रक्षा मंत्रालय

दिव्य दृष्टि 2021: मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस पर भारतीय सेना की राष्ट्रीय संगोष्ठी-सह-वेबिनार : संघर्षों का भविष्य

Posted On: 11 FEB 2021 7:24PM by PIB Delhi

'मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस: संघर्षों का भविष्य' विषय पर भारतीय सेना की राष्ट्रीय संगोष्ठी-सह-वेबिनार, जिसका नाम "दिव्य दृष्टि 2021" रखा गया है दिनांक 11 फरवरी 2021 को सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्लूएस) में आयोजित की गई। "दिव्य दृष्टि 2021", जिसका अर्थ एक जानकारी वाले दृष्टिकोण हेतु ज़रूरी दिव्य या संज्ञानात्मक धारणा है, का उद्देश्य मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स (एमडीओ) जैसे जटिल और उभरते विषय पर विमर्श के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है।

इस वेबिनार में सेनाध्यक्ष (सीओएएस), जनरल एम एम नरवणे, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ आरट्रैक लेफ्टिनेंट, जनरल राज शुक्ला के साथ रक्षा मंत्रालय और सेना के तीनों अंगों के गणमान्य व्यक्तियों, पूर्व सेना प्रमुखों और देश के प्रमुख सुरक्षा थिंक टैंक के सदस्यों और मीडिया के सदस्यों इत्यादि ने भाग लिया।

उद्घाटन भाषण सेना प्रमुख ने दिया जिसमें उन्होंने भविष्य में हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों और चुनौतियों और हर स्तर पर सतर्क रहने की ज़रूरत पर जोर दिया। राज्य प्रायोजित आतंकवाद के साथ-साथ सीमाओं पर मिल रही चुनौतियों से पता चलता है कि भारतीय सेना को प्रतिद्वंद्वियों से मिलने वाले खतरों से निपटने के लिए और देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अनेक क्षेत्रों में तैयार रहने की ज़रूरत है। सेना प्रमुख के अनुसार, एक मल्टी-डोमेन युद्ध हमारे सिद्धांतों, रणनीति और हमारी क्षमताओं के उन्नयन की पुनर्प्रतिक्रिया और पुन जांच की मांग करता है। सेना प्रमुख ने सेमिनार की सफलता की कामना की एवं अमेरिका तथा ब्रिटेन के विदेशी वक्ताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया ।

संगोष्ठी की कार्यवाही तीन सत्रों में आयोजित हुई। पहला सत्र "भविष्य के खतरे और चुनौतियां: मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स में भारत की तैयारी" पर केंद्रित था जिसमें पैनलिस्टों ने उप-महाद्वीप में उभरते सुरक्षा खतरों और चुनौतियों, भारत की तैयारी और मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स (एमडीओ) में युद्ध की अवधारणा का विश्लेषण किया। मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स (एमडीओ) में आपसी संयुक्तता बढ़ाने के विषय पर आयोजित दूसरे सत्र में संयुक्त बल के रूप में सामंजस्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक संयुक्तता और उपायों की अवधारणाओं की परख की गई और सेना के तीनों अंगों व डोमेन के एकीकरण पर भी विस्तार से बातचीत की गई। "मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स (एमडीओ) में समभिरूपता और शत्रु के विरुद्ध साझा समझ की प्राप्ति" के विषय पर आयोजित तीसरे सत्र में, मल्टी डोमेन परिदृष्ट में संयुक्त युद्ध लड़ने के लिए संयुक्त संरचनाओं की आवश्यकता, सैन्य संरचना के एकीकरण व सम्मिलन और थिएटर कमानों के गठन पर चर्चा की गई ।

कार्यक्रम के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र दीवान, डीजीएसपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन में उल्लेखनीय योगदान के लिए सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (सीएलएडब्लूएस) के तीन पूर्व प्राध्यापकों को सम्मानित भी किया ।

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