सूचना और प्रसारण मंत्रालय

मेघमल्लर तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में हर परिवार की युद्ध के समय की कहानी है: निर्देशक जाहिदुर रहीम अंजान


युद्ध के समय में एक साधारण परिवार के जीवन को बदलने वाले अनुभव की यह दुखद कहानी है: अभिनेता शाहिदुज्जमां सलीम

इस फिल्म के माध्यम से, युद्ध के बाद की पीढ़ी भी वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों का अनुभव कर सकेगी: ऐक्टर अपर्णा घोष

Posted On: 20 JAN 2021 7:14PM by PIB Delhi

'बांग्लादेश में हम 1971 के मुक्ति संग्राम को जनता का युद्ध कहते हैं। मेरी फिल्म मेघमल्लर युद्ध के समय एक छोटे शहर के परिवार के संघर्ष की कहानी है।' - बांग्लादेशी फिल्म निर्देशक जाहिदुर रहीम अंजान।

'यह किसी एक परिवार की नहीं बल्कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के हर परिवार की कहानी है। मुक्ति संग्राम में हर परिवार का योगदान था, जो हमारे इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना है।' - बांग्लादेश के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता शाहिदुज्जमा सलीम।

बांग्लादेश से ताल्लुक रखने वाले निर्देशक और अभिनेता आज (20 जनवरी 2021) को गोवा में भारत के 51वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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अंजान ने कहा, 'प्रतिष्ठित उपन्यासकार अख्तरुजमान इलियास की एक छोटी कहानी पर बनी फिल्म, मेघमल्लर जीवन बदलने वाले अनुभव की दुखद कहानी कहती है, जो एक साधारण परिवार पर सिर्फ तीन दिनों में बीतती है। फिल्म में मेरे देश की खूबसूरती को भी दिखाया गया है।'

बांग्लादेश की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री अपर्णा घोष फिल्म में महिला नायक की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा, 'हम युद्ध के बाद की पीढ़ी के लोग हैं, जिन्होंने युद्ध नहीं देखा है। इस फिल्म के माध्यम से आप वास्तविक युद्ध की स्थितियों को देखने और उसे अनुभव करने में सक्षम होंगे।'

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'हम उत्सव के मूड में हैं; यह हमारी स्वतंत्रता का 50वां वर्ष है और हमारे राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती है।'

बांग्लादेश के फिल्म उद्योग के बारे में बोलते हुए अंजान और सलीम ने बताया कि बांग्लादेश सरकार अच्छी फिल्में बनाने के लिए सहयोग और अनुदान भी देती है। निर्देशक ने आगे कहा कि हालांकि इस तरह की फिल्में बांग्लादेश में व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हैं।

बांग्लादेश में फिल्म निर्माण पर बाहरी प्रभाव पर बोलते हुए अंजान ने कहा, 'न केवल भारतीय बंगाली सिनेमा, बल्कि भारत के दूसरे क्षेत्रों की फिल्में भी हमारी फिल्मों पर प्रभाव डालती हैं। सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन और राजेन तरफदार जैसे दिग्गज भारतीय फिल्म निर्माताओं के काम को हमारे देश में बहुत सम्मान की नजर से देखा और उसे सराहा जाता है।'

फिल्म निर्देशक ने बताया कि भविष्य में अच्छी कहानियां कहते हुए उनकी पर्यावरण और महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर फिल्म बनाने की योजना है क्योंकि इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।

फिल्म मेघमल्लर एक प्रांतीय शहर के एक सरकारी स्कूल के रसायन विज्ञान के शिक्षक नुरुल हुदा की कहानी है। मध्यवर्गीय परिवार की पृष्ठभूमि में यह कहानी उनकी पत्नी अस्मा और 5 साल की बेटी सुधा के इर्द-गिर्द घूमती है। उनके साथ एक और व्यक्ति रहता है मिंटू, जो अस्मा का भाई है। अचानक एक दिन सुबह उन्हें पता चलता है कि मिंटू बिना किसी को बताए स्वतंत्रता सेनानियों के साथ आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए चला गया। एक रात भारी बारिश हो रही थी और स्वतंत्रता सेनानियों ने कॉलेज परिसर में स्थित पाकिस्तानी सेना के कैंप पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में सेना नुरुल हुदा को हिरासत में लेने के लिए आती है। हिरासत में रहते हुए नुरुल हुदा मारे जाते हैं और उनके परिवार को मुश्किल हालात में सब कुछ सहना पड़ता है।

 

एमजी/एएम/एएस/एसएस

 



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