पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की गुजरात के कच्छ में आयोजित ‘चिंतन बैठक आज संपन्न हुई
‘हमारा बड़ा लक्ष्य भारत के सामुद्रिक गर्व को फिर से प्राप्त करना है। इस चिंतन बैठक के साथ, मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 को अंतिम रूप दे दिया गया है और शीघ्र ही कार्यान्वयन के लिए तैयार है’: श्री मनसुख मंडाविया
Posted On:
23 JAN 2021 5:41PM by PIB Delhi
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की तीन दिवसीय ‘चिंतन बैठक’ आज संपन्न हुई। चिंतन बैठक एक व्यापक विचार मंथन सत्र है जिसकी अध्यक्षता बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री मनसुख मंडाविया द्वारा की गई तथा सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसका आयोजन गुजरात के कच्छ के टैंट सिटी- धोरडो में 21 जनवरी से 23 जनवरी, 2021 तक किया गया।
विभिन्न सत्रों में तटीय रास्तों जैसी नई पहलें शामिल थीं जिनकी पहचान शहरी परिवहन के लिए भारत के समस्त तटीय रेखा को कवर करते हुए की गई। प्रमुख बंदरगाहों की महत्वपूर्ण एवं गैर-महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के प्रभावी उपयोग पर विचार किया गया। आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डाटा, जिओ फेंसिंग, बंदरगाहों में डाटा केन्द्रित प्रबंधन, आईओटी आधारित ट्रक प्लैटूनिंग, जीआईसी आधारित कार्गो ट्रैकिंग आदि जैसी विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गई जिससे कि बंदरगाहों को ‘स्मार्ट पोर्ट्स’ और फिर ‘इंटेलिजेंट पोर्ट्स’ में तबदील करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों के प्रचालनों को सरल और सुचारू बनाया जा सके जैसी मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 में परिकल्पना की गई है।
भारतीय बंदरगाह एसोसिएशन के पुनर्गठन, अन्य देशों में जाने की बजाय भारत में ही सामुद्रिक विवाद के निपटान के लिए भारत के अब तक के पहले सामुद्रिक मध्यस्थता केन्द्र के निर्माण की संभावनाओं की खोज की गई। प्रमुख बंदरगाहों पर भीड़भाड़ और बोझ को कम करने के लिए तथा और अधिक कार्गो को आकर्षित करने के लिए सैटेलाइट पोर्ट की स्थापना की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।
आरओ- आरओ तथा रोपैक्स फेरी सेवाओं के प्रस्तावित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रास्तों की समीक्षा की गई। सीप्लेन ऑपरेशन के नए प्रस्तावित स्थानों की समीक्षा करते हुए नोट किया गया कि सीप्लेन के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (इओआई) को उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। तटीय कार्गो की आवाजाही के हिस्से में बेहतरी लाने के तरीकों की भी खोज की गई। सभी प्रमुख बंदरगाहों में 2035 तक मैनपावर प्लानिंग की रूपरेखा की भी जांच की गई।
श्री मनसुख मंडाविया ने अपनी समापन टिप्पणियों में कहा कि ‘हमारा बड़ा लक्ष्य भारत के सामुद्रिक गर्व को फिर से प्राप्त करना है। इस चिंतन बैठक के साथ सभी प्रमुख बंदरगाहों के बीच समन्वय को और अधिक युक्तिसंगत बनाया जाएगा और समान लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए अधिक सिनर्जी के साथ काम करने में सक्षम होंगे। चिंतन बैठक के समापन पर मैं प्रसन्न भी हूं तथा आशावादी भी हूं क्योंकि मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 संपन्न हो गया है और शीघ्र ही कार्यान्वित होने के लिए तैयार है। मैं सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों तथा अधिकारियों को आशावादिता, समर्पण तथा प्रेरणा के साथ काम करने का सुझाव देता हूं जिससे कि भारत को मैरीटाइम लीडर के रूप में विश्व के मानचित्र पर लाया जा सके।‘
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