कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘भारत में बांस के लिए अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परामर्श’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया


किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बांस प्रमुख फसल हो सकती है: श्री तोमर

किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए बांस मंडियों की स्थापना की गई है: केंद्रीय कृषि मंत्री

Posted On: 25 FEB 2021 6:40PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज 'भारत में बांस के लिए अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परामर्श' के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से संबोधित किया। नीति आयोग और इंवेस्ट इंडिया ने संयुक्त रूप से बांस क्षेत्र से जुड़े दो दिवसीय मंथन राष्ट्रीय बांस मिशन का आयोजन किया है।

श्री तोमर ने इस दौरान कहा कि केंद्र सरकार बांस क्षेत्र को विकसित करने के लिए उचित प्रयास कर रही है, क्योंकि यह स्पष्ट है कि खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में यह किसानों की आय को दोगुना करने, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और लोगों की आजीविका में सुधार करने के लिए प्रमुख फसल हो सकती है।

उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों को बांस लगाने की खातिर प्रोत्साहित करने के लिए एफपीओ के गठन पर जोर दिया क्योंकि यह नर्सरी और वृक्षारोपण बढ़ाने के लिए सही प्रक्रिया प्रदान करने के लिए समूहों मार्गदर्शन सुनिश्चित करेगा। उन्होंने राज्यों से बांस क्षेत्र के लिए एफपीओ के गठन के लिए प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया।

चूंकि अंकुर की अवस्था में बांस की प्रजातियों और गुणवत्ता की पहचान करना बहुत मुश्किल है, मंत्री ने नर्सरी की मान्यता और रोपण सामग्री के प्रमाणन की खातिर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए 'राष्ट्रीय बांस मिशन' की सराहना की। उन्होंने कहा, "राज्य अब नर्सरी को मान्यता देने की प्रक्रिया में हैं और किसानों और उद्योग को मार्गदर्शन देने के लिए सार्वजनिक मंच पर विवरण उपलब्ध हैं, जहां वे अच्छी रोपण सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।"

केंद्रीय मंत्री ने बांस क्षेत्र से जुड़ी उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में 15,000 हेक्टेयर क्षेत्र में वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण बांस में लगाए गए हैं। किसानों को गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, मिशन के तहत 329 नर्सरी स्थापित की गईं। राष्ट्रीय बांस मिशन ने 79 बांस बाजार स्थापित किए हैं। बांस आधारित स्थानीय अर्थव्यवस्था के मॉडल को स्थापित करने के लिए इन गतिविधियों को पायलट परियोजनाओं के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मिशन, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्यमियों के हस्तक्षेप का तालमेल किसानों और स्थानीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के सरकार के प्रयासों को गति देगा।

श्री तोमर ने कहा कि बांस भारतीय अगरबत्ती उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यापार का यह वर्ग हर साल बढ़ रहा है। भारतीय अगरबत्ती उद्योग ने लगभग 60 प्रतिशत बांस की डंडियां आयात कीं। राष्ट्रीय बांस मिशन और केवीआईसी सहित केंद्र सरकार आयात पर निर्भरता में कटौती करने के लिए घरेलू अगरबत्ती डंडियों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि बांस आधारित उद्योगों में, घरेलू कच्चे माल के बढ़ते उपयोग से प्रधानमंत्री के 'लोकल फॉर वोकल' के नारे को बल मिलेगा। 

कृषि मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार प्रीमियम इको-पर्यटन स्थलों, आधुनिक इमारतों और रिसॉर्ट्स में बांस के उपयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में बांस के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जरूरी मॉडल तैयार किए हैं।

श्री तोमर ने दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसके लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राष्ट्रीय संस्थानों, उद्यमियों और किसानों के संसाधनों एवं विशेषज्ञता के बीच सामंजस्य स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में भारतीय बांस उत्पादों को उनकी सही जगह दिलाने के उद्देश्य से यह दो दिवसीय चर्चा वैज्ञानिक, तकनीकी और सबसे ऊपर वाणिज्यिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों की उपलब्धियों और क्षमता का मूल्यांकन करने का एक अच्छा अवसर होगी।

उद्घान सत्र में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नितिन गडकरी, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री अमरजीत सिन्हा, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के विशेष सचिव श्री इंदेवर पांडे और विभिन्न हितधारकों ने हिस्सा लिया।

एमजी/एएम/पीके

 



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