शिक्षा मंत्रालय

राष्ट्रपति गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए


शैक्षिक संस्थानों को छात्रों को आधुनिक विश्व समुदाय के योग्य नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए: राष्ट्रपति कोविंद

Posted On: 23 FEB 2021 8:51PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों को आधुनिक विश्व समुदाय के योग्य नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए। राष्ट्रपति आज गुजरात के गांधीनगर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंकऔर गुजरात के उप-मुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल सहित विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, हमारे देश को ज्ञान महाशक्ति का केन्द्र बनाने के उद्देश्य से भारतीय मूल्यों पर आधारित आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया में अपने कर्तव्यों के प्रति छात्रों में जागरूकता जगाना भी नई शिक्षा प्रणाली का एक प्रमुख उद्देश्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों को छात्रों को आधुनिक विश्व समुदाय के योग्य नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए और इस दिशा में उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा सार्वजनिक हित और नैतिकता के महत्व पर विशेष बल देने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल भारतीय मूल्यों पर विशेष बल देने के माध्यम से ही हम अपने शैक्षिक संस्थानों और पश्चिमी विचारों पर आधारित विदेशी शैक्षिक संस्थानों के बीच अंतर करने में सक्षम होंगे।

छात्रों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना हमारी वैश्विक सोच का केन्द्रबिन्दु है। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों, अनुभवों और ज्ञान का उपयोग आत्मनिर्भरता के लिए किया जाना चाहिए। छात्र स्थानीय संसाधनों के उपयोग के साथ अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से स्थानीय विकास को सशक्त बनाकर अपनी शिक्षा को सही अर्थों में उपयोगी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा यह स्मरण रखना चाहिए कि हमारी शिक्षा से व्यक्तिगत लाभ के अलावा हमारे समाज और देश के विकास को भी लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास की यात्रा में अपेक्षाकृत पीछे छूट गए लोगों के उत्थान का प्रयास करने से छात्र एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दे पाएंगे।

राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उल्लेख किया कि गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 55 प्रतिशत विद्यार्धी छात्राऐं हैं, और आज के दीक्षांत समारोह में 21 में से 13 पदक छात्राओं ने जीते हैं। उन्होंने कहा कि यह इस विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे समाज में बदलाव की झलक और नए भारत की तस्वीर दिखाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 30 राज्यों के छात्र गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत छात्र अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह विश्वविद्यालय परिसर एक लघु भारत की तरह है और हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे अन्य राज्यों के छात्रों से गुजरात के लोगों से आत्मनिर्भरता, उद्यमिता और स्वरोजगार की संस्कृति को आत्मसात करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक दूरदृष्टि से युक्त दस्तावेज है जो शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शैक्षणिक संस्थान नहीं हैं बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशालाएँ हैं। उद्योग और शिक्षा के बीच तालमेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से दोनों के बीच अंतर को दूर किया जाएगा। मंत्री महोदय ने दीक्षांत समारोह में अपनी डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आज स्नातक करने वाले छात्रों को सरदार पटेल के आदर्शों पर चलना चाहिए और समाज और राष्ट्र के उत्थान की दिशा में योगदान देना चाहिए।

दीक्षांत समारोह में स्नातक करने वाले छात्रों को कुल 244 डिग्री प्रदान की गई। इनमें से 73 पीएचडी डिग्री प्राप्तकर्ता और 26 एम.फिल हैं। 121 स्नातकोत्तर हैं और 24 स्नातक हैं। संबंधित अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों में उच्चतम अंक हासिल करने के लिए छात्रों को कुल 21 सीयूजी पदक भी प्रदान किए गए। विशेष रूप से, छः छात्रों- सुश्री निकिता गोयल (अंग्रेजी में एम.ए), श्री प्रज्ञादीप पांडा (जीवन विज्ञान में एम.एस.सी), सुश्री अस्मिता नंदी (रसायन विज्ञान में एम.एस.सी), श्री सौम्यदीप बोरा (नैनो टेक्नोलॉजी में एम.ए), सुश्री मैथुमा नारज़री (अर्थशास्त्र में एम.ए), और श्री विजय आनंद मिंज (पुस्तकालय और सूचना विज्ञान में एम.ए) के लिए राष्ट्रपति से सीयूजी पदक प्राप्त हुए। एमए अर्थशास्त्र की अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए रावल प्राची उमेशकुमार (अर्थशास्त्र में एम.ए.) को राष्ट्रपति से श्रीमती विद्यादेवी अग्रवाल पदक प्राप्त किया।

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