वित्त मंत्रालय
‘पूंजीगत व्यय के लिए विशेष वित्तीय सहायता योजना” के अंतर्गत राज्यों को 11,830 करोड़ रूपये जारी किए गए
11 राज्यों को सुधार कार्य पूरे करने के लिए बढ़ा हुआ आबंटन मिलेगा
यह योजना आर्थिक बेहतरी को सही समय पर आगे बढाती है
Posted On:
01 APR 2021 3:35PM by PIB Delhi
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने ‘पूंजीगत व्यय के लिए विशेष वित्तीय सहायता योजना” के अंतर्गत राज्यों को 11,830 करोड़ रूपये जारी कर दिए हैं I
आत्म निर्भर भारत पैकेज के एक भाग के रूप में वित्त मंत्री ने 12 अक्टूबर 2020 को ‘पूंजीगत व्यय के लिए विशेष वित्तीय सहायता योजना” की घोषणा की थी I इस योजना का उद्देश्य उन राज्य सरकारों के पूंजीगत व्यय को समर्थन देकर मजबूती देना है जो वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण ‘कर राजस्व’ में कमी आने से वर्ष 2020 -21 के दौरान प्रतिकूल वित्तीय वातावरण से जूझ रहे थे I
पूंजीगत व्यय का उच्च बहुगुणक प्रभाव होता है और यह आने वाले समय में अर्थव्यवस्था की उत्पादन क्षमता को बढाता है और जिसका परिणाम आर्थिक विकास की ऊँची दर के रूप में मिलता है I अतः केंद्र सरकार की प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बावजूद वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकारों को पूंजीगत व्यय के सन्दर्भ में विशेष सहायता देने का निर्णय किया गया I इस योजना को आज से शुरू नए वित्त वर्ष 2021-22 में भी जारी रखा गया है I
इस योजना को राज्य सरकारों से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है I व्यय विभाग ने इस योजना के अंर्तगत 27 राज्यों से प्राप्त 11,912 करोड़ रूपये के पूंजीगत व्यय प्रस्तावों को अपनी स्वीकृति दी है I अर्थव्यवस्था के विविध एवं विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जलापूर्ति, सिंचाई, बिजली, परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास के लिए पूंजीगत व्यय परियोजनाओं के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए है I
इस योजना के तीन भाग हैं I योजना का भाग –I पूर्वोत्तर क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों के लिए है I इसके लिए 2,500 करोड़ रूपये आबंटित किए गए हैं Iयोजना के भाग-II में वे राज्य आते हैं जो भाग-I में शामिल नहीं किए गए I इस भाग के लिए 7,500 करोड़ रूपये निर्धारित किए गए हैं I इन राज्यों को किया गया यह आबंटन केन्द्रीय करों में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा जारी अन्तरिम आदेश के अनुसार निर्धारित उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में है I
योजना का भाग-III राज्यों में विभिन्न नागरिक-केन्द्रित सुधारों को आगे बढाने के लिए है I इसके लिए इस भाग के अंतर्गत 2,000 करोड़ रूपये निर्धारित किए गए हैं I यह धनराशि उन राज्यों को मिलती जिन्होनें वित्त मंत्रालय के 17 मई 2020 के पत्र में निर्दिष्ट 04 में से कम से कम 03 सुधार कर लिए हैं I इन सुधारों का सत्यापन सम्बन्धित नोडल मंत्रालयों द्वारा किया जाना था I ये सुधार हैं- एक देश एक राशन कार्ड, कारोबार करने की सुगमता में सुधार, शहरी स्थानीय निकाय उपयोगिता सुधार और ऊर्जा (बिजली) क्षेत्र में सुधार I इस भाग के अंतर्गत 11 राज्य ऐसा करने में सफल रहे और उन्हें इस योजना के तीसरे भाग के अंतर्गत बढ़ा हुआ आबंटन दिया गया है I
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