आयुष

यूनानी दिवस 2021 और यूनानी चिकित्सा पर राष्ट्रीय सम्मेलन

Posted On: 11 FEB 2021 7:31PM by PIB Delhi

केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने यूनानी चिकित्सा पर एक हाइब्रिड वर्चुअल राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

'यूनानी चिकित्सा : कोविड-19 के समय में अवसर और चुनौतियां' विषय पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन श्री किरेन रिजिजू, माननीय राज्य मंत्री (आई/सी), युवा मामले और खेल, आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) और राज्य मंत्री, अल्पसंख्यक मामले, भारत सरकार ने किया। इस मौके पर श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव आयुष मंत्रालय, श्री प्रमोद कुमार पाठक, अतिरिक्त सचिव, आयुष मंत्रालय, प्रोफेसर असीम अली खान, महानिदेशक सीसीआरयूएम और डॉ. एमए कासमी, संयुक्त सलाहकार (यूनानी), आयुष मंत्रालय भी उपस्थित रहे।

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सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विभिन्न सभ्यताओं के सर्वश्रेष्ठ ज्ञान से समृद्ध यूनानी चिकित्सा लोगों की पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए सबसे सक्षम पद्धति है। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय ने चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा वितरण में सराहनीय कार्य किया है, खासतौर से कोविड-19 महामारी के दौरान निभाई गई भूमिका असाधारण रही है।

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माननीय मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने अपने रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आयुष हितधारकों के योगदान की सराहना की। 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि यूनानी चिकित्सा और सीसीआरयूएम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आईसीडी-11 में शामिल करने के लिए आयुष शब्दावलियों के मानकीकरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एमओयू पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही आयुष मंत्रालय द्वारा नमस्ते पोर्टल, ए-एचएमआईएस आदि जैसे आयुष स्वास्थ्य सेवा वितरण में आईटी के एकीकरण के लिए की गई पहलों और इनमें सीसीआरयूएम के योगदान की सराहना की।

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में प्रोफेसर असीम अली खान ने सम्मेलन के विषय की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और बताया कि सीसीआरयूएम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई और कई उपायों के साथ ही अलग-अलग केंद्रों पर चार प्रोजेक्ट शुरू किए जिसमें दो प्रोफिलैक्सिस और दो नैदानिक अध्ययन हैं। डॉ. एमए कासमी के धन्यवाद देने के साथ ही उद्घाटन सत्र संपन्न हुआ।

तकनीकी सत्रों के दौरान प्रमुख चिकित्सा वैज्ञानिकों ने 'पारंपरिक और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के एकीकरण', 'पारंपरिक चिकित्सा और कोविड-19 महामारी से मुकाबले में इसकी भूमिका', 'कोविड-19 महामारी के दौरान यूनानी चिकित्सा की प्रतिरक्षा बढ़ाने की क्षमता', 'कोविड-19 से निपटने में हितधारकों को शामिल करना', 'कोविड-19 महामारी के समय में नई दवाओं के विकास की योजना' 'औषधीय पौधे- आयुष क्षेत्र का वर्तमान परिदृष्य' 'कोविड-19 के दौरान शिक्षा क्षेत्र में तनाव की समस्या: तिब्ब-ए-यूनानी में संभावित समाधान', 'कोविड-19 महामारी के दौरान यूनानी और अन्य आयुष पद्धतियों की भूमिका' पर मुख्य संबोधन दिए। सम्मेलन में 'यूनानी चिकित्सा : कोविड-19 के समय में अवसर और चुनौतियां' पर पैनल चर्चा भी हुई। इस सम्मेलन ने कोविड-19 के समय में यूनानी चिकित्सा के लिए चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला।

आखिरी सत्र में आयुष मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक ने विशेष रूप से कोविड-19 के दौरान सीसीआरयूएम के अनुसंधान कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने सम्मेलन में किए गए विचार-विमर्श की सराहना की और उसे आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने बहुविषयक अनुसंधान और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और चिकित्सा की आयुष पद्धतियों के विकास के लिए रचनात्मकता लाने की बात की।

प्रोफेसर अख्तरुल वासी, अध्यक्ष, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आयुष की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि महामारी ने लोगों में आयुष प्रणालियों की स्वीकार्यता को बढ़ाया है।

जामिया हमदर्द, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर एमए जाफरी ने यूनानी वैज्ञानिकों से कोविड-19 जैसी स्वास्थ्य परिस्थितियों से निपटने के लिए और अधिक शोध करने का आग्रह किया।

समापन टिप्पणी में प्रोफेसर असीम अली खान ने सम्मेलन में वैज्ञानिकों के विचार-विमर्श को संक्षेप में प्रस्तुत किया और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सीसीआरयूएम के गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

गणमान्य लोगों ने सम्मेलन स्मारिका 'यूनानी चिकित्सा में सामान्य उपचार की पुस्तिका' जारी की और उद्घाटन सत्र में 'यूनानी चिकित्सा के मूल सिद्धांतों पर शोध- सीसीआरयूएम द्वारा संचालित अध्ययनों का सारांश' और आखिरी सत्र में सीसीआरयूएम द्वारा प्रकाशित 'यूनानी फॉर्म्युलेशन की क्लिनिकल स्टडी- MaʿjūnNisyān in Nisyān (एम्नेसिया)', 'सीसीआरयूएम को दिए गए पेटेंट पर संकलन' और 'दीर्घायु के लिए औषधीय पौधे' जारी किए।

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एसजी/एएम/एएस/डीसी


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