रेल मंत्रालय

केन्द्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पूर्व और पश्चिमी दोनों कॉरिडोर पर डीएफसी के तहत पूरा होने वाले विभिन्न सेक्शन की प्रगति की समीक्षा की


श्री गोयल ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंच और फीडर मार्गों को एक साथ पूरा करने की आवश्यकता है ताकि डीएफसी से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके

परियोजना को दैनिक आधार पर निगरानी करने की आवश्यकता है ताकि इसे जून 2022 तक राष्ट्र को सौंपना सुनिश्चित हो सके

आत्म निर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलने को सुनिश्चित करने के लिए डीएफसी पर सभी कंटेनर यातायात के स्वदेशीकरण के लिए इसे एक मिशन मोड पर बढ़ावा देने की जरूरत है



Posted On: 25 JAN 2021 6:45PM by PIB Delhi

केन्द्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पूर्व और पश्चिमी दोनों कॉरिडोर पर डीएफसी के तहत पूरा होने वाले विभिन्न सेक्शन की प्रगति की समीक्षा की।

रेलवे के अधिकारियों ने सभी सेक्शन में हो रही प्रगति के बारे में जानकारी दी। साथ ही रेलवे को कुछ सेक्शन में काम पूरा करने में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया।

श्री गोयल ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंच और फीडर मार्गों को एक साथ पूरा करने की आवश्यकता है ताकि डीएफसी से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि परियोजना विकास के इस पहलू पर ईमानदारी से नजर रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए, डीएफसी पर सभी कंटेनर यातायात के स्वदेशीकरण को एक मिशन मोड पर बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में घरेलू उद्योग ऐसे कंटेनरों के निर्माण में सक्षम है।

भारतीय रेलवे माल गाड़ियों के लिए तेज गति पर विशेष परिचालन प्रदान करने के लिए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर बना रहा है।

पहले चरण में, डीएफसीसीआईएल पश्चिमी डीएफसी (1504 रूट किमी) और पूर्वी डीएफसी (1856 मार्ग किमी), जिसमें सोननगर- दनकुनी सेक्शन का पीपीपी सेक्शन शामिल है, का निर्माण कर रहा है।

लुधियाना (पंजाब) के पास साहनेवाल से शुरू होने वाला ईडीएफसी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से होकर गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगा।

उत्तर प्रदेश में दादरी को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएपीटी) से जोड़ने वाला पश्चिमी गलियारा, डबल्यूडीएफसी और ईडीएफसी (सोननगर - दनकुनी पीपीपी सेक्शन को छोड़कर) के यूपी, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से होकर गुजरेगा, यानी 2800 रूट किमी जून 2022 तक चालू हो जाएगा।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भारत के आर्थिक विकास में एक बड़े परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में पूर्वी और पश्चिमी गलियारों पर डीएफसीसीएल के दो सेक्शन को राष्ट्र को समर्पित किया था। ये हैं पश्चिमी कॉरिडोर पर रेवाड़ी- मदार सेक्शन और पूर्वी फ्रेट कॉरिडोर पर नया खुर्जा-नया भौपुर सेक्शन ।

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