संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा-2020, डाक विभाग


दर्पण- डाक जीवन बीमा के एप के नये संस्करण को बीमा कराने वालों की डाक जीवन बीमा/ ग्रामीण डाक जीवन बीमा से संबंधित अनेक प्रकार की वित्तीय एवं ग़ैर-वित्तीय अर्ज़ियों के निपटारे के लिये 127115 ब्रांच डाक कार्यालयों में कोर इंटीग्रेशन सिस्टम (सीआईएस)में जोड़ा गया 

जनवरी, 2020 से नवम्बर, 2020 तक 17,092 गांवों को बीमा ग्राम योजना के कवरेज के अंतर्गत लाया गया 

जनवरी, 2020 से नवम्बर, 2020 तक 7 लाख पासपोर्ट आवेदनों एवं आधार नामांकन / अपडेशन प्रक्रिया के लिए 99 लाख से अधिक अनुरोध प्रोसेस किये गये

इंडिया पोस्ट ने कोविड-19 के दौरान चिकित्सालयों एवं लाभार्थियों तक दवाओं के वितरण हेतु भारतीय दवा निर्माता मंडल, महानिदेशक- स्वास्थ्य सेवाएं और अनेक निजी संस्थाओं एवं ऑनलाइन दवा कंपनियों व उनकी सुविधाओं से साझेदारी की

कोविड 19 की समयावधि में पोस्ट ऑफिस एवं आईपीपीबी खातों के ज़रिए 31 करोड़ वित्तीय लेनदेन हुए

कोविड 19 के दौरान सर्वश्रेष्ठ लॉजिस्टिक सेवाएं मुहैया कराने के लिये डाक विभाग ने इण्डिया टुडे हेल्थगिरी पुरस्कार जीता

Posted On: 29 DEC 2020 5:07PM by PIB Delhi

150 से भी अधिक वर्षों से डाक विभाग (डीओपी) संचार के क्षेत्र में देश की रीढ़ है एवं इसने देश के सामाजिक आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । यह कई मायनों में भारतीय नागरिकों के जीवन को छूता है: मेल डिलीवर करना, लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करना, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करना और बिल संग्रहण जैसी खुदरा सेवाएं प्रदान करना, प्रपत्रों की बिक्री इत्यादि । डीओपी भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) वेतन वितरण और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी नागरिकों के लिए अन्य सेवाओं के निर्वहन में भारत सरकार के एजेंट के रूप में कार्य करता है । 2020 में विभाग ने अपनी क्षमता में बेहतरी कर तथा सड़क परिवहन नेटवर्क को व्यापक बनाकर आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ किया। विभाग ने वित्तीय सेवाओं एवं दवाओं आदि की घर घर आपूर्ति कर कोविड19 महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाई। डाक विभाग की वर्षांत समीक्षा विभाग की उपलब्धियों एवं वर्ष 2020 में शुरू किये गए अनेक कदमों की प्रगति को चिह्नांकित करती है ।

 

  1. आपूर्ति श्रृंखला एवं इ-कॉमर्सः मेल, एक्सप्रेस सेवाएं एवं पार्सल
  • क्षमता उन्नयनः पार्सल संबंधी क्षमता प्रति वर्ष 6 करोड़ से बढ़ कर 7.5 करोड़ पहुंची ।
  • सड़क परिवहन नेटवर्कः 56 मार्गों पर राष्ट्रीय स्तर का समर्पित सड़क परिवहन नेटवर्क 80 शहरों को छूता है । 75 टन पार्सल वाले तकरीबन 15000 बैग इस नेटवर्क के माध्यम से प्रतिदिन ले जाए जाते हैं । 
  • स्पीड पोस्ट की आपूर्ति के लिये भारत भर में लगने वाले औसत समय में वृद्धिः जुलाई, 2019 में स्पीड पोस्ट के लिये लगने वाला 105 घंटे का औसत समय फरवरी 2020 में 81 घंटे हो गया ।
  • वितरण का हाथोंहाथ नवीनीकरणः ग्रामीण इलाकों में 98,454 डाक घरों समेत 1.47 लाख डाक घरों में पोस्टमैन मोबाइल एप क्रियान्वित किया गया । 14 करोड़ स्पीड पोस्ट तथा पंजीकृत सामानों की रीयल टाइम आपूर्ति पोस्टमैन मोबाइल एप के माध्यम से की गई ।
  • इ-कॉमर्स निर्यातः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों से निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये सभी जनपदों को कवर करते हुए 800 डाक घरों में ‘डाक घर निर्यात केंद्र’ स्थापित किये जा रहे हैं ।
  • अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक्ड पैकेट सर्विस को 12 की बजाय 15 देशों में विस्तार देते हुए तीन और देशों मंगोलिया, भूटान एवं श्रीलंका में विस्तारित किया गया है ।

 

  1. बैंकिग सेवाएं एवं वित्तीय समावेशन
  • डिजिटल माध्यम से जनता का समग्र वित्तीय सशक्तिकरणः पूरे देश में 1.56 लाख डाक घरों की सहायता से डीओपी पोस्ट ऑफिस बचत बैंक सेवाओं का लाभ लेने वाले 50 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है एवं डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) योजनाओं के अंतर्गत उसके पास 10,81,293 करोड़ की बकाया धनराशि है । वर्तमान में अपने नेटवर्क में 23,483 डाक घरों समेत पोस्ट ऑफिस सीबीएस प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी प्रणाली है । इसके अतिरिक्त 1,29,151 शाखा डाक घरों को भी रीयल टाइम आधार पर नेटवर्क तक पहुंच बनाने के लिये सक्षम बनाया गया है । सीबीएस प्रणाली के माध्यम से डाक विभाग एटीएम, इंटरनेट एवं मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से 24 घंटे सातों दिन सेवाएं मुहैया करवा पाता है ।  
  • ग्रामीण जनता का वित्तीय सशक्तिकरणः वित्त मंत्रालय की सभी नौ छोटी बचत योजनाएं 1.56 लाख डाक घरों में उपलब्ध हैं । पांच योजनाएं- मासिक आय योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, प्रत्यक्ष भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र एवं किसान विकास पत्र को दिनांक 23.07.2020 के एसबी आदेश 27/ 2020 के ज़रिए शाखा कार्यालयों में लाया गया है । ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को किसी भी डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) संबंधी लेनदेन के लिये कस्बों एवं शहरों में आने की ज़रूरत नहीं रहेगी । यही सुविधा स्थानीय शाखा डाक घरों के माध्यम से भी उपलब्ध रहेगी ।  
  • बालिकाओं का वित्तीय सशक्तिकरणः सुकन्या समृद्धि खाता (एसएसए) योजना बच्चियों की संपन्नता की योजना भी मानी जाती है एवं इस योजना का हरियाणा के पानीपत में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 22 जनवरी, 2015 को शुभारंभ किया था । यह योजना बच्चियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करती है । इस योजना से बच्चियों को समुचित शिक्षा एवं विवाह के खर्च की प्राप्ति हुई है तथा उनका भविष्य सुरक्षित हो पाया है । सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाक घर में खुलवाया जा सकता है । कुल मिलाकर 1.83 करोड़ सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें डाक विभाग द्वारा योजना को शुरू करने से लेकर नवम्बर, 2020 तक 58,822.62 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं ।   
  • समुचित दरों पर जनता को बीमे तथा पेंशन का कवरः आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा मई, 2015 में प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजनाएं, नामतः - प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एवं अटल पेंशन योजना (एपीवाई)- की शुरुआत की गई थी । भारत सरकार के अंतर्गत इन फ्लैगशिप योजनाओं में डाक विभाग एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है एवं विभाग ने अब तक अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंतर्गत 3.2 लाख, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के अंतर्गत 5.9 लाख एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 1.17 करोड़ नामांकन कर लिये हैं ।
  • मृतकों संबंधी दावों के शीघ्र निपटान के लिये प्रक्रिया को सरलीकृत बनाया गया एवं ऐसे दावों के अंतर्गत स्वामित्व चाहने वाले मुद्दई को धनराशि की शीघ्रतापूर्वक प्राप्ति सुलभ बनाई गई ।  
  • पोस्ट बैंक ऑफ इण्डियाः 1.36 लाख से अधिक एक्सेस प्वाइंट्स इंडिया पोस्ट्स पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) लेनदेन के लिये सक्षम बनाते हैं । इस प्रकार देश भर में सबसे बड़ा एकल बैंट नेटवर्क तैयारप करता है । 2.90 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) और पोस्टमैन बैंकिंग सेवाओं को दहलीज़ तक ले जाने वाले डोरस्टेप बैंकिंग सेवा प्रदाताओं के रूप में कार्य करने में सक्षम हैं । 3.61 करोड़ से अधिक लोग आधार सक्षम भुगतान प्रणाली लेनदेन से लाभान्वित हुए, जिनमें से 7,667 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जिनमें अधिकांश कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान हैं ।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी): जनवरी, 2020 से नवम्बर, 2020 की कालावधि में 4,040 करोड़ रुपये की धनराशि में 3.99 करोड़ से अधिक लेनदेन किये गए । विभिन्न मंत्रालयों की 275 से अधिक योजनाओं का फायदा सुदूर एवं ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाभार्थियों को वितरित किया गया ।  
  • डिजिटल समावेशन: 1,29,159 शाखा डाक घर सिम आधारित हैंडहेल्ड पीओएस उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं । जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 तक की अवधि के लिए दूरस्थ रूप से प्रबंधित फ्रैंकिंग मशीनों को बढ़ावा देने के माध्यम से 40 करोड़ डिजिटल लेनदेन की सुविधा दी गई है ।
  1. डाक जीवन बीमा (पीएलआई)/ ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई):
  • वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए पीएलआई का बोनस मार्च, 2020 के महीने में घोषित किया गया है । इसी तरह वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए अप्रैल, 2020 माह में आरपीआई का बोनस घोषित किया गया है।
  • अप्रैल, 2020 के महीने में पीएलआई/आरपीएलआई के संबंध में कुल 26,54,652 लेनदेन किए गए थे, जो राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और प्रीमियम भुगतान अवधि को जून, 2020 तक बढ़ाने के बावजूद 5,15,14,03,966 रुपये थे ।
  • अप्रैल, 2020 से मासिक पीएलआई/ आरपीएलआई ऑनलाइन लेनदेन में 48% की वृद्धि हुई है ।
  • कार्यालयों में परिवहन और कर्मचारियों की उपस्थिति पर लॉकडाउन और गंभीर प्रतिबंधों के बावजूद, देश भर में 90% से अधिक केंद्रीय प्रोसेसिंग केंद्र (सीपीसी) कार्यशील थे, 70,000 से अधिक नए प्रस्तावों पर कार्रवाई की गई और अप्रैल, 2020 के महीने में 40,000 से अधिक दावों को मंजूरी दी गई ।
  • वायरकार्ड, तत्कालीन मौजूदा पेमेंट गेटवे को ऑनलाइन प्रीमिया पेमेंट के लिए पे यू द्वारा बदल दिया गया है, जो ग्राहकों द्वारा भुगतान के अनेक ज़रियों की पेशकश करता है, नामतः डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, वॉलेट और यूपीआई ।
  • नए प्रस्तावों की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाने और नागरिक चार्टर के मानदंडों के भीतर दावों के निपटारे को सुगम बनाने के लिए, नए प्रस्तावों और दावों के निपटारे को स्वीकार करने के लिए अनुमोदक सीमा को संशोधित किया गया है और इसे प्रधान डाकघर/ जीपीओ/ मंडल स्तर (जांच से जुड़े प्रारंभिक मृत्यु दावों को छोड़कर, जिसके लिए अनुमोदन प्राधिकरण निदेशक है) को विकेंद्रीकृत किया गया है । तदनुसार, पीएलआई (डाक जीवन बीमा) नियम, 2011 के नियम 55, 55 (1), 55 (2), 58 (1) और 59 (2) में संशोधन किया गया ।
  • प्रत्येक के लिए व्यापक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित करके मृत्यु दावा, परिपक्वता दावा और पीएलआई/आरपीएलआई में ऋण अनुरोधों के निपटारे की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है ।
  • मृत्यु दावा मामलों के तेजी से निपटारे को सुगम बनाने के लिए, पीएलआई (डाक जीवन बीमा) नियम, 2011 के नियम 39 में मौजूदा प्रक्रिया के अनुरूप संशोधन किया गया है ।
  • दर्पण-पीएलआई एप का एक नया संस्करण कोर इंटीग्रेशन सिस्टम (सीआईएस) में तैनात किया गया है, जिसमें दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों सहित 127115 शाखा डाकघरों के स्तर पर पीएलआई/ आरपीएलआई बीमाकर्ताओं के विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय अनुरोधों को संसाधित करने की सुविधा है ।
  • विभाग ने पॉलिसी सर्विसिंग से संबंधित अधिक एसएमएस जोड़ कर ग्राहक के साथ संचार में अधिक पारदर्शिता लाई है ।
  • विभाग ने पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट के दौरान 2 रिवाइवल प्रतिबंध हटा दिए हैं । इसके साथ ही पीएलआई प्रणाली में किस्तों में नीति को पुनर्जीवित करने का प्रावधान किया गया है ।
  • पीएलआई और आरपीएलआई का व्यापार प्रदर्शन: 30-11-2020 तक कुल 96.79 लाख सक्रिय पीएलआई और आरपीएलआई पॉलिसियों के साथ कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये की धनराशि मौजूद थी ।
  • पीएलआई/ आरपीएलआई फंड का निवेश कार्य: पीएलआई/ आरपीएलआई फंड का कुल कोष 30-11-2020 तक 1.13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है ।
  • बीमा ग्राम योजना: जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 तक, 17,092 गांवों को बीमा ग्राम योजना (बीजीई) के दायरे में लाया गया । प्रत्येक बीजीवाई गांव में कम से 100 परिवार एक आरपीएलआई नीति के दायरे में आते हैं ।
  1. नागरिक केंद्रित सेवाएं
  • डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके): विभिन्न प्रयोजनों हेतु नागरिकों के लिये पासपोर्ट की बढ़ती आवश्यकता के साथ, विदेश मंत्रालय और डाक विभाग ने डाकघरों में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) स्थापित करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की ताकि डाकघर के बुनियादी ढांचे का उपयोग किया जा सके और पासपोर्ट सेवाएं प्रदान की जा सकें । अब तक 426 पीओपीएसके चालू किए गए हैं, जिनमें से 02 पीओपीएसके 2020 में खोले गए (i) सिवनी, मध्य प्रदेश और (ii) पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में । जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 तक पीओपीएसके के माध्यम से 7,27,329 आवेदनों पर कार्यवाही की गई है ।
  • आधार नामांकन और अपडेशन केंद्र: इस सुविधा ने नागरिकों को नए आधार जनरेट करने और किसी भी परिवर्तन/ गलत मिलान की स्थिति में अपने आधार कार्ड अपडेट करने के माध्यम से सुविधा दी है  । आधार संचालन करने के लिए 42,000 से अधिक डाक अधिकारियों/ एमटीएस/ जीडीएस को प्रशिक्षित/ प्रमाणित किया गया है । आधार नामांकन निशुल्क किए जाते हैं । इंडिया पोस्ट में प्रत्येक सफल आधार नामांकन के लिए यूआईडीएआई द्वारा 100 रुपये की प्रतिपूर्ति की जाती है । 13,352 डाकघर आधार केंद्र देश भर में स्थापित किए गए । प्रत्येक आधार अपडेशन के लिए नागरिकों से 50 रुपये की राशि वसूल की जाती है और नागरिकों से 100 रुपये एकत्र किए जाते हैं । इन केंद्रों द्वारा जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 तक नामांकन/ अपडेशन के लिए 99,25,630 अनुरोधों पर कार्यवाही की गई है ।
  • जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 की अवधि के लिए कुल 3,43,296 गंगाजल बोतलों की आपूर्ति की गई है ।
  • डिजिटल एडवांसमेंट ऑफ रूरल पोस्ट ऑफिसेज़ फॉर ए न्यू इंडिया (दर्पण): देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 1.29 लाख शाखा डाकघरों के माध्यम से जनवरी, 2020 से नवंबर, 2020 की अवधि के लिए 23,251 करोड़ रुपये के 17.41 करोड़ ऑनलाइन डाक और वित्तीय लेनदेन किए गए । दर्पण उपकरणों के माध्यम से प्रति माह डेढ़ करोड़ से अधिक का लेन-देन हो रहा है ।
  • पीओ-सीएससी (डाकघर-कॉमन सर्विस सेंटर): विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रभावी वितरण के लिए डाकघरों और कॉमन सर्विस सेंटरों (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड का हिस्सा) का अभिसरण डाक विभाग के पंचवर्षीय विजन दस्तावेज़ का हिस्सा है । तदनुसार, 10136 डाकघर अब सीएससी के डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से कॉमन सर्विस सेंटरों की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं । दिनांक 30-11-2020 तक इन डाकघरों के माध्यम से 4.62 करोड़ रुपये के 48234 लेनदेन किए गए थे ।

इन डाकघरों के माध्यम से 100+ सीएससी सेवाएं प्रदान की जाती हैं जिनमें सरकार से नागरिक योजनाएं (जी2सी) जैसे प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना (पीएमएसवीएनआईडीएचआई), प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएम-एसवाईएम), प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना (पीएम-एलवीएम), इलेक्शन कार्ड प्रिंटिंग, ई-स्टांप सर्विस, और विभिन्न ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं शामिल हैं । प्रस्तावित बी2सी (बिज़निज़ टू सिटिज़न्स) सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं - जैसे भारत बिल भुगतान प्रणाली बिल (इलेक्ट्रिक, गैस, पानी के बिल आदि...), जीवन बीमा पॉलिसियों और सामान्य बीमा जैसे मोटर वाहन, स्वास्थ्य और अग्नि बीमा आदि के लिए नवीकरण प्रीमियम संग्रह, वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न ऋणों के लिए ईएमआई संग्रहण जैसे टिकट बुकिंग सेवा उपलब्ध है मसलन विमान, ट्रेन और बस टिकट सेवाएं ।

  • देश के 90 वाम उग्रवाद प्रभावित चिह्नित ज़िलों में नये शाखा डाक कार्यालय (बीओ) खोला जानाः गृह मंत्रालय द्वारा मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) के लिये तैयार नोट की भावना के अनुरूप देश के 90 वाम उग्रवाद प्रभावित चिह्नित ज़िलों में 4903 नये शाखा डाक कार्यालय (बीओ) खोले जाने के प्रस्ताव का बीड़ा उठाया गया । प्रथम चरण में 1789 शाखा डाकघर देश भर में वाम उग्रवाद प्रभावित ज़िलों की उन पंचायतों में खोले गए जहां पहले से डाकघर मौजूद नहीं है, इनमें से जनवरी, 2020 से नवम्बर, 2020 की कालावधि में 16 शाखा डाकघर खोले गए हैं ।   

5. लोक शिकायतें:

  • केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस): डाक विभाग उपभोक्ताओं की डाक सेवा संबंधी शिकायतों का निवारण केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के माध्यम से करता है । शिकायतों के शीघ्र निवारण के लिये 1.55 लाख डाक घरों का शाखा डाकघर कार्यालयों के स्तर तक मानचित्रण कर केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) को सुव्यवस्थित किया गया है । इस प्रक्रिया को प्रशासकीय सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के साथ सामंजस्य कर अंजाम दिया गया है एवं सितम्बर 2019 में सफलतापूर्वक नया संस्करण 7.0 शुरू किया गया । प्रशासकीय सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) में सुधार हेतु पायलट अध्ययन के लिये चयनित डाक विभाग अकेला विभाग है । वर्ष 2020 में 30.11.2020 तक प्राप्त शिकायतों का ब्यौरा निम्न हैः- 

 

क्रम संख्या

वर्ष

इस कालावधि में प्राप्त शिकायतें

शिकायतें जिनका इस कालावधि में निपटान किया गया

शिकायतों के निपटान का प्रतिशत

निपटान में लगा औसत समय (दिन)

1.

01.01.2020 से 30.11.2020

57604

56935

98.8%

16

 

  • सोशल मीडिया सेलः सोशल मीडिया सेल एक स्वतंत्र संस्था है जो डाक विभाग के ट्विटर एवं फेसबुक अकाउंट का कामकाज देखती है । सोशल मीडिया सेल दैनिक आधार पर सभी सर्किलों में आई शिकायतों की निगरानी करती है । शिकायत आने के बाद उस पर पहली कार्यवाही शुरू करने का औसत समय लगभग 4 घंटे होता है ।  वर्ष 2020 में दिनांक 30.11.2020 तक शिकायतों के निस्तारण संबंधी जानकारी निम्न हैः-   

 

क्रम संख्या

वर्ष

इस कालावधि में प्राप्त शिकायतें

शिकायतें जिनका इस कालावधि में निपटान किया गया

शिकायतों के निपटान का प्रतिशत

1.

01.01.2020 से 30.11.2020

197801

195896

99%

 

  • इंडिया पोस्ट कॉल सेंटर (आईपीसीसी): सरकार के कामकाज में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए कदमों के प्रकाश में डाक विभाग ने दूसरा इंडिया पोस्ट कॉल सेंटर पूरे साल सप्ताह के सातों दिन चौबीस घंटे चलने वाली आईवीआरएस (इंटरेक्टिव वॉइस रेस्पॉंस सिस्टम) सुविधा के साथ दिनांक 01.07.2019 को पटना में स्थापित किया । आईपीसीसी नागरिकों की सुविधा के लिये चार भाषाओं- हिंदी, अंग्रेज़ी, उड़िया एवं बंगाली- में काम कर रहा है । आईपीसीसी द्वारा दिनांक 01.01.2020 से 30.11.2020 के बीच 36,72, 136 कॉल प्राप्त किये गए ।

o डाक कार्यालयों में गतिमान कतार प्रबंधन प्रणाली (डीक्यूएमएस) का क्रियान्वयन: पिछले एक वर्ष में छह या अधिक सक्रिय काउंटर वाले 57 मुख्य डाक घरों में गतिमान कतार प्रबंधन (डीक्यूएमएस) प्रणाली को स्थापित किया गया है । 340 डाक घरों में डीक्यूएमएस स्थापित किये गए हैं ।     

      • प्रतीक्षा का समय कम करना
      • समूची प्रक्रिया की क्षमता बढ़ाना
      • ग्राहकों के मध्य संवाद से जुड़ी ग़लतफहमियों को कम करना
      • ग्राहकों एवं कर्मचारियों के लिये स्थितियां सुलभ बनाना
      • ग्राहकों के आगमन की निगरानी करना
  1. विभाग द्वारा कोविड 19 की स्थिति के लिये उठाए गए कदमः
  • लॉकडाउन के दौरान डाक सेवाओं को आवश्क सेवाओं के रूप में पहचाना गया । डाक घरों के विशाल नेटवर्क को प्रदेश सरकारों एवं स्थानीय निकायों से सामंजस्य बैठा कर पैदा हुई चुनौतियों के लिये तैयार किया गया । तुरंत पैदा होने वाली आवश्यकताओं का प्रबंधन करने, उनकी प्राप्ति करने तथा उन पर कार्यवाही करने के लिये इंडिया पोस्ट के मुख्यालय एवं प्रदेश स्तरीय मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए ।   
  • आपूर्ति श्रृंखलाः मेल ले जाने वाले विभागीय वाहनों का उपयोग कर 56 मार्गों एवं 75 शहरों को जोड़ने वाले नेटवर्क की अप्रैल, 2020 में शुरुआत की गई । यह नेटवर्क आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं वेंटिलेटर, हृदयरोग में काम आने वाले बिजली के उपकरण वितंतुविकंपनित्र, कोविड 19 परीक्षण किट, मास्क एवं पीपीई किट समेत उपचार में काम आने वाली सामग्रियों की आपूर्ति करने में मददगार रहा । डाक माध्यमों से लगभग 36,000 टन सामग्री वितरित की गई जिनमें पार्सल ट्रेनों का इस्तेमाल भी शामिल है । किसानों के लिये भी कृषि उत्पादों को बाज़ार तक लाने ले जाने में आपूर्ति श्रृंखला सुविधाओं का प्रबंध किया गया ।
  • वित्तीय समावेशनः लॉकडाउन के दौरान एवं लॉकडाउन की समाप्ति के आरंभिक चरण में लगभग 7.02 लाख करोड़ रुपये के 33.95 करोड़ लेनदेन पीओएसबी खातों के माध्यम से किये गए । 2389 करोड़ रुपये की धनराशि के 78 लाख एटीएम लेनदेन किये गए ।    
  • लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों की सुविधा के लिये जारी किये गए निर्देशः
  1. वित्त वर्ष 2019-20 एवं अप्रैल, 2020 में आरडी/ पीपीएफ/ एसएसए खातों में देय राशि में जून, 2020 तक हर्जाना/ नवीनीकरण फीस में माफी । 
  2. वित्त वर्ष 2019-20 से जून, 2020 तक की कालावधि में पीपीएफ/ एसएसए खातों पर एकबारगी जमा हेतु दिशानिर्देशों में ढील ।
  • iii. सेवानिवृत्त होने वालों के लिये सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) में निवेश की समय सीमा में एक महीने का विस्तार, फरवरी 2020 से अप्रैल 2020 तक की समय सीमा जून, 2020 तक बढ़ाई गई ।
  • iv. मार्च 2020 से मई 2020 की अवधि में जमा होने वाले आरडी पेशगी एवं डिफॉल्ट शुल्क में मिलने वाली रिबेट के प्रावधानों में ढील, जून 2020 तक कोई नीवीनीकरण/ डिफॉल्ट शुल्क नहीं लिया गया ।
  1. दिनांक 14.05.2020 से मार्च, 2021 तक की कालावधि में पीओएसबी योजनाओं के लिये टीडीएस दर में कमी ।
  • vi. पीओएसबी योजनाओं के अंतर्गत अनेक प्रकार की छूटों में दिनांक 30.06.2020 की बजाय दिनांक 30.07.2020 तक विस्तार ।
  • इण्डिया पोस्ट ने कोविड-19 के दौरान भारतीय दवा निर्माता संघ, महानिदेशक- स्वास्थ्य सेवाएं एवं अनेक निजी संस्थाओं एवं ऑनलाइन दवा कंपनियों से उनकी सुविधाओं से चिकित्सालयों एवं लाभार्थियों तक दवाओं के वितरण हेतु समझौता किया ।
  • कोविड की कालावधि में बैंकिंग सुविधाओं का लाभ न उठा पाने वाले ढाई करोड़ लाभार्थियों को एइपीएस के माध्यम से घर की दहलीज तक 5200 करोड़ रुपये वितरित किये गए ।
  • कोविड19 की कालावधि के दौरान डाक घर एवं आईपीपीबी अकाउंट्स के माध्यम से 31 करोड़ वित्तीय लेनदेन किये गए ।
  • जनता के हित में पहल करते हुए लोगों के आकस्मिक अनुरोध स्वीकार करने के लिये पोस्ट इंफो एप में विशेष फीचर जोड़े गए हैं । डाक विभाग द्वारा लॉकडाउन के दौरान 60,000 से भी अधिक सेवा अनुरोधों को देखा गया है ।
  • आधारभूत डाक सुविधाएं मुहैया कराने, भोजन तथा मास्क इत्यादि के वितरण के लिये देश भर में चलायमान डाक घरों को सक्रिय किया गया है ।
  • ज़रूरतमंदों को भोजन एवं राशन के लगभग 10 लाख पैकेट का मुफ़्त वितरण किया गया है ।
  • अप्रैल, 2020 56 लंबे मार्गों में समर्पित सड़क परिवहन नेटवर्क की शुरुआत की गई है एवं डाक आपूर्ति श्रृंखला को सक्रिय कर किसानों के कृषि उत्पादों को बाज़ार से जोड़ा गया है ।
  • इण्डिया पोस्ट ने कोविड 19 के दौरान सर्वश्रेष्ठ रसद सेवाएं मुहैया कराने के लिये इंडिया टुडे हेल्थगीरी पुरस्कार जीता । इण्डिया पोस्ट के कर्मचारियों की निस्वार्थ सेवा ध्यान आकर्षित किये बग़ैर नहीं रही है ।
  • कोरोना योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता का भाव पैदा करने एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये स्पेशल कवर, पोस्टकार्ड एवं स्पेशल इम्प्रेशन जारी किये गए हैं ।
  • सभी पंजीकृत अखबारों को अपनी सुविधा से अपने संस्करणों को प्रिंट एवं पोस्ट करने के लिये मार्च, 2020 से नवम्बर, 2020 तक की मोहलत प्रदान की गई है ।
  • डाक विभाग ने कोविड 19 महामारी के कारण डाक जीवन बीमा (पीएलआई)/ ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) का मार्च, 2020, अप्रैल, 2020, एवं मई, 2020 में दिया जाने वाला प्रीमियम पीरियड दिनांक 30.06.2020 तक बिना किसी हर्जाने के बढ़ा दिया है । कोविड 19 महामारी के फैलने के कारण व्यतीत हो चुकी बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण की तिथि, जिनमें पिछले 5 सालों के दौरान प्रीमिया नहीं भरा गया है, को चरणबद्ध तरीक़े से बढ़ाया गया ।
  • केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएम) पोर्टलः महामारी की पृष्ठभूमि में लोगों की डाक संबंधी आवश्यकताओं से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने एवं उनकी निगरानी करने के लिये केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर कोविड19 की शिकायतों की एक विशेष श्रेणी तैयार की गई थी । दिनांक 30.03.2020 से इस श्रेणी को तैयार करने के बाद निर्धारित तीन दिन की टाइमलाइन के भीतर 1235 शिकायतों का समाधान किया गया ।  
  • सोशल मीडियाः नागरिकों की चिंताओं का समाधान कर उन्हें दवाएं बुक कर उनकी आपूर्ति करा कर तुरंत सहायता उपलब्ध कराने एवं डाक कार्यालयों में वित्तीय लेनदेन का प्रबंध करने से सोशल मीडिया (इंडिया पोस्ट का ट्विटर हैंडल) के कारण महामारी कम करने वाला प्रभाव पड़ा । लॉकडाउन की कालावधि के दौरान 1.54 लाख शिकायतों का समाधान किया गया ।
  • ऑनलाइन पोर्टल पर कोविड 19 शिकायतों की श्रेणी अलग से मुहैया कराई गई है । कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान 25 लाख फोन कॉल पर आईपीपीसी सेवाएं । 

7. विविधः

  • मानव संसाधन प्रबंधनः विभाग ने अनेक प्रशिक्षण गतिविधियां चलाई हैं एवं 92,824 अधिकारी/ कर्मचारी जनवरी, 2020 से नवम्बर, 2020 की कालावधि में प्रशिक्षित किये गए हैं ।  

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