के लिए मेहनत करते हैं और "आत्मनिर्भर भारत" की परिकल्पना को साकार करने में योगदान करते हैं।

टीडीबी भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाला एक वैधानिक निकाय है, जोकि स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण या व्यापक घरेलू अनुप्रयोगों के लिए आयातित प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन के लिए भारतीय उद्यमों और अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 1996 में अपनी स्थापना के बाद से, टीडीबी ने प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए 300 से अधिक कंपनियों को वित्त पोषित किया है।

वर्ष 2020-21 के लिए तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है: -

 

श्रेणी 1

स्वदेशी तकनीक के सफल व्यावसायीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

यह पुरस्कार एकऐसे उद्यम को दिया जाता है जिसने स्वदेशी तकनीक का सफलतापूर्वक विकास और व्यवसायीकरण किया हो। प्रौद्योगिकी का विकास करने वाला/प्रदाता और प्रौद्योगिकी का व्यवसाय करने वाली कंपनी के अलग-अलग होने की स्थिति में,दोनों में से प्रत्येक 25 लाख रुपये के पुरस्कार और एक ट्रॉफी का पात्र होता है।

इस वर्ष दो कंपनियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है: -

  1. मेसर्स बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड, मुंबई

बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड ने विभिन्न प्रकार के सौर ग्लास, जोकि2 मिलीमीटरकी मोटाई वाले पूर्ण रूप से टेम्पर्ड सौर ग्लास हैं और जिन्हें उच्च शक्ति वाले ग्लास-ग्लास बाईफेसियल मॉड्यूल में इस्तेमाल किया जा रहा है, का उत्पादन करने के लिए एक अत्याधुनिक उत्पादन तकनीक विकसित की है। सेलीनसौर पीवी प्रतिष्ठानों के लिए एक चमक- रोधी सौर ग्लास है। इस कंपनी ने यूरोपीय बाजारों में 2.0 मिलीमीटर और 2.5 मिलीमीटर की मोटाई वाले पूर्ण रूप से टेम्पर्ड ग्लास की आपूर्ति शुरू कर दी है और इसका लक्ष्य निकट भविष्य में सौर ग्लास उत्पादन के 5.0 गीगावॉट तक के बराबर की उत्पादन क्षमता विकसित करना है।

  1. मेसर्स रैना इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई

इस कंपनी ने टेक्सटाइल प्रबलित कंक्रीट (टीआरसी) का स्वदेशी रूप विकसित कर लिया है और  यह भवन और निर्माण क्षेत्र के लिए कपड़ा प्रबलित कंक्रीट प्रीकास्ट तत्वों के निर्माण और उनकी बिक्री से जुड़ा है। कपड़ा सुदृढीकरण संरचनाओं को विशेष रूप से बिल्डिंग मेंबर में परिणामी तनावों को वहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन्नत सामग्री और इससे जुड़ी विनिर्माण की नई प्रौद्योगिकियां कंक्रीट की खपत को कम करती हैं, निर्माण घटकों की ऊर्जा को सन्निहित करती हैं, जीवन के अंत वाले कचड़े को कम करती हैं और इस सामग्री का उपयोग नए और साथ ही रेट्रोफिटिंग के कार्यों के लिए किया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में टीआरसी का उपयोग किया जाता है उनमें फ़लक के तत्व, स्मार्ट सिटी के लिए सड़क के फर्नीचर और डिजाइनर संरचनाएं, अंतर्देशीय जलमार्ग सहित समुद्री और तटीय बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

Ms Borosil Renewable Limited, Mumbai.png   Ms Raina Industries Private Limited, Mumbai.png

श्रेणी 2

एमएसएमई श्रेणी के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार

इस श्रेणी में चयनित वैसे लघु एवं मध्यम उद्यमों में से प्रत्येक को 15 लाख रुपयेका पुरस्कार दिया जाताहै जिन्होंने स्वदेशी तकनीक के आधार पर उत्पाद का व्यवसायीकरण सफलतापूर्वक किया है। इस साल तीन कंपनियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है: -

  1. मेसर्स प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम। इस कंपनी ने स्वदेशी तापमान नियंत्रित दवा की ढुलाई में उपयोग लाए जाने वाले एक बॉक्स, "सेलश्योर", को विकसित किया है। इस प्रणाली का केन्द्रीय अवयव फेज चेंजमटेरियल (पीसीएम) तकनीक है जो नियंत्रित तापमान की एकरूपता को सुनिश्चित करता है। दवाओं वाले बॉक्स में सटीक तापमान नियंत्रण और 100 घंटे से अधिक समय तक की टिकाऊ क्षमता से गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलती है और टीकेएवं दवाएं पूरी तरह से खराब होने से बच सकते हैं।
  2. मेसर्स इनटोट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कोच्चि। बाजार में उपलब्ध मौजूदा डिजिटल रेडियो प्रसारण रिसीवर उपायों को डिमॉड्यूलेशन और चैनल डिकोडिंग जैसे जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए समर्पित चिप्स की आवश्यकता होती है। चिप की ऊंची लागत और हार्डवेयर के डिज़ाइन के कारण अंतिम उत्पाद की लागत बहुत अधिक हो जाती है। मेसर्स इनटोट ने भारत और अमेरिका में पेटेंट किए गए अपने खुद के सुधारों के साथ सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो की अवधारणा पर आधारित डिजिटल प्रसारण रेडियो रिसेप्शन के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाला और किफायतीउपाय विकसित किया है। इनटोट के इस उपाय से दुनिया भर में डिजिटल रेडियो रिसीवर निर्माताओं को कम लागत वाले डिजिटल रेडियो वेरिएंट के साथ बाजार में उतरने में मदद मिलेगी।
  3. मैसर्स ओलीन लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई। इस कंपनी ने अदरक से निकाले गये एक चूर्ण (पाउडर), जिन्फोर्टटीएम को विकसित किया, जो कि जिंजरॉइड्स (>26% कुल जिंजरोल्स) की अधिक मात्रा के लिए मानकीकृत है, जो पेटेंटेड एक़ुओसोम®तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है। इस उत्पाद का पेटेंट भारत और अमरीका में दिया गया है। एक़ुओसोम®तकनीक अदरक ओलेरोसिन से चूर्ण अदरक निकालने के लिए उपलब्ध पारंपरिक प्रौद्योगिकियों की तुलना में अनूठा और श्रेष्ठ है। एक़ुओसोम® तकनीक एक्ससीपीएंट्स के न्यूनतम उपयोग के साथ तरल ओलेरोसिन को चूर्ण में परिवर्तित करती है और उच्च शुद्धता एवं कम दुष्प्रभाव वाला बनाती है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया विलायक मुक्त है, जो उत्पाद और पर्यावरण की सुरक्षा में वृद्धि करती है। जिन्फोर्ट को अपच की उपचार में नैदानिक रूप से मान्य किया गया है।

श्रेणी 3

प्रौद्योगिकी स्टार्ट - अप श्रेणी के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार

यह पुरस्कार व्यावसायीकरण की क्षमता से लैस नई तकनीक का वादा करने वाले एक प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को दिया जाता है। इस पुरस्कार में एक ट्रॉफी के अलावा 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी शामिल है। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए दस स्टार्ट-अप का चयन किया गया है। ये स्टार्ट-अप निम्नलिखित हैं: -

  1. मेसर्स प्रोफिशिएंट विज़न सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, खड़गपुर। प्रोफेशनल विज़न सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने क्लियर विज़न:रियल-टाइम रिमूवल ऑफ़ बैड वेदर (अर्थात बारिश और कोहरा) इफेक्ट्स फ्रॉम वीडियो नामक एक उत्पाद विकसित किया है। इस उत्पाद का प्रस्तावित एल्गोरिदम अन्य सभी रंगों के घटकों पर काम करने वाले अन्य तरीकों के विपरीत केवल वीडियो के तीव्रता केघटक पर ही काम करता है। इसमें बारिश और कोहरे को हटाने के लिए लगातार कम वीडियो फ्रेम की अपेक्षाकृत संख्या की भी जरूरत होती है। वास्तविक समय में वर्षा और कोहरे को हटाने से सेल्फ-स्टीयरिंग, ट्रैफिक सिग्नल रिकग्निशन जैसे विभिन्न कार्यों के प्रदर्शन में सुधार हो सकता है और विभिन्न परिवहन सेवाओं में होने वाली देरी को कम किया जा सकता है।
  1. मेसर्स आईरोव (आइरोव टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड) केरल।आईरोव मालिकाना उत्पाद आईरोव ट्यूना-आरओवी (दूर से संचालित वाहन) का उपयोग करके पानी के नीचे निरीक्षण की उन्नत सेवाएं प्रदान करता है। आईरोवी ट्यूना जलमग्न संरचनाओं का दृश्य निरीक्षण/सर्वेक्षण करने वाला एक माइक्रो-आरओवी है। यह पानी के नीचे 200 मीटर की गहराई तक काम करने वाला एक किफायती हस्तक्षेप है। इस उत्पाद में सोनार, एनडीटी परीक्षण उपकरण आदि जैसे बाहरी सेंसर जोड़ने का भी प्रावधान है। इस उत्पाद का उपयोग बांध निरीक्षण, जहाज पतवार निरीक्षण, मछली फार्म निरीक्षण, बंदरगाह संरचना निरीक्षण, पुल के नींव का निरीक्षण आदि के लिए किया जा सकता है।
  2. मेसर्स फेबहेड्स ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई। परंपरागत रूप से, कार्बन फाइबर सामग्री के साथ विभिन्न भागों को बनाना बहुत महंगा, श्रमसाध्य और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है। फैबहेड्स की स्वदेशी कार्बन फाइबर लेअप तकनीक इस सामग्री के साथ विनिर्माण की पूरी प्रक्रिया को स्वचालित करके इस समस्या को हल करती है। कंपनी की 3-डी प्रिंटर की फाइब्रोट श्रृंखला उपयोगकर्ताओं को 3-डी प्रिंट मजबूत हल्के भागों की अनुमति देती है जोकि ड्रोन, ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, मरीन आदि क्षेत्रों में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। यह तकनीक फेब्रिकेशन के पारंपरिक तरीकों की तुलना में सामग्री के अपव्यय को कम करते हुए इसे किफायती बनाती है।
  3. मेसर्स प्लाबेलटेक प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल। इस कंपनी ने ग्लाइ-टैग®प्लेटफॉर्म विकसित किया है। ये लेड एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट्स (एडीसी) एंटीजन पॉजिटिव स्तन कैंसर की कोशिकाओं के प्रति चयनात्मक एंटी-प्रोलिफ़ेरेटिव गतिविधि का प्रदर्शन करते हैं। वे स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना बहुत कम सांद्रता में स्तन कैंसर की कोशिकाओं को लक्षित करते हैं और आक्रामक प्रकार के एचईआर -2 पॉजिटिव स्तन कैंसर वाले रोगियों के लिए मददगार साबित होते हैं।
  4. मेसर्स ब्रीद एप्लाइड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, बंगलुरू।ब्रीद नेप्रायोगिकस्तर पर प्रयोगशाला के पैमाने पर कार्बन डाइऑक्साइड(CO2)को मेथनॉल में रूपांतरण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। उन्होंने रूपांतरण इकाई (वेपरफेज प्लग फ्लो रिएक्टर) को ग्राम स्केल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की क्षमता के साथ प्रति दिन 300 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग के हिसाब सेतैयार कर दिया है।
  5. मेसर्स साइरन एआईसॉल्यूशंस, दिल्ली। इस कंपनी ने एक अनूठे और पेटेंट किए गए आविष्कार- बुद्धि एआई डीआईवाई किट® (बुद्धिका अर्थ है "बिल्ड अंडरस्टैंड डिज़ाइन डिप्लोम ह्यूमन-लाइक इंटेलिजेंस") को विकसित किया है। यह एक इंटरएक्टिव डीआईवाई (डू-इट-योरसेल्फ) एजुकेशनल किट है, जिसका इस्तेमाल एआई की क्षमताओं, एआई की मूल बातों और एआई-बेस्ड रियल-वर्ल्ड प्रोजेक्ट्स को बिना पूर्व डोमेन नॉलेज के जल्दी से सीखने के लिए किया जा सकता है।
  6. मेसर्स थेरानुटिलस प्राइवेट लिमिटेड, बंगलुरू। थेरानुटिलस के उपकरण का उपयोग डेंटिनल नलिकाओं के अंदर अपने लक्ष्य के लिए नैनोरोबोट्स को निर्देशित करने के लिए किया जा सकता है। एक बार जब नैनोरोबॉट्स बैक्टीरिया के संक्रमण स्थल पर पहुंच जाते हैं, तो वे अपने जीवाणुरोधी तंत्र को तैनात करने के लिए दूर से सक्रिय हो सकते हैं। यह नवीन उपाय रूट कैनाल की विफलता को कम करता है।वर्तमान में वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष की जाने वाली लाखों रूट कैनाल उपचार प्रक्रिया 14-16% तक रोगियों के लिए कष्टदायक होता है।
  7. मेसर्स सिन्थेरा बायोमेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, पुणे। इस कंपनी ने पोरोसिन®बायोएक्टिव सिंथेटिक बोन ग्राफ्ट का उत्पादन किया है जिसे ग्रेन्युल और ब्लॉक रूप में विकसित किया गया है और चोटों, बीमारी और जन्मजात विकृति के कारण शरीर के भीतर हड्डी के नुकसान वाले क्षेत्रों में हड्डी को फिर से बनाने और मरम्मत करने के लिए शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं में उपयोग किया जाता है। पोरोसिन की तकनीक का भारत में पेटेंट कराया गया है और अमेरिका, यूरोप, चीन और दक्षिण कोरिया में पेटेंट के आवेदन दाखिल किए गए हैं।
  8. मेसर्स मल्टी नैनो सेंस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर। मल्टी नैनो सेंस टेक्नोलॉजीज (एमएनएसटी) प्राइवेट लिमिटेड ने हाइड्रोजन सेंसर, ठोस इलेक्ट्रोलाइट और नोवेल रेफेरेंस इलेक्ट्रोड ('एसएसईसी टेक्नोलॉजी') के साथ सॉलिड स्टेट इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर विकसित किए हैं और हाइड्रोजन संवेदन में उत्प्रेरक दहन और क्रॉस सेंसिटिविटी, इंटरफेरेंस आदि जैसे धातु ऑक्साइड के अर्द्धचालकों के साथ पारंपरिक प्रौद्योगिकियों को पेश आने वाली कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान किया।एमएनएसटी ने एक पेटेंट प्लेटफॉर्म, सीएमओएस एमईएमएस ओमनी-गैस सेंसिंग टेक्नोलॉजी ('एमईएमएस टेक्नोलॉजी') विकसित की है। एमईएमएस तकनीक संभावित रूप से विश्लेषण कर सकती है, गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से, एक एमईएमएस माइक्रो-कॉलम के साथ युग्मित किए जाने पर विभिन्न गैसों और पॉकेट GC के रूप में संभावित रूप से कार्य कर सकती है। यह शत–प्रतिशत शुद्धता तक उच्च स्तर की विश्वसनीयता, चयनात्मकता और सटीकता के साथ माइक्रोसेकंड के भीतर प्रतिक्रिया दे सकती है।
  9. मेसर्स नोकरार्क रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, पुणे। नोकरार्क रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने एसआईआईसी आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर पूरी तरह काम करने में सक्षम एक  स्वदेशी वी310 आईसीयू वेंटिलेटर का डिजाईन तैयार किया और उसे विकसित किया और कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए उसका वाणिज्यिककरण किया। नोकरार्क वी310 चिकित्सकीय रूप से मान्य और आईईसी 60601-1 मानकों के लिए प्रमाणित है। इस कंपनी ने नोकरार्क एच210 नाम का एक उच्च प्रवाह ऑक्सीजन थेरेपी उपकरण भी विकसित किया है जो नाक के इंटरफ़ेस के माध्यम से उच्च प्रवाह वाली गर्म और आर्द्र ऑक्सीजन युक्त हवा प्रदान करके रोगी को कम गंभीर चरण में श्वसन सहायता प्रदान करता है। यह उपकरण आईईसी 60601-1 और आईईसी 60601-1-2 मानकों के लिए प्रमाणित है।

अनुलग्नक 

एमएसएमई श्रेणी के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार

 

 

Ms Pluss Advanced Technologies Pvt Ltd.pngMs Inntot Technologies Pvt Ltd.png

Ms Olene Life Sciences Private Limited.png

प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप श्रेणी के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार

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