स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
डॉ हर्षवर्धन ने केंद्रीय बजट2021-22के स्वास्थ्य परिव्यय में 137% वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया
"इस बार स्वास्थ्य और सेहत केंद्रीय विषय; ध्यान समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है"
कोविड के साथ देश की एक वर्ष की लड़ाईके अनुभवों ने केंद्रीय बजट को आकार देने में भूमिका निभाई है: भारत केस्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को जबरदस्त बढ़ावा देने पर डॉ हर्षवर्धन
"प्रतिरक्षण का प्रावधान करने से 50,000 बच्चों की मौतें रुकेंगी"
Posted On:
01 FEB 2021 4:52PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन नेप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमणके प्रति कृतज्ञता जताते हुए स्वास्थ्य एवं सेहत की बेहतरी को भारत की शासनप्रणाली के केंद्र में लाने के लिए उनका धन्यवाद अदा किया, ऐसे समय जब देशकोविड के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा है तथा टीबी से मुक्ति दिलाने व बारह प्रकारके संचारी रोगों से बच्चों का प्रतिरक्षण करने का लक्ष्य रख रहा है।
मंत्री महोदय ने कहा, बजट 2021 में स्वास्थ्य अवसंरचना परनिवेश 2.37 गुना या 137 प्रतिशत बढ़ा है । स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल आवंटन 2,23,846 करोड़ रुपये होने के साथ तीन क्षेत्रों- निवारक स्वास्थ्य, उपचारात्मक स्वास्थ्य और समग्र स्वास्थ्य की बेहतरी को मजबूत करने पर ध्यानकेंद्रित करना इस महत्वपूर्ण मोड़ पर देश के लिए बहुत मदद करेगा ।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकारने एक बार फिर कोविड-19 के समय में न केवल राहत प्रदान करने की प्रतिबद्धताको पूरा किया है बल्कि इस संकट को और अधिक विकास के अवसर में बदल दिया है ।
उन्होंने जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) के दूसरेचरण और स्वच्छ वायु पहल पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने पर भी अपनी ख़ुशीव्यक्त की- जो पहल भारत के नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य को लक्षित करती हैक्योंकि ये योजनाएं संचारी रोगों के बोझ को कम करने के लिए उनके संचरण परअंकुश लगाने और प्रदूषण के कारण होने वाले लोगों को रोकने के लिए बनाई गईहैं।
डॉ हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ भारत योजनाकी सराहना की । उन्होंने कहा कि 6 वर्षों में 64,180 करोड़ रुपये केपरिव्यय के साथ इस योजना से प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल, स्वास्थ्य संबंधी देखभाल प्रणालियों की क्षमताएं विकसित होंगी, नए और उभरतेरोगों का पता लगाने और उनके उपचार हेतु संस्थान विकसित होंगे और मौजूदाराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को इससे स्वतंत्र रूप से मज़बूत किया जा सकेगा ।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस योजना से 17000 ग्रामीण और 11000 शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र मजबूत होंगे, सभी जिलों में एकीकृत जनस्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी और 11 राज्यों में 3,382 ब्लॉक जनस्वास्थ्य इकाइयां स्थापित होंगी, 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों मेंक्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे।
कोविड महामारी को नियंत्रित करने में एनसीडीसी और अन्यसार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा निभाई गई विशाल भूमिका को याद करतेहुए उन्होंने आगे कहा, "नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में अब 5 क्षेत्रीयशाखाएं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयां होंगी । कोविड के साथ देशकी वर्ष भर की लड़ाई के अनुभवों ने केंद्रीय बजट को आकार दिया है । इससेभारत के स्वास्थ्य सबंधी बुनियादी ढांचे को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा । इसकेबाद उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य के दायरे में भारी वृद्धि के बारे मेंविस्तार से बताया जिसमें सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़नेके लिए सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों तक एकीकृत स्वास्थ्य सूचनापोर्टल का विस्तार, 32 एयरपोर्ट्स, 7 बंदरगाहों, एवं 7 लैंड क्रासिंग केप्रवेश बिंदुओं पर 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का संचालन तथा 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का सुदृढ़ीकरण करना, 15 आपातकालीनशल्यक्रिया केंद्रों और दो मोबाइल अस्पतालों की स्थापना, नैशनल इंस्टिट्यूटऑफ वन हेल्थ की स्थापना, विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशियाक्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय अनुसंधान हेतु मंच की स्थापना औरराष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की तर्ज पर 9 जैव सुरक्षा लेवल III प्रयोगशालाएं और 4 क्षेत्रीय संस्थानों का गठन शामिल है।
टीकाकरण के माध्यम से कोविड एवं अन्य संचारी रोगों और उनकीरोकथाम पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "कोविड-19 टीकाकरण अभियान का उद्घाटनमाननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिनांक 16 जनवरी को किया थाऔर वर्तमान में स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और अग्रिम कर्मियों को यहटीका दिया जा रहा है; प्राथमिकता पिरामिड के साथ दूसरों को आने वाले समयमें टीका लगाया जाएगा । केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसके लिए 35,000 करोड़रुपये आवंटित किए हैं और यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह और धनराशिमुहैया कराएंगे जिससे देश का मनोबल काफी बढ़ेगा । इसी प्रकार न्यूमोकोकलवैक्सीन, जो वर्तमान में 5 राज्यों तक सीमित है, को भी देश भर मेंविस्तारित किया जाएगा । इससे सालाना 50,000 से अधिक बच्चों की मौतें टलजाएंगी।
स्वास्थ्य की समग्र प्रकृति पर बोलते हुए डॉ हर्षवर्धन नेमिशन पोषण 2.0 पर प्रकाश भी दिया जो पोषण सामग्री, वितरण, आउटरीच औरप्राप्त परिणामों को बेहतर करेगा । इससे अनुपूरक पोषण कार्यक्रमों और पोषणअभियान का विलय होगा और 112 आकांक्षी जिलों में पोषण परिणामों में सुधार केलिए रणनीति अपनाने और तेज करने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सांस की बीमारियों को कम करनेमें स्वच्छ हवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की बढ़तीसमस्या से निपटने के लिए इस बजट में दस लाख से अधिक आबादी वाले 42 शहरीकेंद्रों के सुधार के लिए 2,217 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गयाहै। उन्होंने आगे कहा कि शहरी भारत के और अधिक स्वच्छता के लिए बजट में मलके पूर्ण प्रबंधन एवं अपशिष्ट जल उपचार, कचरे के स्रोत पृथक्करण, एकलउपयोग वाले प्लास्टिक में कमी, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों से अपशिष्टका प्रभावी प्रबंधन करके वायु प्रदूषण में कमी और सभी डंप स्थलों केजैव-उपचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है । शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को2021-2026से 5 वर्षों की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय आवंटन के साथ लागू किया जाएगा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ जल, स्वच्छता और स्वच्छ पर्यावरण के महत्व पर अनेक बार जोर देते हुए मंत्रीमहोदय ने कहा, केंद्रीय बजट में जल जीवन मिशन (शहरी) शुरू करने की घोषणा कीगई है । इसका लक्ष्य 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन के साथ-साथ 500 अमृत (AMRUT) शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ सभी 4,378 शहरी स्थानीयनिकायों में सार्वभौमिक जल आपूर्ति करना है। इसको 5 वर्षों की अवधि मेंलागू किया जाएगा जिसमें 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा।
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एमजी/एएम/ एबी
(Release ID: 1709511)
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