सूचना और प्रसारण मंत्रालय
सत्यजीत रे के 100 वर्षों का जश्न मनाने के लिए अभिनेता धृतिमान चटर्जी ने 51वें आईएफएफआई में विशेष सेग्मेंट का उद्घाटन किया
जाने-माने बंगाली फिल्म अभिनेता धृतिमान चटर्जी ने 51वें आईएफएफआई, गोवा में फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की फिल्मी दुनिया पर प्रकाश डालने वाले सेग्मेंट का उद्घाटन किया।
धृतिमान चटर्जी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1970 में सत्यजीत रे की 'प्रतिवंद्दी' फिल्म के नायक के रूप में की थी।
सत्यजीत रे को श्रद्धांजलि अर्पित करने के क्रम में आईएफएफआई में सत्यजीत रे की निम्नलिखित पांच फिल्लों का प्रदर्शन किया जाएगाः
- चारुलता (1964) - समीक्षकों द्वारा प्रशंसा पा चुकी यह फिल्म रबींद्रनाथ टैगोर की पौराणिक रचना पर आधारित है और एक अकेली युवा पत्नी की कहानी बताती है।
- घरे बाइरे (1984) – यह फिल्म बंगाल के विभाजन की पृष्ठभूमि के मद्देनज़र एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसमें महिला नायिका को दो विरोधी विचारधाराओं के बीच फंसा हुआ दिखाया गया है।
- पाथेर पांचाली (1955) – सत्यजीत रे की तीन फिल्मों की श्रंखला में यह पहली फिल्म है। यह फिल्म बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय द्वारा लिखित एक उपन्यास पर आधारित है, जो बचपन की एक मार्मिक कहानी को बताती है।
- शतरंज के खिलाड़ी (1977) - प्रेमचंद की लघु कहानी से ली गई यह फिल्म 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की पूर्व संध्या की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है।
- सोनार केल्ला (1974) - राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता यह फिल्म सत्यजीत रे की जासूसी कला के प्रति रुचि के शुरुआती दौर की फिल्म है।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए चटर्जी ने कहा कि सत्यजीत रे का सिनेमा को कालातीत, प्रासंगिक और समकालीन है। उन्होंने कहा कि रे फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी कलाओं के मास्टर थे। चटर्जी ने सुप्रसिद्ध फिल्मकार सत्यजीत रे की कम बजट वाली, लेकिन विश्वस्तरीय फिल्म बनाने की कला पर प्रकाश डाला। उन्होंने सत्यजीत रे के मानवतावाद, और किसी भी मानवीय स्थिति को सहानुभूति के साथ देखने की प्रशंसा की।
Follow us on social media: @PIBMumbai/PIBMumbai/pibmumbai pibmumbai[at]gmail[dot]com
*****
एमजी/एएम/पीजी
(Release ID: 1709458)
Visitor Counter : 281