शिक्षा मंत्रालय

प्रधानमंत्री ने दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्‍सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया


नई शिक्षा नीति बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण पर केंद्रित हैः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने युवाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा उपलब्‍ध कराए गए लचीलेपन और नवाचारी शिक्षण प्रारूप का लाभ उठाने का आग्रह किया

Posted On: 12 JAN 2021 5:20PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्‍सव के समापन समारोह को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन सेंट्रल हॉल में किया गया और प्रधानमंत्री ने इस महोत्सव के तीन युवा राष्ट्रीय विजेताओं के विचारों को भी सुना। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू भी इस अवसर पर  उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों को संबोधित करते हुए उनसे और देश के युवाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा उपलब्‍ध कराए गए लचीलेपन और नवाचारी शिक्षण प्रारूप का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि हम देश में एक ऐसे तंत्र का सृजन करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी अनुपस्थिति में अक्सर युवाओं को विदेश का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो उन्हें बेहतर उद्यम, अवसर, मान्यता और सम्मान प्रदान करेगा।

स्वामी विवेकानंद का उनकी जयंती पर स्‍मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय बीतने के बाद भी स्वामी विवेकानंद का प्रभाव और असर हमारे राष्ट्रीय जीवन में बरकरार है। राष्ट्रवाद और राष्ट्र-निर्माण के बारे में उनके विचार और जनता की सेवा व विश्‍व की सेवा करने के संबंध में उनकी शिक्षा हमें लगातार प्रेरित करती रहती है। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत और संस्थानों में स्वामी जी के योगदान के बारे में भी बात की। उनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों ने संस्थानों का सृजन किया और बदले में नए संस्था-निर्माता भी बनाएं। इससे व्यक्तिगत विकास से संस्था-निर्माण और इसके विपरीतक्रम में सदगुण चक्र की भी शुरुआत हुई।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री पोखरियाल ने स्वामी विवेकानंद के संदेश को याद करते हुए कहा कि युवा किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत होते हैं और युवा अपने प्रयासों से देश के भविष्य को आकार देते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि लोकतांत्रिक प्रणाली में युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन्होंने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में शामिल करके सभी को जिम्मेदार नागरिक बनने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

श्री पोखरियाल ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जिसे हमारे संविधान से ताकत मिलती है, जो समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना हमारे संविधान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रस्तावना का पहला शब्द है ‘हम’ यानी “हम भारत के लोग”। उन्होंने कहा कि यह वाक्य भारतीय समाज में अंतर्निहित है और समाज को एक राष्ट्रीय भावना के साथ जोड़े रखता है।

उन्होंने युवाओं से अपनी अपार ऊर्जा, आकांक्षाओं, सपनों और देश के भविष्य को आकार देने की इच्छा शक्ति का उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा “मुझे आशा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में 21वीं सदी की युवा पीढ़ी स्वर्णिम भारत की मजबूत नींव रखेगी।”

आज के राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव में प्रधानमंत्री के भाषण में शिक्षा से संबंधी अंशों को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1687901

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