विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डॉ. हर्षवर्धन द्वारा नये दृष्टिकोण के साथ नई इकाई सीएसआईआर- राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) का उद्घाटनकिया


नया संस्थान,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज और विज्ञान संचार व नीति अनुसंधान के इंटरफेस पर काम करने वाले सीएसआईआर-निस्केयर और सीएसआईआर-निस्टैड्स नामक सीएसआईआर के दो प्रतिष्ठित संस्थानों के विलय के बाद स्थापित किया गया है

यह विलय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई), नीति अनुसंधान और संचार के क्षेत्र में समझ विकसित करने के लिएविश्व स्तर पर एक सम्मानित थिंक टैंक और संसाधन केंद्र के रूप में उभरने केदृष्टिकोण सेदो संस्थानों की शक्ति को समन्वित तरीके सेएकजुट करेगा:डॉ. हर्षवर्धन

दोनों संस्थानों का विलय एक और एक ग्यारह के बराबर है न कि दो के बराबर : डॉ. शेखर सी. मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव डीएसआईआर

Posted On: 14 JAN 2021 5:46PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रीडॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के नए संस्थान सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) का उद्घाटन किया।नया संस्थान,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज और विज्ञान संचार व नीति अनुसंधान के इंटरफेस पर काम करने वाले सीएसआईआर-राष्‍ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्‍थान (सीएसआईआर–निस्केयर) और सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान (सीएसआईआर–निस्टैड्स) नामक सीएसआईआर के दो प्रतिष्ठित संस्थानों के विलय के बाद स्थापित किया गया है।

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डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर सीएसआईआर-एनआईएससीपीआरपरिसर के केंद्रीय लॉन में पौधारोपण के बाद नए संस्थान की पट्टिका का अनावरण किया।उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस विलय का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) नीति अनुसंधान और संचार के क्षेत्र में समझ विकसित करने के लिए विश्व स्तर पर एक सम्मानित थिंक टैंक और संसाधनकेंद्र के रूप में उभरने के दृष्टिकोण से दो संस्थानों की शक्ति को समन्वित तरीके से एकजुट करना है।उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान, संचार और नीति अनुसंधान के मुख्य क्षेत्रों के साथ समाज की सेवा करेगा जो कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण साबित हुआ है।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि साक्ष्य आधारित नीति और नवाचार "आत्मनिर्भर भारत" को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

डॉ. हर्षवर्धन ने श्रोताओं को बताया कि इन दो महान संस्थानों के विलय से इनके इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ आयेगा और अब दोनों संस्थानों में निहित ज्ञान का भंडार इस नई इकाई को वैश्विक विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा और प्रतिष्ठित संस्थान बनाने के लिए संयोजित करेगा।उन्होंने सभी से अपना दृष्टिकोण बदलने का आग्रह किया, और भविष्य के सपनों की बात कही जिससे "नया भारत" बनाने में मदद मिल सके।

डॉ. शेखर सी. मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संस्थान का मिशन विभिन्न हितधारकों के बीच एसटीआई नीति अध्ययन और विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के साथ ही विज्ञान, प्रौद्योगिकी, उद्योग और समाज के इंटरफेस पर एक सेतु के रूप में कार्य करना है जो देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम की मजबूत बुनियाद के लिए आवश्यक है।उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों का विलय "एक और एक ग्यारह के बराबर है न कि दो के"। उन्होंने वैज्ञानिकों पर विश्वास जताते हुए कहा कि वे इस नए संस्थान को हमेशा नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

प्रोफेसर रंजना अग्रवाल, निदेशक सीएसआईआर-निस्केयर और सीएसआईआर-निस्टैड्स ने पिछले कुछ दशकों में दोनों संस्थानों द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। सीएसआईआर-निस्केयर, विज्ञान संचार में लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाओं (विज्ञान प्रगति और विज्ञान रिपोर्टर) और वैज्ञानिक पत्रिकाओं के प्रकाशन में एक अग्रणी संस्थान रहा है। सीएसआईआर-निस्केयर सबसे बड़े और सबसे पुराने राष्ट्रीय विज्ञान पुस्तकालय का प्रबंधन भी कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय मानक सीरियल नंबर (आईएसएसएन) भी वितरित करता है। यह नेशनल नॉलेज रिसोर्स कंसोर्टियम (एनकेआरसी) का संरक्षक रहा है, जो सभी प्रमुख प्रकाशकों, पेटेंट, मानकों, उद्धरणों और ग्रंथ सूची डेटाबेस के 5000 से अधिक ई-पत्रिकाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करता है।

इसी तरह, सीएसआईआर-निस्टैड्स ने नीति अनुसंधान की अपनी लंबी यात्रा में प्रतिष्ठा अर्जित की है। साथ ही विज्ञान के इतिहास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और समाज, व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में एक समृद्ध अनुसंधान का अनुभव है। इसने यूनेस्को और राष्ट्रमंडल विज्ञान परिषद से परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है, राज्य विज्ञान एवंप्रौद्योगिकी परिषदों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अपने संबंधित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रचार योजनाओं की समीक्षा भी की है। सीएसआईआर-निस्टैड्स ने सामाजिक रूप से स्वीकार्य, प्रासंगिक, मापनीय और लागत-प्रतिस्पर्धी उत्पादों के विकास और अनुप्रयोगों को सक्षम करने के लिए एक तकनीकी-सामाजिक-आर्थिक मंच बनाया है।

सीएसआईआर-निस्केयर के प्रमुख वैज्ञानिक श्री हसन जावेद खान, ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि नया संस्थान प्रमुख क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।

सीएसआईआर के सभी वैज्ञानिक संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं और अन्य सरकारी विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान एजेंसियों ने इस कार्यक्रम को लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से देखा।

 

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