वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत और मॉरीशस ने व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 23 FEB 2021 3:46PM by PIB Delhi

भारत सरकार में वाणिज्य सचिव डॉ.अनूप वधावन और मॉरीशस के राजदूत और विदेश मामलों, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों के सचिवश्री हय्मनदिल डिलम ने कल पोर्ट लुई में भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए)पर हस्ताक्षर किए। समझौतामॉरीशस के प्रधान मंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ, और भारत के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर की मौजूदगी में हुआ।

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भारत द्वारा अफ्रीका के किसी देश के साथ सीईसीपीए पहला व्यापार समझौता है। यहएक सीमित समझौता है, जो बिजनेस में वस्तुओं, मूल नियमों, सेवाओं, बिजनेस में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी), स्वच्छता और फाइटोसैनिटेरी (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटाने, व्यक्तियों के सामान्य तरीके से आने-जाने, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग करेगा।

असर और फायदे - सीईसीपीएदोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और उसे बेहतर बनाने और एक संस्थागत तंत्र के रूप में काम करने का मौका देगा। सीईसीपीए के तहतभारत की 310 निर्यात वस्तुएं शामिल होगी। जिसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 उत्पाद), कृषि उत्पाद (25 उत्पाद), कपड़ा और टेक्सटाइल से बने उत्पाद (27 उत्पाद), आधार धातु और उससे जुड़ी अन्य वस्तुएं (32 उत्पाद), इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक वुस्तएं (13 उत्पाद), प्लास्टिक और रसायन (20 उत्पाद), लकड़ी और उससे बने उत्पाद (15 उत्पाद)और अन्य उत्पाद शामिल हैंइसी तरह मॉरीशस के 615 उत्पादों को भारतीय बाजार में प्राथमिकता मिलेगी, जिसका उसे फायदा मिलेगा।इसके तहत फ्रोजेन मछली, स्पेशलाइज्ड चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, रस, मिनरल वॉटर, बीयर, अल्कोहल ड्रिंक, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरण और कपड़े शामिल हैं।

इसी तरह सेवा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों कीमॉरीशस के 11 प्रमुख क्षेत्रों के लगभग 115 सब-सेक्टर तक पहुंच बनेगी। जिसमें पेशेवर सेवाएं, कंप्यूटर से संबंधित सेवाएं, अनुसंधान और विकास, अन्य व्यावसायिक सेवाएं, दूरसंचार, वित्तीय,वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, पर्यटन और यात्रा, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएं और परिवहन सेवाएं देने का फायदा भारतीय कंपनियों को मिलेगा।

भारत ने भी इसी तरह 11 प्रमुख सेवा क्षेत्रों के लगभग 95 सब-सेक्टर को मॉरीशस की कंपनियों के लिए खोले हैं।  जिनमें पेशेवर सेवाएं, अनुसंधान और विकास, अन्य व्यावसायिक सेवाएं, दूरसंचार, वित्तीय, वितरण, उच्च शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पर्यटन और यात्रा से संबंधित सेवाएं, मनोरंजन और परिवहन सेवाएं शामिल हैं।

दोनों पक्ष समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल के भीतर सीमित संख्या में अति संवेदनशील उत्पादों के लिए एक स्वचालित ट्रिगर सुरक्षा तंत्र (एटीएसएम) पर बातचीत करने के लिए भी सहमत हुए हैं।

समय सारिणी: यह समझौता जल्द ही लागू होगा।

सीईसीपीए , भारत-मॉरीशस के बीच पहले से ही मौजूद गहरे और खास संबंधों को और मजबूत करेगा।

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